दादरा तथा नगर हवेली: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
m (Adding category Category:पश्चिम भारत (को हटा दिया गया हैं।))
m (Adding category Category:चुनाव अद्यतन (को हटा दिया गया हैं।))
Line 78: Line 78:
[[Category:भारत के राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश]][[Category:राज्य संरचना]]
[[Category:भारत के राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश]][[Category:राज्य संरचना]]
[[Category:पश्चिम भारत]]
[[Category:पश्चिम भारत]]
[[Category:चुनाव अद्यतन]]
__INDEX__
__INDEX__
__NOTOC__
__NOTOC__

Revision as of 13:16, 3 April 2012

दादरा तथा नगर हवेली
राजधानी सिलवासा
राजभाषा(एँ) गुजराती भाषा, मराठी भाषा, पुर्तग़ाली, हिन्दी और भिली[1]
स्थापना 11 अगस्त, 1961
जनसंख्या 2,20,451 [1]
· घनत्व 453 /वर्ग किमी
क्षेत्रफल 491 वर्ग किमी
भौगोलिक निर्देशांक 20.27°उत्तर - 73.02° पूर्व
ज़िले 1
साक्षरता 60.03 [1]%
प्रशासक नरेंद्र कुमार[2]
बाहरी कड़ियाँ अधिकारिक वेबसाइट

इतिहास और भूगोल

मराठों और पुर्तग़ालियों के बीच लंबे संघर्ष के बाद 17 दिसंबर, 1779 को मराठा सरकार ने मित्रता सुनिश्चित करने के लिए इस प्रदेश के कुछ गांवों का 12,000 रुपये का राजस्‍व क्षतिपूर्ति के तौर पर पुर्तग़ालियों को सौंप दिया था। जनता द्वारा 2 अगस्‍त, 1954 को मुक्‍त कराने तक, पुर्तग़ालियों ने इस प्रदेश पर शासन किया। 1954 से 1961 तक यह प्रदेश लगभग स्‍वतंत्र रूप से काम करता रहा जिसे ‘स्‍वतंत्र दादरा एवं नगर हवेली प्रशासन’ ने चलाया। लेकिन 11 अगस्‍त, 1961 को यह प्रदेश भारतीय संघ में शामिल हो गया है और तब से भारत सरकार एक 'केंद्रशासित प्रदेश' के रूप में इसका प्रशासन कर रही है। पुर्तग़ाल के चंगुल से इस क्षेत्र की मुक्ति के बाद से ‘वरिष्‍ठ पंचायत’ प्रशासन की परामर्शदात्री संस्‍था के रूप में कार्य कर रही थी पंरतु इसे 1989 में भंग कर दिया गया और अखिल भरतीय स्‍तर पर संविधान संशोधन के अनुरूप 'दादरा और नगर हवेली' ज़िला पंचायत और 11 ग्राम पंचायतों की एक प्रदेश परिषद गठित कर दी गई। दादरा और नगर हवेली 491 वर्ग कि.मी. में फैला छोटा सा केंद्रशासित प्रदेश है। यह गुजरात और महाराष्ट्र राज्‍यों से घिरा हुआ है। इसके दो भाग हैं एक दादरा और दूसरा नगर हवेली। निकटतम रेलवे स्‍टेशन वापी में है, जो सिलवासा से 18 किलोमीटर दूर है।

भाषा

मुख्य भाषा गुजराती भाषा और मराठी भाषा है।

कृषि

दादरा और नगर हवेली मुख्‍यत: ग्रामीण क्षेत्र हैं, जहां 79 प्रतिशत आदिवासी रहते हैं। इसका कृषि क्षेत्र लगभग 21,115 हेक्‍टेयर है। मुख्‍य फ़सल धान (ख़रीफ) है तथा नागली और पहाड़ी बाज़ारा अन्‍य प्रमुख फ़सलें हैं। फलों में आम, चीकू तथा केले का मुख्‍य उत्‍पादन होता है तथा कुल भू-भाग के 40 प्रतिशत क्षेत्र में वन हैं।

पिछले कुछ वर्षों में गन्‍ने की खेती को बड़े स्‍तर पर शुरू किया गया है। सिंचाई के क्षेत्रों में कई प्रकार की फ़सल प्रणालियों को अपनाने के प्रयास जारी हैं। वर्ष 2006-07 के दौरान एच.वाई.वी. बीजों की 87 मिलियन टन मात्रा 2211 किसानों के बीच 1407 मिलियन टन रासायनिक उर्वरक के साथ 6449 किसानों को बांटी गई। बूधानी और मंडोनी पटेलाड में कार्बनिक खेती योजना जल्‍दी ही आरंभ की जाएगी। इसके लिए 60 किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए गए हैं।

दादरा और नगर हवेली के जनजातीय क्षेत्रों में 'वाडी विकास कार्यक्रम' का क्रियान्‍वयन 'बैफ' नामक गैर सरकारी संगठन द्वारा नाबार्ड की वित्तीय सहायता से किया जा रहा है और इसमें कुल 800 जनजातीय और अनुसूचित जाति के परिवारों को लाभ मिलेगा।

सिंचाई और बिजली

दादरा और नगर हवेली में स्‍वतंत्रता से पूर्व, किसी प्रकार की सिंचाई सुविधाएं नहीं थी और किसानों को पूरी तरह वर्षा पर निर्भर रहना पड़ता था। प्रदेश के भारतीय संघ में सम्मिलित होने के बाद लघु सिंचाई क्षेत्र में पर्याप्‍त उपाय किए गए हैं। अब तक सिंचाई कुओं से संबंधित 128 लिफ्ट सिंचाई परियोजनाएं पूरी की जा चुकी हैं। भूतल जल संसाधनों, जैसे कि नदियों, बांधों के जरिए प्रदेश में 1851 हेक्‍टेयर क्षेत्र के लिए अतिरिक्‍त सिंचाई व्‍यवस्‍था की गई है। मंझोली सिंचाई परियोजना - जैसे 'दमनगंगा आरक्षित जल परियोजना' के जरिए इस केंद्र शासित प्रदेश में 115 कि.मी. छोटी नहरें और राजबाहे चल रहे हैं। 4300 हेक्‍टेयर में सभी तरह के फील्‍ड चैनलों में विकास कार्य पूरा हो चुका है तथा 4,049 हेक्‍टेयर में परीक्षण किया गया है।

दादरा और नगर हवेली संघ राज्‍य क्षेत्र की स्‍वतंत्रता से पहले यहाँ कोई विद्युतीकरण नहीं था। यहाँ केवल एक डीजी सैट द्वारा बिजली प्रदान की जाती थी, जिसे सर्किट हाउस में अति‍ विशिष्‍ट व्‍यक्तियों के लिए सिलवासा कस्‍बे में लगाया गया था, चलाया जाता था।

स्‍वतंत्रता के बाद संघ राज्‍य क्षेत्र प्रशासन ने गुजरात के पड़ोसी राज्‍य के सहयोग से ग्रामीण विद्युतीकरण कार्य आरंभ किया और 1976 तक 25 गांवों में विद्युतीकरण का कार्य पूरा किया। संघ राज्‍य क्षेत्र की बिजली की मांग वापी-सिलवासा से एकल परिपथ के माध्‍यम से गुजरात विद्युत मंडल द्वारा पूरी की जाती है और इसे ग्राहकों की सीमित संख्‍या के बीच वितरित किया जाता है। अम्‍ली में 1979 में पहला 66 के.वी. सबस्‍टेशन स्‍थापित किया गया था। इस सबस्‍टेशन की कमिशनिंग के बाद विद्युत विभाग इस सभी गांवों को बिजली प्रदान करने की स्थिति में है।

गांव खडोली में विद्युत मंत्रालय द्वारा 220/66 केवी, 2x160 एमवीए सबस्‍टेशन को अनुमोदित किया गया है। पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा इस कार्य का कार्यान्‍वयन किया जाएगा, जो अगले तीन वर्ष में पूरा होने की आशा है। इसके अतिरिक्‍त वाघ धरा, अथल, पिपरिया, सायली, वेलुगम आदि में विभिन्‍न 66/11 केवी के सबस्‍टेशन स्‍थापित करने का प्रस्‍ताव विचाराधीन है।

संघ राज्‍य क्षेत्र की बिजली की आवश्‍यकता वर्तमान में पश्चिमी क्षेत्र में स्थित केन्‍द्रीय क्षेत्र विद्युत उत्‍पादन स्‍टेशन द्वारा पूरी की जा रही है। केन्‍द्रीय क्षेत्र से मौजूदा विद्युत आबंटन 270 मेगावॉट है। बिजली की मांग भारत सरकार द्वारा इस संघ राज्‍य क्षेत्र में कर अवकाश लाभ विस्‍तारित करने से हुए तीव्र औद्योगिकीकरण के कारण तेजी से बढ़ गई है।

परिवहन

केंद्र शासित प्रदेश पूरी तरह महाराष्‍ट्र और गुजरात के सड़क नेटवर्क पर निर्भर है क्‍योकि मुंबई से इन दोनों राज्‍यों को पार करने के उपरांत ही प्रदेश में पहुंचा जा सकता है। वर्तमान में सड़कों की कुल दोनों लंबाई 635 कि.मी. है जिसमें से 570 कि.मी. पक्‍की हैं। लगभग सभी गांव ऐसी सड़कों से जुड़े हैं जो हर मौसम में ठीक रहती हैं। मुंबई से अहमदाबाद का रेल मार्ग वापी से भी जुड़ा है। निकटतम हवाई अड्डा मुंबई है। बढ़ते यातायात की ज़रूरतों को मद्देनज़र प्रदेश में सड़कें चौडी करने का काम हाल में शुरू किया गया है।

तेजी से बढ़ रहे औद्योगिकीकरण को देखते हुए सिलवासा और आस-पास के क्षेत्रों में अन्‍य छुट-पुट कार्यों के अलावा चार लेन सड़क-निर्माण का कार्य शुरू किया गया है। दो लेन सड़क को 17.69 की लंबाई के लिए चार लेन में बदलने का काम पूरा हो गया है। दादरा-तिगहरा सड़क का कार्य प्रगति पर है और वर्तमान वित्तीय वर्ष अर्थात 2007 - 08 के दौरान अन्‍य 5.70 कि. मी. लम्‍बी सड़क, जो सिलवासा और नरोली को जोड़ती है, के चार लेन वाली सड़क में बदल जाने की आशा है।

  • यहाँ सबसे पास का रेलवे स्टेशन वापी है जो पश्चिमी रेलवे से सम्बंधित है। लगभग सभी बड़ी रेलगाड़ियाँ यहाँ आती हैं।
  • दादर और नगर हवेली संघ राज्य मुंबई- बड़ोदा और दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग न.8 (पश्चिमी एक्सप्रेस हाईवे)से जुड़ा है। सिलवासा भिलाड़ से 14 किमी और वापी से 18 किमी की दूरी पर है।

त्‍योहार

दादरा और नगर हवेली क्षेत्र में सामान्‍यतया सभी हिंदु, मुस्लिम और ईसाई त्‍योहार मनाए जाते हैं। आदिवासी अपने ही त्‍योहार मनाते हैं। ढोडिया और वर्ली जनजातियां ‘दिवसो’ त्‍योहार मनाती हैं और ढोडिया जनजाति रक्षाबंधन भी मनाती है। वर्ली, कोकना और कोली जनजातियां 'भावड़ा' त्‍योहार मनाती हैं। यहाँ की सभी जातियों के लोग फ़सल काटने से पहले ग्राम देवी की पूजा करते है तथा फ़सल काटने के बाद ‘काली पूजा’ का त्‍योहार मनाते हैं।

पर्यटन स्‍थल

[[चित्र:Hirwavan-Garden-Dadra.jpg|thumb|400px|हीरावन उद्यान, दादरा
Hirwavan Garden, Dadra]] घने वन क्षेत्र तथा अनुकूल जलवायु को देखते हुए यहाँ पर्यटन क्षेत्र को उच्‍च प्राथमिकता दी गई है। पर्यटन की दृष्टि से प्रमुख स्‍थान है -

  • ताडकेश्‍वर शिव मंदिर,
  • वृंदावन,
  • खानवेल का हिरण पार्क,
  • बाणगंगा झील और द्वीप उद्यान,

दादरा

  • वनविहार उद्यान,
  • लघु प्राणी विहार,
  • बाल उद्यान,
  • आदिवासी म्‍यूजियम और
  • सिलवासा स्थित हिरवावन उद्यान
  • धुधानी में जलक्रीडा स्‍थल का काम पूरा हो चुका है। सिलवासा के यात्री निवास से सटे खुले रंगमंच के निर्माण का काम प्रगति पर है। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हर साल तारपा उत्‍सव, पंतग उत्‍सव और विश्‍व पर्यटन दिवस आदि आयोजित किए जाते हैं।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 1.2 Dadra and Nagar haveli at a glance (अंग्रेज़ी) (एच.टी.एम.एल) whereincity.com। अभिगमन तिथि: 28 जून, 2011।
  2. अधिकारिक वेबसाइट 28 जून, 2011

संबंधित लेख