पहेली अक्टूबर 2017: Difference between revisions
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||[[चित्र:Raja-Ravi-Varma-1.jpg|right|border|100px|राजा रवि वर्मा]]'राजा रवि वर्मा' [[भारत]] के विख्यात चित्रकार थे। उन्होंने भारतीय साहित्य और संस्कृति के पात्रों का चित्रण किया। उनके चित्रों की सबसे बड़ी विशेषता [[हिन्दू]] [[महाकाव्य|महाकाव्यों]] और धर्म ग्रंथों पर बनाए गए चित्र हैं। हिन्दू मिथकों का बहुत ही प्रभावशाली इस्तेमाल उनके चित्रों में दिखता है। आधुनिक भारतीय चित्रकला को जन्म देने का श्रेय [[राजा रवि वर्मा]] को जाता है। उनकी कलाओं में पश्चिमी रंग का प्रभाव साफ नजर आता है। उन्होंने पारंपरिक तंजावुर कला और यूरोपीय कला का संपूर्ण अध्ययन कर उसमें महारत हासिल की थी। उन्होंने भारतीय परंपराओं की सीमाओं से बाहर निकलते हुए चित्रकारी को एक नया आयाम दिया। बेशक उनके चित्रों का आधार भारतीय पौराणिक कथाओं से लिए गए पात्र थे, लेकिन [[रंग|रंगों]] और आकारों के जरिए उनकी अभिव्यक्ति आज भी प्रासंगिक लगती है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[राजा रवि वर्मा]] | ||[[चित्र:Raja-Ravi-Varma-1.jpg|right|border|100px|राजा रवि वर्मा]]'राजा रवि वर्मा' [[भारत]] के विख्यात चित्रकार थे। उन्होंने भारतीय साहित्य और संस्कृति के पात्रों का चित्रण किया। उनके चित्रों की सबसे बड़ी विशेषता [[हिन्दू]] [[महाकाव्य|महाकाव्यों]] और धर्म ग्रंथों पर बनाए गए चित्र हैं। हिन्दू मिथकों का बहुत ही प्रभावशाली इस्तेमाल उनके चित्रों में दिखता है। आधुनिक भारतीय चित्रकला को जन्म देने का श्रेय [[राजा रवि वर्मा]] को जाता है। उनकी कलाओं में पश्चिमी रंग का प्रभाव साफ नजर आता है। उन्होंने पारंपरिक तंजावुर कला और यूरोपीय कला का संपूर्ण अध्ययन कर उसमें महारत हासिल की थी। उन्होंने भारतीय परंपराओं की सीमाओं से बाहर निकलते हुए चित्रकारी को एक नया आयाम दिया। बेशक उनके चित्रों का आधार भारतीय पौराणिक कथाओं से लिए गए पात्र थे, लेकिन [[रंग|रंगों]] और आकारों के जरिए उनकी अभिव्यक्ति आज भी प्रासंगिक लगती है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[राजा रवि वर्मा]] | ||
{[[कर्नाटक]] में 'हज़ार राम मन्दिर' कहाँ स्थित है? | |||
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-[[मैसूर]] | |||
-[[श्रीरंगपट्टनम]] | |||
+[[हम्पी]] | |||
-[[बीजापुर]] | |||
||[[चित्र:Hazara-Rama-Temple-Hampi-Karnataka.jpg|right|border|100px|हज़ार राम मन्दिर, हम्पी]]'हज़ार राम मन्दिर' अथवा 'हज़ारा राम मन्दिर' [[हम्पी]], [[कर्नाटक]] के प्रसिद्ध धार्मिक पर्यटन स्थलों में से एक है। हम्पी में बहुत-से ऐसे आकर्षण हैं, जो पर्यटकों को लुभातें हैं। अपने गौरवशाली [[इतिहास]] को दर्शाते हम्पी के कई पर्यटन स्थल [[विश्व विरासत स्थल|विश्व विरासत स्थलों]] की सूची में शामिल हैं। [[कृष्णदेव राय|राजा कृष्णदेव राय]] को [[हज़ार राम मन्दिर, हम्पी|हज़ार राम मन्दिर]] का निर्माता कहा जाता है। मन्दिर की बाहरी दीवारों पर की गई नक़्क़ाशियाँ बहुत ही शानदार हैं। यहाँ [[बुद्ध|भगवान बुद्ध]] की एक प्रतिमा स्थापित है, जो [[विष्णु|भगवान विष्णु]] के नौवें [[अवतार]] थे।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[हज़ार राम मन्दिर, हम्पी|हज़ार राम मन्दिर]], [[हम्पी]] | |||
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वर्ष 2013 >> जुलाई 2013 • अगस्त 2013 • सितंबर 2013 • अक्तूबर 2013 • नवंबर 2013 • दिसंबर 2013
वर्ष 2014 >> जनवरी 2014 • फ़रवरी 2014 • मार्च 2014 • अप्रॅल 2014 • मई 2014 • जून 2014 • जुलाई 2014 • अगस्त 2014 • सितंबर 2014 • अक्टूबर 2014 • नवम्बर 2014 • दिसम्बर 2014
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