काचारी: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
No edit summary |
No edit summary |
||
Line 5: | Line 5: | ||
*अहोम लोगों ने 1536 में काचारी राज्य को जीत लिया और काचारी लोग डीभापुर को छोड़कर भाग गये। डीभापुर नगर के अब खंडहर ही मिलते हैं। | *अहोम लोगों ने 1536 में काचारी राज्य को जीत लिया और काचारी लोग डीभापुर को छोड़कर भाग गये। डीभापुर नगर के अब खंडहर ही मिलते हैं। | ||
*काचारी के पराजित लोगों ने एक नये राज्य की स्थापना की और मैबोग को अपनी राजधानी बनाया। किन्तु इसके बाद भी अहोम राजाओं से उनकी बराबर लड़ाइयाँ होती ही रही। अहोम राजाओं का कहना था कि वे उनके आश्रित हैं। | *काचारी के पराजित लोगों ने एक नये राज्य की स्थापना की और मैबोग को अपनी राजधानी बनाया। किन्तु इसके बाद भी अहोम राजाओं से उनकी बराबर लड़ाइयाँ होती ही रही। अहोम राजाओं का कहना था कि वे उनके आश्रित हैं। | ||
*अहोम अन्तिम राजा गोविन्द चन्द्र था, जिसे 1818 ई. में [[मणिपुर]] के राजा ने हरा दिया। 1821 ई. में [[ब्रिटिश साम्राज्य]] ने बर्मियों को निकाल बाहर किया और गोविन्द चन्द्र को पुन: उसकी गद्दी मिल गई। परन्तु 1830 ई. में एक मणिपुरी आक्रमणकारी ने उसकी हत्या कर दी। | *अहोम अन्तिम राजा [[गोविन्द चन्द्र]] था, जिसे 1818 ई. में [[मणिपुर]] के राजा ने हरा दिया। 1821 ई. में [[ब्रिटिश साम्राज्य]] ने बर्मियों को निकाल बाहर किया और गोविन्द चन्द्र को पुन: उसकी गद्दी मिल गई। परन्तु 1830 ई. में एक मणिपुरी आक्रमणकारी ने उसकी हत्या कर दी। | ||
* | *गोविन्द चन्द्र के निसंतान होने के कारण 1832 ई. में उसका राज्य ब्रिटिश भारतीय साम्राज्य में मिला लिया गया। | ||
{{प्रचार}} | {{प्रचार}} | ||
{{लेख प्रगति | {{लेख प्रगति |
Revision as of 10:07, 22 April 2011
- काचारी एक जनजाति है।
- विश्वास किया जाता है कि ब्रह्मपुत्र की घाटी में बसने वाली काचारी सबसे प्राचीन जाति है।
- आसाम के आधुनिक काचार ज़िले का नामकरण इसी जनजाति के आधार पर हुआ है।
- तेरहवीं शताब्दी में काचारी लोगों का राज्य ब्रह्मपुत्र नदी के दक्षिणी तट तक फैला हुआ था। उनके राज्य में अधिकांश आधुनिक नौगाँव ज़िला और काचार ज़िले का कुछ भाग सम्मिलित था। उनकी राजधानी गोलाघाट के आधुनिक नगर से पैंतालिस मील दक्षिण, धनश्री नदी के तट पर स्थित डीभापुर थी।
- अहोम लोगों ने 1536 में काचारी राज्य को जीत लिया और काचारी लोग डीभापुर को छोड़कर भाग गये। डीभापुर नगर के अब खंडहर ही मिलते हैं।
- काचारी के पराजित लोगों ने एक नये राज्य की स्थापना की और मैबोग को अपनी राजधानी बनाया। किन्तु इसके बाद भी अहोम राजाओं से उनकी बराबर लड़ाइयाँ होती ही रही। अहोम राजाओं का कहना था कि वे उनके आश्रित हैं।
- अहोम अन्तिम राजा गोविन्द चन्द्र था, जिसे 1818 ई. में मणिपुर के राजा ने हरा दिया। 1821 ई. में ब्रिटिश साम्राज्य ने बर्मियों को निकाल बाहर किया और गोविन्द चन्द्र को पुन: उसकी गद्दी मिल गई। परन्तु 1830 ई. में एक मणिपुरी आक्रमणकारी ने उसकी हत्या कर दी।
- गोविन्द चन्द्र के निसंतान होने के कारण 1832 ई. में उसका राज्य ब्रिटिश भारतीय साम्राज्य में मिला लिया गया।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
(पुस्तक 'भारतीय इतिहास कोश') पृष्ठ संख्या-86