अब्दुस्समद: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
No edit summary |
No edit summary |
||
Line 1: | Line 1: | ||
'''अब्दुस्समद''' [[फ़ारस]] का एक प्रसिद्ध चित्रकार था। [[हुमायूँ]] जब निर्वासन का जीवन व्यतीत कर रहा था, तब उसकी मुलाकात वहाँ के दो महानतम कलाकार | '''अब्दुस्समद''' [[फ़ारस]] का एक प्रसिद्ध चित्रकार था। [[हुमायूँ]] जब निर्वासन का जीवन व्यतीत कर रहा था, तब उसकी मुलाकात वहाँ के दो महानतम कलाकार [[मीर सैय्यद अली]] एवं ख़्वाजा अब्दुस्समद से हुई थी। अब्दुस्समद ने जो कृतियाँ तैयार कीं, उसमें से कुछ [[जहाँगीर]] द्वारा तैयार की गयी '''गुलशन चित्रावली''' में संकलित हैं।<br /> | ||
<br /> | |||
*[[बाबर]] के पुत्र हुमायूँ ने फ़ारस एवं [[अफ़ग़ानिस्तान]] के अपने निर्वासन के दौरान ही [[मुग़ल चित्रकला]] की नींव रखी थी। | *[[बाबर]] के पुत्र हुमायूँ ने फ़ारस एवं [[अफ़ग़ानिस्तान]] के अपने निर्वासन के दौरान ही [[मुग़ल चित्रकला]] की नींव रखी थी। | ||
Line 5: | Line 6: | ||
*[[हुमायूँ]] ने 'मीर सैय्यद अली' को 'नादिर-उल-अस्त्र' तथा 'अब्दुस्समद' को 'शीरी कलम' की उपाधियों आदि से सम्मानित किया था। | *[[हुमायूँ]] ने 'मीर सैय्यद अली' को 'नादिर-उल-अस्त्र' तथा 'अब्दुस्समद' को 'शीरी कलम' की उपाधियों आदि से सम्मानित किया था। | ||
*मीर सैय्यद अली एवं ख़्वाजा अब्दुस्समद, इन दोनों ने मिलकर [[अकबर]] के लिए एक ‘उन्नत कला संगठन’ की स्थापना की थी। | *मीर सैय्यद अली एवं ख़्वाजा अब्दुस्समद, इन दोनों ने मिलकर [[अकबर]] के लिए एक ‘उन्नत कला संगठन’ की स्थापना की थी। | ||
*अकबर ने 1577 ई. में जब [[दिल्ली]] में एक [[टकसाल]] स्थापित किया, तब ख़्वाजा अब्दुस्समद को उसका प्रमुख बनाया। | *अकबर ने 1577 ई. में जब [[दिल्ली]] में एक [[टकसाल]] स्थापित किया, तब ख़्वाजा अब्दुस्समद को उसका प्रमुख बनाया।<br /> | ||
<br /> | |||
{{seealso|मुग़ल काल|मुग़ल वंश|मुग़ल कालीन चित्रकला}}<br /> | |||
{{seealso|मुग़ल काल|मुग़ल वंश|मुग़ल कालीन चित्रकला}} | |||
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} |
Revision as of 06:18, 5 May 2020
अब्दुस्समद फ़ारस का एक प्रसिद्ध चित्रकार था। हुमायूँ जब निर्वासन का जीवन व्यतीत कर रहा था, तब उसकी मुलाकात वहाँ के दो महानतम कलाकार मीर सैय्यद अली एवं ख़्वाजा अब्दुस्समद से हुई थी। अब्दुस्समद ने जो कृतियाँ तैयार कीं, उसमें से कुछ जहाँगीर द्वारा तैयार की गयी गुलशन चित्रावली में संकलित हैं।
- बाबर के पुत्र हुमायूँ ने फ़ारस एवं अफ़ग़ानिस्तान के अपने निर्वासन के दौरान ही मुग़ल चित्रकला की नींव रखी थी।
- अब्दुस्समद द्वारा बनाई गई कुछ कृतियों का संकलन जहाँगीर की ‘गुलशन चित्रावली’ में हुआ है।
- हुमायूँ ने 'मीर सैय्यद अली' को 'नादिर-उल-अस्त्र' तथा 'अब्दुस्समद' को 'शीरी कलम' की उपाधियों आदि से सम्मानित किया था।
- मीर सैय्यद अली एवं ख़्वाजा अब्दुस्समद, इन दोनों ने मिलकर अकबर के लिए एक ‘उन्नत कला संगठन’ की स्थापना की थी।
- अकबर ने 1577 ई. में जब दिल्ली में एक टकसाल स्थापित किया, तब ख़्वाजा अब्दुस्समद को उसका प्रमुख बनाया।
- REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें
|
|
|
|
|