ताज बेगम: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
(''''ताज बेगम''' प्रसिद्ध मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब की भ...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
No edit summary
Line 27: Line 27:
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
<references/>
==बाहरी कड़ियाँ==
*[http://kattar-hindu.blogspot.in/2013/05/blog-post.html कट्टर हिन्दू]
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{मुग़ल साम्राज्य}}
{{मुग़ल साम्राज्य}}
[[Category:मुग़ल साम्राज्य]][[Category:चरित कोश]][[Category:इतिहास कोश]]
[[Category:मुग़ल साम्राज्य]][[Category:चरित कोश]][[Category:इतिहास कोश]]
__INDEX__
__INDEX__

Revision as of 12:27, 11 February 2016

ताज बेगम प्रसिद्ध मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब की भतीजी थी। औरंगज़ेब की पुत्री जैबुन्निसा बेगम और ताज बेगम ने 'कृष्ण-भक्ति' की दीक्षा ले ली थी।

  • ताज़ बेगम के कृष्ण-भक्ति के पदों ने तो मुस्लिम समाज को सोचने पर विवश कर दिया था, जिसके कारण मुग़लिया सल्तनत में हलचल मच गई। ताज़ बेगम जिस तरह से कृष्ण-भक्ति के पद गाती थीं, उससे कट्टर मुस्लिमों को बहुत कष्ट होता था।
  • औरंगज़ेब की भतीजी ताज बेगम का एक प्रसिद्ध पद निम्नलिखित है-

छैल जो छबीला, सब रंग में रंगीला
बड़ा चित्त का अड़ीला, कहूं देवतों से न्यारा है।

माल गले सोहै, नाक-मोती सेत जो है कान,
कुण्डल मन मोहै, लाल मुकुट सिर धारा है।

दुष्टजन मारे, सब संत जो उबारे ताज,
चित्त में निहारे प्रन, प्रीति करन वारा है।

नन्दजू का प्यारा, जिन कंस को पछारा,
वह वृन्दावन वारा, कृष्ण साहेब हमारा है।।

सुनो दिल जानी, मेरे दिल की कहानी तुम,
दस्त ही बिकानी, बदनामी भी सहूंगी मैं।

देवपूजा ठानी मैं, नमाज हूं भुलानी,
तजे कलमा-कुरान साड़े गुननि गहूंगी मैं।।

नन्द के कुमार, कुरबान तेरी सुरत पै,
हूं तो मुगलानी, हिंदुआनी बन रहूंगी मैं।।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख