भारत के राष्ट्रपति: Difference between revisions
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Revision as of 13:29, 22 August 2017
भारत के राष्ट्रपति राष्ट्रप्रमुख और भारत के प्रथम नागरिक हैं, साथ ही भारतीय सशस्त्र सेनाओं के प्रमुख सेनापति भी हैं। राष्ट्रपति के पास पर्याप्त शक्ति होती है पर कुछ अपवादों के अलावा राष्ट्रपति के पद में निहित अधिकांश अधिकार वास्तव में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाले मंत्रिपरिषद के द्वारा उपयोग किए जाते हैं। भारत के राष्ट्रपति नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में रहते हैं, जिसे रायसीना हिल के नाम से भी जाना जाता है। राष्ट्रपति अधिकतम दो कार्यकाल तक हीं पद पर रह सकते हैं। अब तक केवल पहले राष्ट्रपति डा. राजेंद्र प्रसाद ने हीं इस पद पर दो कार्यकाल पूरा कियें है। महामहिम प्रतिभा पाटिल भारत की 12वीं तथा इस पद को सुशोभित करने वाली पहली महिला राष्ट्रपति हैं। उन्होंने 25 जुलाई, 2007 को पद व गोपनीयता की शपथ ली थी।
भारत के राष्ट्रपति
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विवरण | 'राष्ट्रपति' भारत गणराज्य के कार्यपालक अध्यक्ष होते हैं। संघ के सभी कार्यपालक कार्य उनके नाम से किये जाते हैं। अनुच्छेद 52 के अनुसार संघ की कार्यपालक शक्ति उनमें निहित हैं। वह भारतीय सशस्त्र सेनाओं के सर्वोच्च सेनानायक होते हैं। |
सम्बोधन | महामहिम |
निवास स्थान | राष्ट्रपति भवन |
कार्य काल | पाँच वर्ष (पुनः निर्वाचन योग्य) |
प्रथम राष्ट्रपति | डॉ. राजेंद्र प्रसाद |
धारक | 26 जनवरी, 1950 |
वर्तमान राष्ट्रपति | द्रौपदी मुर्मू |
विशेष | भारत के राष्ट्रपति सभी प्रकार के आपातकाल लगाने व हटाने वाले, युद्ध/शांति की घोषणा करने वाले, देश के प्रथम नागरिक होते हैं। किसी के मृत्युदण्ड को क्षमादान में बदलने की शक्ति भी संविधान ने उन्हें प्रदान की है। |
संबंधित लेख | भारत के मुख्य न्यायाधीश, भारत के प्रधानमंत्री, भारत सरकार |
अन्य जानकारी | अनुच्छेद 54 के अनुसार राष्ट्रपति का निर्वाचन ऐसे निर्वाचक मण्डल के द्वारा किया जाएगा, जिसमें संसद (लोकसभा तथा राज्यसभा) तथा राज्य विधान सभाओं के निर्वाचित सदस्य शामिल होंगे। राष्ट्रपति के निर्वाचक मण्डल में संसद के मनोनीत सदस्य, राज्य विधान सभाओं के मनोनीत सदस्य तथा राज्य विधान परिषदों के सदस्य शामिल नहीं किये जाते। |
अद्यतन | 12:55, 23 जुलाई 2022 (IST)
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राष्ट्रपतियों की सूची एवं कार्यकाल
पुननिर्वाचन के लिए योग्यता
अनुच्छेद 57 के अनुसार भारत के राष्ट्रपति पद पर पदस्थ व्यक्ति दूसरे कार्यकाल के लिए भी चुनाव में उम्मीदवार बन सकता है। वैसे संविधान में यह व्यवस्था नहीं की गयी है कि राष्ट्रपति पद पर पदस्थ व्यक्ति दूसरे कार्यकाल के लिए निर्वाचन में भाग ले सकता है या नहीं, लेकिन सामान्यत: यह परम्परा बन गयी है कि राष्ट्रपति पद के लिए कोई व्यक्ति एक ही बार निर्वाचित किया जाता है। इसका अपवाद राजेन्द्र प्रसाद रहे हैं, जो दो बार राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार थे। इसके अतिरिक्त दो राष्ट्रपति ज़ाकिर हुसैन तथा फ़खरुद्दीन अहमद, जो कार्यकाल के दौरान ही मर गये थे, के सिवाय सभी राष्ट्रपति अपने एक कार्यकाल के बाद दूसरी बार राष्ट्रपति के चुनाव में उम्मीदवार नहीं बने।
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- REDIRECT साँचा:इन्हें भी देखें
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बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख