मीथेन

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thumb|250px|मीथेन की संरचना मीथेन (अंग्रेज़ी: Methane) एक रंगहीन तथा गन्धहीन गैस है जो ईंधन के रूप में उपयोग की जाती है। यह प्राकृतिक गैस का मुख्य घटक है। मिथेन गैस का रासायनिक सूत्र CH4 है। यह अल्केन श्रेणी का प्रथम सदस्य है और सबसे साधारण हाइड्रोकार्बन है। जब यह सतह और वातावरण में पहुंचता है, तब वायुमंडलीय मीथेन के रूप में जाना जाता है।

खोज

पृथ्वी के वायुमंडल में मीथेन के घनत्व में 1750 ई. के बाद से लगभग 150 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह एक ग्रीन हाउस गैस है। मीथेन गैस की खोज सबसे पहले नवंबर 1776 में इटली और स्विट्जरलैंड के वैज्ञानिक एलेसान्द्रो वोल्ता ने की थी। उन्होंने मैगिओर झील के दलदल में इस गैस की पहचान की थी।मिथेन कोयला खानों में इकट्ठा हो जाती है जिससे विस्फोट एवं आग लगने की घटनाएँ हो सकती हैं। सोडियम एसोटेट को सोडियम हाइड्रॉकसाइड तथा कैल्सियम ऑक्साइड के साथ गर्म करके मिथेन गैस बनाई जाती है।

भौतिक गुण

  1. यह रंगहीन गैस है।
  2. जल में अविलेय है।
  3. वायु से हल्की होती है।
  4. ग्रीन हाउस प्रभाव पैदा करती है।
  5. संपीडित प्राकृतिक गैस (सीएनजी) में मुख्यत: मिथेन होती है।

रासायनिक गुण

  • यह वायु में नीले लौ के साथ जलती है और कार्बन डाइऑक्साइड, जल और बड़ी मात्रा में ऊष्मा (55,000 किलो जूल प्रति किलोग्राम) उत्पत्र करती है।

उपयोग

  1. मिथेन का उपयोग घरों एवं उद्योगों दोनों में गैसीय ईंधन के रूप में किया जाता है, क्योंकि यह जलने पर बडी मात्रा में ऊष्मा उत्पत्र करती है।
  2. आजकल इसका व्यापक रूप में उपयोग स्वचालित वाहनों विशेषकर बसों, कारों एवं आटो रिक्शा को चलाने के लिए किया जा रहा है।
  3. यह काजल (कज्जल कार्बन) बनाने के लिए उपयोग में आती है।
  4. मिथेन का उपयोग बहुत बड़ी संख्या में कार्बनिक यौगिकों के निर्माण में किया जाता है, जिनका उपयोग घरेलू एवं उद्योगों में किया जाता है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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