दीवान-ए-आम (आगरा)

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 07:07, 21 November 2012 by रविन्द्र प्रसाद (talk | contribs)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search

दीवान-ए-आम मुग़ल बादशाह शाहजहाँ द्वारा आगरा के क़िले में 1627 ई. में बनवाया गया था। यह बादशाह का मुख्य सभागार हुआ करता था। इस सभागार का प्रयोग आम जनता से बात करने और उनकी फ़रियाद आदि सुनने के लिये किया जाता था।

  • 'दीवान-ए-आम' शाहजहाँ के समय की वह प्रथम इमारत थी, जिसमें संगमरमर से निर्माण कार्य हुआ था।
  • इस सभागार में बादशाह के बैठने के लिए 'मयूर सिंहासन' या 'तख्त-ए-ताउस' की व्यवस्था भी थी।
  • शाहजहाँ शैली के प्रभाव को स्‍पष्‍ट रूप से 'दीवान-ए-आम' में देखा जा सकता है, जो संगमरमर पर की गई फूलों की नक्‍काशी से पता चलती है।
  • सभागार में बादशाह आम जनता से सीधे मिलता था और उनकी फ़रियाद आदि सुनता था, साथ ही वह अपने अधिकारियों से भी यहाँ मिलता था।
  • 'दीवान-ए-आम' से एक रास्‍ता नगीना मस्जिद और महिला बाज़ार की ओर जाता था, जहाँ केवल महिलाएँ ही मुग़ल औरतों को सामान बेचती थीं।


  1. REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः