आदिवासी: Difference between revisions
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*आदिवासी मध्य और दक्षिणी भारत के पहाड़ी तथा वन्य क्षेत्रों और द्वीपों में भी बसे हैं। | *आदिवासी मध्य और दक्षिणी भारत के पहाड़ी तथा वन्य क्षेत्रों और द्वीपों में भी बसे हैं। | ||
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*बढ़ती जनसंख्या, नगरों के विकास और औद्योगिकीकरण के कारण आदिवासियों की ज़मीने छिन गईं, जिसके कारण इनकी परंपरागत जीवन पद्धति में भारी बदलाव आया है। | *बढ़ती जनसंख्या, नगरों के विकास और औद्योगिकीकरण के कारण आदिवासियों की ज़मीने छिन गईं, जिसके कारण इनकी परंपरागत जीवन पद्धति में भारी बदलाव आया है। | ||
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Latest revision as of 10:26, 13 February 2012
- वह जनजातीय लोग, जो भारतीय उपमहाद्वीप के मूल निवासी हैं, आदिवासी कहे जाते हैं।
- भारतीय संविधान के अनुसार 1950 में ये जातियाँ अनुसूचित जनजातियाँ कही गईं।
- 1981 की जनगणना के अनुसार भारत में 5 करोड़ 20 लाख से ज़्यादा आदिवासी थे, इनमें से ज़्यादातर पूर्वोत्तर राज्यों अरुणाचल प्रदेश, मिज़ोरम तथा नागालैंड में हैं।
- आदिवासी मध्य और दक्षिणी भारत के पहाड़ी तथा वन्य क्षेत्रों और द्वीपों में भी बसे हैं।
- इनमें भील, मुण्डा और संथाल सबसे बड़े समूह हैं।
- बढ़ती जनसंख्या, नगरों के विकास और औद्योगिकीकरण के कारण आदिवासियों की ज़मीने छिन गईं, जिसके कारण इनकी परंपरागत जीवन पद्धति में भारी बदलाव आया है।
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