तुज़्क-ए-जहाँगीरी

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200px|thumb|तुज़्क-ए-जहाँगीरी तुज़्क-ए-जहाँगीरी (अंग्रेज़ी: Tuzk-e-Jahangiri) मुग़ल बादशाह जहाँगीर की जीवनी है। जहाँगीर की कई आत्म जीवनियाँ उपलब्ध हैं। कुछ उसके समय में और कुछ उसके बाद लिखी गई हैं।

  • जहाँगीर ने स्वयं अपने शासन काल के सत्रहवें वर्ष तक का वृत्तांत लिखा है, फिर अस्वस्थता के कारण शेष वृत्तांत लिखने का कार्य उसने मुदामिद ख़ाँ के सुपुर्द कर दिया, जिसने उन्नीसवें वर्ष तक का वृत्तांत जहाँगीर के नाम से लिखा, तत्पश्चात उसने अपने ही नाम से शेष जीवन का वृत्तांत अपनी पुस्तक ‘इकबालनामा’ में लिखा। इस प्रकार जहाँगीर की आत्म जीवनी पूरी हुई। जहाँगीर ने पूरे बाइस वर्ष राज्य किया था।
  • जहाँगीर ने अपने राज्य काल के प्रथम बारह वर्ष का वृत्तांत लिखने के बाद उसकी कई प्रतियाँ तैयार करवाई और सर्वप्रथम एक प्रति उसने शाहजहाँ को दी। दूसरी जिल्द में उसने अपने शासन के सत्रहवें वर्ष तक का वृत्तांत लिखा और फिर शेष वृत्तांत मुदामिद ख़ाँ से लिखवाया, मुदामिद ख़ाँ ने अपने नाम से जहाँगीर की मृत्यु तक का वृत्तांत लिखा।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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