निकोबारी लोग: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
No edit summary |
|||
Line 1: | Line 1: | ||
'''निकोबारी''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Nicobarese People'') [[भारत]] के निकोबार द्वीपसमूह में रहने वाले ऑस्ट्रो-एशियाई भाषा परिवार की निकोबारी भाषाएँ बोलने वाला एक समुदाय है। मूल रूप से निकोबारी सर्वात्मवाद के अनुयायी थे, जिसमें प्राकृतिक शक्तियों और पूर्वजों को देवों के रूप में पूजा जाता था। [[भारत]] में ब्रिटिश काल में इनका ईसाईकरण किया गया, लेकिन पारम्परिक निकोबारी आस्थाएँ आज भी कई लोगों द्वारा मान्य हैं।<br /> | '''निकोबारी''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Nicobarese People'') [[भारत]] के निकोबार द्वीपसमूह में रहने वाले ऑस्ट्रो-एशियाई भाषा परिवार की निकोबारी भाषाएँ बोलने वाला एक समुदाय है। मूल रूप से निकोबारी सर्वात्मवाद के अनुयायी थे, जिसमें प्राकृतिक शक्तियों और पूर्वजों को देवों के रूप में पूजा जाता था। [[भारत]] में ब्रिटिश काल में इनका ईसाईकरण किया गया, लेकिन पारम्परिक निकोबारी आस्थाएँ आज भी कई लोगों द्वारा मान्य हैं।<br /> | ||
<br /> | <br /> | ||
*[[ईसाई|ईसाईकरण]] के प्रयास यूरोपीय देशों द्वरा सन् | *[[ईसाई|ईसाईकरण]] के प्रयास यूरोपीय देशों द्वरा सन् 1758 में आरम्भ हुए, लेकिन विफल रहे। बाद में ईसाईकरण के बाद भी समाज में तमिलुआना (ओझा) और मेलुआना (पुजारी) की भूमिकाएँ जारी रहीं हैं और अलग-अलग द्वीपों पर आस्थाएँ अलग गहराई से जारी हैं। | ||
*यह मान्यता है कि कुछ वस्तुएँ साधारण होती हैं और कुछ पवित्र और पवित्र वस्तुओं को छूने या प्रयोग करने में सावधानी बरतनी चाहिये। मसलन हर ग्राम की एक सामाजिक नौका होती है जिसे पवित्र माना जाता है। अन्य नौकाओं से [[मछली]] पकड़ने का व यातायात का काम लिया जाता है; लेकिन इस पवित्र नौका को केवल समारोहिक प्रयोगों में ही लाया जाता है। | *यह मान्यता है कि कुछ वस्तुएँ साधारण होती हैं और कुछ पवित्र और पवित्र वस्तुओं को छूने या प्रयोग करने में सावधानी बरतनी चाहिये। मसलन हर ग्राम की एक सामाजिक नौका होती है जिसे पवित्र माना जाता है। अन्य नौकाओं से [[मछली]] पकड़ने का व यातायात का काम लिया जाता है; लेकिन इस पवित्र नौका को केवल समारोहिक प्रयोगों में ही लाया जाता है। | ||
*निकोबारी नर-नारियों का सामाजिक स्तर लगभग बराबर होता है। निकोबारी समुदाय की मुखिया रानी की उपाधी रखती है। | *निकोबारी नर-नारियों का सामाजिक स्तर लगभग बराबर होता है। निकोबारी समुदाय की मुखिया रानी की उपाधी रखती है। |
Latest revision as of 11:02, 11 June 2020
निकोबारी (अंग्रेज़ी: Nicobarese People) भारत के निकोबार द्वीपसमूह में रहने वाले ऑस्ट्रो-एशियाई भाषा परिवार की निकोबारी भाषाएँ बोलने वाला एक समुदाय है। मूल रूप से निकोबारी सर्वात्मवाद के अनुयायी थे, जिसमें प्राकृतिक शक्तियों और पूर्वजों को देवों के रूप में पूजा जाता था। भारत में ब्रिटिश काल में इनका ईसाईकरण किया गया, लेकिन पारम्परिक निकोबारी आस्थाएँ आज भी कई लोगों द्वारा मान्य हैं।
- ईसाईकरण के प्रयास यूरोपीय देशों द्वरा सन् 1758 में आरम्भ हुए, लेकिन विफल रहे। बाद में ईसाईकरण के बाद भी समाज में तमिलुआना (ओझा) और मेलुआना (पुजारी) की भूमिकाएँ जारी रहीं हैं और अलग-अलग द्वीपों पर आस्थाएँ अलग गहराई से जारी हैं।
- यह मान्यता है कि कुछ वस्तुएँ साधारण होती हैं और कुछ पवित्र और पवित्र वस्तुओं को छूने या प्रयोग करने में सावधानी बरतनी चाहिये। मसलन हर ग्राम की एक सामाजिक नौका होती है जिसे पवित्र माना जाता है। अन्य नौकाओं से मछली पकड़ने का व यातायात का काम लिया जाता है; लेकिन इस पवित्र नौका को केवल समारोहिक प्रयोगों में ही लाया जाता है।
- निकोबारी नर-नारियों का सामाजिक स्तर लगभग बराबर होता है। निकोबारी समुदाय की मुखिया रानी की उपाधी रखती है।
- पहली रानी का नाम इस्लोन था, जिन्होनें 1941-1942 काल में नानकौरी द्वीप के मेवालाल नामक तहसीलदार से विवाह किया था।
- लोगों का आवास धरती से खम्बों पर उठे हुए कुटीरों में होता है। रात्रि में इन पर सीढ़ी लगाकर चढ़ा जाता है और फिर सीढ़ी ऊपर खींच ली जाती है। गावों में यह कुटीर स्थान-स्थान पर खड़े किये जाते हैं।
- निकोबारी समुदाय अलग-अलग निकोबारी भाषाएँ बोलते हैं। कार भाषा सर्वाधिक बोले जाने वाली निकोबारी भाषा है।
|
|
|
|
|