ख़फ़ी ख़ाँ: Difference between revisions
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*[[मुग़ल]] शासक [[जहाँदारशाह]] के शासन काल के बारे में [[इतिहासकार]] ख़फ़ी ख़ाँ का कहना था कि- "नया शासनकाल [[चारण|चारणों]] और गायकों, नर्तकों एवं नाट्य कर्मियों के समस्त वर्गों के लिए बहुत अनुकूल था।" | *[[मुग़ल]] शासक [[जहाँदारशाह]] के शासन काल के बारे में [[इतिहासकार]] ख़फ़ी ख़ाँ का कहना था कि- "नया शासनकाल [[चारण|चारणों]] और गायकों, नर्तकों एवं नाट्य कर्मियों के समस्त वर्गों के लिए बहुत अनुकूल था।" |
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ख़फ़ी ख़ाँ अथवा 'ख़ाफ़ी ख़ाँ' मुग़ल काल के प्रमुख मुस्लिम विद्वान् और इतिहासकारों में से एक था।
- मुग़ल शासक जहाँदारशाह के शासन काल के बारे में इतिहासकार ख़फ़ी ख़ाँ का कहना था कि- "नया शासनकाल चारणों और गायकों, नर्तकों एवं नाट्य कर्मियों के समस्त वर्गों के लिए बहुत अनुकूल था।"
- बहादुर शाह प्रथम के बारे में ख़फ़ी ख़ाँ ने कहा कि- "बादशाह राजकीय कार्यों में इतना अधिक लापरवाह था कि लोग उसे "शाहे बेख़बर" कहने लगे थे।"
- शिवाजी प्रथम के द्वितीय पुत्र राजाराम की पत्नी ताराबाई एक अद्धितीय उत्साह वाली महिला थी। ख़फ़ी ख़ाँ जैसे कटु आलोचक तक ने स्वीकार किया है कि- "वह चतुर तथा बुद्धिमती स्त्री थी तथा दीवानी एवं फ़ौजी मामलों की अपनी जानकारी के लिए अपने पति के जीवन काल में ही ख्याति प्राप्त कर चुकी थी।"
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