मुसम्मन बुर्ज़: Difference between revisions

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'''मुसम्मन बुर्ज़''' एक छ: मंजिला इमारत है, जिसका निर्माण [[मुग़ल]] बादशाह [[शाहजहाँ]] ने [[आगरा का क़िला|आगरा क़िले]] में करवाया था। बड़ी ही खूबसूरती से बनाई गई यह इमारत '[[दीवान-ए-ख़ास (आगरा)|दीवान-ए-ख़ास]]' के निकट उत्तर की ओर स्थित है। इस बुर्ज़ में बैठकर शाही परिवार की स्त्रियाँ पशुओं का युद्ध आदि देखा करती थीं।
'''मुसम्मन बुर्ज़''' एक छ: मंजिला इमारत है, जिसका निर्माण [[मुग़ल]] बादशाह [[शाहजहाँ]] ने [[आगरा का क़िला|आगरा क़िले]] में करवाया था। बड़ी ही खूबसूरती से बनाई गई यह इमारत '[[दीवान-ए-ख़ास (आगरा)|दीवान-ए-ख़ास]]' के निकट उत्तर की ओर स्थित है। इस बुर्ज़ में बैठकर शाही परिवार की स्त्रियाँ पशुओं का युद्ध आदि देखा करती थीं।
==शाहजहाँ का बन्दी स्थल==
==शाहजहाँ का बन्दी स्थल==
संगमरमर द्वारा निर्मित मुसम्मन बुर्ज़ में शाहजहाँ ने [[हाथी]] पर सवार [[राणा प्रताप]] एवं उनके पुत्र करण सिंह की मूर्तियों का निर्माण करवाया था। कालान्तर में [[औरंगज़ेब]] ने इन मूर्तियों को ध्वस्त करवा दिया। मुसम्मन बुर्ज़ ही वह जगह है, जहाँ औरंगज़ेब की क़ैद में शाहजहाँ ने अपनी जिंदगी के अंतिम सात वर्ष व्यतीत किए थे।
संगमरमर द्वारा निर्मित मुसम्मन बुर्ज़ में शाहजहाँ ने [[हाथी]] पर सवार [[राणा प्रताप]] एवं उनके पुत्र करण सिंह की मूर्तियों का निर्माण करवाया था। कालान्तर में [[औरंगज़ेब]] ने इन मूर्तियों को ध्वस्त करवा दिया। मुसम्मन बुर्ज़ ही वह जगह है, जहाँ औरंगज़ेब की क़ैद में शाहजहाँ ने अपनी जिंदगी के अंतिम सात वर्ष व्यतीत किए थे।
[[चित्र:View-of-Taj-from-Musamman-Burj.jpg|thumb|250px|left|मुसम्मन बुर्ज़ से [[ताजमहल]] का दृश्य]]


यह माना जाता है कि यहाँ से विश्व प्रसिद्ध '[[ताजमहल]]' का सबसे सुंदर नज़ारा दिखाई देता है, जो कि अब अधिक प्रदूषण के कारण अधिक स्‍पष्‍ट नहीं दिखाई देता। 'दीवान-ए-ख़ास' के निकट स्थित मुसम्मन बुर्ज़ एक अष्टकोणीय भवन है।
यह माना जाता है कि यहाँ से विश्व प्रसिद्ध '[[ताजमहल]]' का सबसे सुंदर नज़ारा दिखाई देता है, जो कि अब अधिक प्रदूषण के कारण अधिक स्‍पष्‍ट नहीं दिखाई देता। 'दीवान-ए-ख़ास' के निकट स्थित मुसम्मन बुर्ज़ एक अष्टकोणीय भवन है।

Revision as of 09:04, 21 November 2012

thumb|250px|मुसम्मन बुर्ज़ मुसम्मन बुर्ज़ एक छ: मंजिला इमारत है, जिसका निर्माण मुग़ल बादशाह शाहजहाँ ने आगरा क़िले में करवाया था। बड़ी ही खूबसूरती से बनाई गई यह इमारत 'दीवान-ए-ख़ास' के निकट उत्तर की ओर स्थित है। इस बुर्ज़ में बैठकर शाही परिवार की स्त्रियाँ पशुओं का युद्ध आदि देखा करती थीं।

शाहजहाँ का बन्दी स्थल

संगमरमर द्वारा निर्मित मुसम्मन बुर्ज़ में शाहजहाँ ने हाथी पर सवार राणा प्रताप एवं उनके पुत्र करण सिंह की मूर्तियों का निर्माण करवाया था। कालान्तर में औरंगज़ेब ने इन मूर्तियों को ध्वस्त करवा दिया। मुसम्मन बुर्ज़ ही वह जगह है, जहाँ औरंगज़ेब की क़ैद में शाहजहाँ ने अपनी जिंदगी के अंतिम सात वर्ष व्यतीत किए थे। [[चित्र:View-of-Taj-from-Musamman-Burj.jpg|thumb|250px|left|मुसम्मन बुर्ज़ से ताजमहल का दृश्य]]

यह माना जाता है कि यहाँ से विश्व प्रसिद्ध 'ताजमहल' का सबसे सुंदर नज़ारा दिखाई देता है, जो कि अब अधिक प्रदूषण के कारण अधिक स्‍पष्‍ट नहीं दिखाई देता। 'दीवान-ए-ख़ास' के निकट स्थित मुसम्मन बुर्ज़ एक अष्टकोणीय भवन है।

वर्जित स्थान

आगरा के क़िले में स्थित मुसम्मन बुर्ज़ कई वर्षों से आम पर्यटकों के लिए बंद है। इससे पहले क़िले के भ्रमण को आने वाले प्रत्येक पर्यटक बुर्ज पर अवश्य जाते थे। क्योंकि यहाँ से ताजमहल ठीक सामने दिखाई देता है। किंतु वर्तमान समय में अब फाटक पर ताला लगा रहता है। मुसम्मन बुर्ज़ के नीचे बहुत गहरी खाई है, जिस कारण यहाँ कोई हादसा हो सकता है। इसी आशंका के चलते अधीक्षण पुरातत्वविद के स्तर से विवेकाधिकार के तहत ही इसे बन्द किया गया।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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