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राज्य सरकार पर्यटन को पर्याप्त बढ़ावा देती है किन्तु अलगाववादी संगठन 'उल्फा' और 'बोडो राष्ट्रीय लोकतांत्रिक मोर्चा', गारो पहाड़ियों को अपनी गतिविधियों का केन्द्र बनाते रहे हैं । घने जंगल और बांग्लादेश की सीमा समीप होने के कारण ये लोग इसे गुप्तवास की भाँति प्रयोग करते हैं।
राज्य सरकार पर्यटन को पर्याप्त बढ़ावा देती है किन्तु अलगाववादी संगठन 'उल्फा' और 'बोडो राष्ट्रीय लोकतांत्रिक मोर्चा', गारो पहाड़ियों को अपनी गतिविधियों का केन्द्र बनाते रहे हैं । घने जंगल और बांग्लादेश की सीमा समीप होने के कारण ये लोग इसे गुप्तवास की भाँति प्रयोग करते हैं।


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मेघालय
राजधानी शिलांग
स्थापना 1972/01/21
जनसंख्या 2,175,000
· घनत्व 103 /वर्ग किमी
क्षेत्रफल 22,429
· ग्रीष्म 23°C
· शरद 3 °C
वर्षा 12000 मिमी
ज़िले 7
लिंग अनुपात 1000:975 ♂/♀
साक्षरता 62.6%
राज्यपाल रंजीत शेखर मूसाहारी
बाहरी कड़ियाँ अधिकारिक वेबसाइट
अद्यतन‎

इतिहास और भूगोल

मेघालय भारत के उत्तर पूर्व में एक राज्य है। मेघालय का निर्माण असम के अंतर्गत 2 अप्रैल, 1970 को एक स्‍वतंत्र राज्‍य के रूप में किया गया। पूर्ण राज्‍य मेघालय 21 जनवरी, 1972 को बना। इसकी उत्तरी और पूर्वी सीमाएं असम से और दक्षिणी तथा पश्चिमी सीमाएं बांग्लादेश से मिलती हैं। मेघालय का शाब्दिक अर्थ है मेघों का आलय अर्थात बादलों का घर। मेघालय मूलत: एक पहाड़ी राज्‍य है। यहाँ खासी, जैंतिया और गारों आदिवासी समुदाय के लोग मुख्यत: रहते हैं। मेघालय के मध्‍य और पूर्वी भाग में खासी और जैंतिया पहाड़ियाँ और एक विशाल पठारी क्षेत्र है। यहाँ विस्‍तृत मैदान, पहाडियां और नदी, घाटियां हैं। पहाड की तलहटी पर समतल भूमि की संकरी पट्टी बांग्लादेश की अंतरराष्‍ट्रीय सीमा के साथ लगी है। thumb|250px|left|मेघालय का एक दृश्य
A View Of Meghalaya
मेघालय का क्षेत्रफल लगभग 22,429 वर्ग किलोमीटर है। सन 2000 की जनगणना के अनुसार यहाँ की जनसंख्या 2,175,000 है। इसके उत्तर में असम है जिसकी सीमा ब्रह्मपुत्र नदी से विभाजित होती है, और दक्षिण में बांग्लादेश है। मेघालय की राजधानी शिलांग है। यह एक बहुत ही ख़ूबसूरत नगर है। यहाँ की जनसंख्या लगभग 260,000 है। मेघालय पहले असम राज्य का अंग था जिसको विभाजित करके 21 जनवरी 1972 को एक नया प्रान्त बनाया गया।

जलवायु

मेघालय की जलवायु ना तो अधिक उष्ण या ना अधिक शीत है। यहाँ का जलवायु मध्यम और आर्द्र है । यहाँ वार्षिक वर्षा लगभग 1200 से.मी. तक होती है। यह राज्य को देश का सबसे 'गीला' राज्य कहा जाता है । शिलांग के दक्षिण में चेरापूंजी है, जहाँ एक कैलेंडर महीने में सर्वाधिक बरसात का विश्व कीर्तिमान स्थापित किया है । इसी नगर के समीप 'मावसिनराम' नामक गाँव के नाम सर्वाधिक सालाना बारिश का रिकॉर्ड है । क्षेत्रफल का लगभग एक तिहाई हिस्सा वनों से ढ़का हुआ है । यहाँ की गारो, खासी और जयंतिया पहाड़ियां ज़्यादा ऊँची नहीं हैं । शिलांग शिखर की ऊँचाई 1966 मीटर है, यह यहाँ का सबसे ऊँचा शिखर है । यहाँ की गुफाओं में चूने के जल से बनी विभिन्न आकृतियां हैं, जिनमें स्टेलैक्टाईट और स्टेलैग्माईट जैसी आकृतियां प्रसिद्ध हैं ।

जनसंख्या

यहाँ पर कुल जनसंख्या का लगभग 85 प्रतिशत जनजातीय आबादी है। लगभग 50% खासी हैं, इनके बाद गारो जाति है जिनकी जनसंख्या एक तिहाई है । इसके अलावा जयंतिया तथा हजोंग जाति के लोग भी हैं । लगभग 15 प्रतिशत आबादी में बंगाली तथा शेख़ हैं । मेघालय देश के उन तीन राज्यों में से एक है जहां पर ईसाई बहुमत है। अन्य दो राज्य - नागालैंड और मिज़ोरम भी भारत के उत्तर पूर्व में ही स्थित हैं । खासी जाति के लोग कैथोलिक हैं, गारो जाति के लोग बाप्टिस्ट हैं। thumb|left|चैरापुन्जी गांव, मेघालय
Cherrapunjee Village, Meghalaya

कृषि और सिंचाई

मेघालय प्रधानत: कृ‍षि प्रधान राज्‍य है। यहाँ की लगभग 80 प्रतिशत जनसंख्‍या मुख्‍य रूप से खेती पर ही निर्भर है। यहाँ की मिट्टी और जलवायु बाग़वानी के अनुकूल है। शीतोष्‍ण, उष्णोष्‍ण और उष्‍ण कटिबंधिय फलों और सब्जियों के उत्‍पादन की भी यहाँ पर अपार संभावनाएं हैं।

यहाँ की मुख्‍य फ़सलें चावल और मक्‍का हैं। इनके अतिरिक्‍त संतरे (खासी मेंडेरियन), अनान्‍नास, केला, कटहल और आलूबुखारा, नाशपाती तथा आड़ू जैसे शीतोष्‍ण फलों के लिए प्रसिद्ध है। नकदी फ़सलों में आलू, हल्‍दी, अदरक, काली मिर्च, सुपारी, पान टैपियोका, छोटे रेशे वाली कपास, पटसन और मेस्‍टा, सरसों और तोरिया हैं। इस समय तिलहनों (मूंगफली, सोयाबीन और सूरजमुखी), काजू, स्‍ट्रॉबरी, चाय और कॉफी, मशरूम, जड़ी-बूटियों, ऑर्किड आदि फूलों की खेती पर मुख्य रूप से ध्‍यान केंद्रित किया जा रहा है।

उद्योग

राज्‍य की वित्तीय एवं औद्योगिक विकास संस्‍था का नाम 'मेघालय औद्योगिक विकास निगम लिमिटेड' है, जो उद्योग के लिए स्थानीय उद्यमियों को वित्तीय सहायता देती है। ज़िला औद्योगिक केंद्र ग्रामीण और कुटीर उद्योगों के विकास के लिए कार्य कर रहा है। लोहे, इस्‍पात सामग्री, सीमेंट तथा अन्‍य वस्‍तुओं के उत्‍पादन के लिए भी अनेक उद्योगों की स्‍थापना की गई है।

त्‍योहार

‘का पांबलांग-नोंगक्रेम’ खासियों का एक प्रमुख धार्मिक त्‍योहार है। जो पांच दिन तक मनाया जाता है। इसे 'नोंगक्रेम' के नाम से भी जाना जाता है। यह शिलांग से लगभग 11 कि.मी. की दूरी पर स्थित 'स्मित' नामक गांव में मनाया जाता है। 'शाद सुक मिनसीम' खासियों का महत्‍वपूर्ण त्योहार है। यह त्योहार हर साल अप्रैल के दूसरे हफ़्ते में शिलांग में मनाया जाता है। 'बेहदीनखलम जयंतिया' आदिवासियों का महत्‍वपूर्ण त्‍योहार है। यह जुलाई माह में जयंतिया पहाडियों के जोवई कस्‍बे में मनाया जाता है। गारो आदिवासी सलजोंग (सूर्य देवता) नामक देवता के सम्‍मान में अक्टूबर-नवंबर में 'वांगला' नामक त्‍योहार मनाते हैं। यह त्‍योहार लगभग एक हफ्ते तक मनाया जाता है।

परिवहन

सड़कें मेघालय से हो कर छ: राष्‍ट्रीय राजमार्ग हैं। राज्‍य में लोक निर्माण विभाग द्वारा तैयार की गई पक्‍की और कच्‍ची सड़कों की कुल लंबाई 7,977.98 किलोमीटर है।

उड्डयन राज्‍य में एक मात्र हवाई अड्डा 'उमरोई' में हैं, जो शिलांग से 35 किलोमीटर की दूरी पर है।

पर्यटन स्‍थल

thumb|250px|बड़ी झील, मेघालय
Big Lake, Meghalaya
मेघालय में बहुत से ऐसे पर्यटन स्‍थल हैं, जहां पर प्रकृति अपने भव्‍य रूप में उपस्थित है। राजधानी शिलांग में भी अनेकसुन्दर स्‍थल हैं। जिनमें वार्ड लेक, लेडी हैदरी पार्क, पोलो ग्राउंड, मिनी चिडियाघर, एलीफेंट जलप्रपात, और शिलांग की पर्वत चोटी प्रमुख हैं। शिलांग की पर्वत चोटी से पूरे नगर का दृश्य दिखाई देता है। यहाँ का गोल्‍फ कोर्स देश के अच्छे गोल्‍फ कोर्स मैदानों में से एक है।

राज्य सरकार पर्यटन को पर्याप्त बढ़ावा देती है किन्तु अलगाववादी संगठन 'उल्फा' और 'बोडो राष्ट्रीय लोकतांत्रिक मोर्चा', गारो पहाड़ियों को अपनी गतिविधियों का केन्द्र बनाते रहे हैं । घने जंगल और बांग्लादेश की सीमा समीप होने के कारण ये लोग इसे गुप्तवास की भाँति प्रयोग करते हैं।


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