मर्कज अदवार: Difference between revisions
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मर्कज अदवार मुग़ल बादशाह अकबर के दरबारी विद्वान् और कवि फ़ैज़ी कि अपूर्ण काव्य कृति है। फ़ैज़ी अकबर के प्रिय अबुल फ़ज़ल का भाई था, जिसने 'अकबरनामा' जैसी महान् कृति की रचना की थी।[1]
- निजामी, जामी ख़ुसरो की तरह फ़ैज़ी पंज-गज (पंच रत्न) लिखना चाहते थे, जिसे पूरा नहीं कर सके।
- छोटे-छोटे पद्यों में फ़ैज़ी ने इस मनोहर काव्य को गूंथना शुरू किया था।
- एक जगह पर फ़ैज़ी ने लिखा है कि-
मन् खमे-दरिया दिले गरदाब जोश।
बादये मन् लंगरो तूफान होश।
अर्थात् "मैं नदी का टेढ़ापन हूँ, दिल जोश वाला भँवर है। मेरा प्याला लंगर है और होश तूफान है।"
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ अकबर |लेखक: राहुल सांकृत्यायन |प्रकाशक: किताब महल, इलाहाबाद |पृष्ठ संख्या: 295 |