अमर्त्य सेन: Difference between revisions
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
(→शिक्षा) |
व्यवस्थापन (talk | contribs) |
||
Line 15: | Line 15: | ||
*[http://pustak.org/bs/home.php?bookid=6242 अमर्त्य सेन का जीवन] | *[http://pustak.org/bs/home.php?bookid=6242 अमर्त्य सेन का जीवन] | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{नोबेल पुरस्कार}} | {{नोबेल पुरस्कार}} | ||
{{भारत रत्न}} | {{भारत रत्न}} | ||
{{भारत गणराज्य}} | |||
[[Category:नोबेल_पुरस्कार]] | [[Category:नोबेल_पुरस्कार]] | ||
[[Category:प्रसिद्ध व्यक्तित्व कोश]] | [[Category:प्रसिद्ध व्यक्तित्व कोश]] |
Revision as of 12:05, 29 December 2010
(जन्म- 1933)
thumb|200px|अमर्त्य सेन
Amartya Sen
अर्थशास्त्र के लिये 1998 का नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले प्रो. अमर्त्य सेन यह सम्मान पाने वाले पहले एशियाई हैं। शांति निकेतन में जन्में इस विद्वान अर्थशास्त्री ने लोक कल्याणकारी अर्थशास्त्र की अवधारणा का प्रतिपादन किया है। उन्होंने कल्याण और विकास के विभिन्न पक्षों पर अनेक पुस्तकें तथा पर्चे लिखे हैं। प्रो. सेन आम अर्थशास्त्रियों के सम्मान के समान नहीं हैं। वह अर्थशास्त्री होने के साथ-साथ, एक मानववादी भी हैं। उन्होंने अकाल, गरीबी, लोकतंत्र, स्त्री-पुरुष असमानता और सामाजिक मुद्दों पर जो पुस्तकें लिखीं हैं, वे अपने आप में बेजोड़ हैं।
अमर्त्य सेन हार्वड विश्वविद्यालय में प्राध्यापक हैं। वे जादवपुर विश्वविद्यालय, दिल्ली स्कूल ऑफ इकानामिक्स और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में भी शिक्षक रहे हैं। सेन ने एम.आई.टी, स्टैनफोर्ड, बर्कली और कॉरनेल विश्वविद्यालयों में अतिथि अध्यापक के रुप में भी शिक्षण कार्य किया है।
शिक्षा
अमर्त्य सेन का जन्म कोलकाता शहर के शांति निकेतन नामक स्थान में हुआ था। जहाँ उनके नाना 'क्षिति मोहन सेन' शिक्षक थे। उनके पिता 'आशुतोष सेन' ढाका विश्वविद्यालय में रसायन शास्त्र के अध्यापक थे। कोलकाता के शांति निकेतन और 'प्रेसीडेंसी कॉलेज' से शिक्षा पूर्ण करके उन्होंने कैम्ब्रिज के ट्रिनीटी कॉलेज से शिक्षा प्राप्त की। अपने जीवन के कुछ वर्ष अमर्त्य सेन ने बर्मा में स्थित मांडले नामक स्थान पर भी बिताए। उनकी प्रारम्भिक शिक्षा ढाका में हुई। अमर्त्य सेन को 1999 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
केनेथ ऐरो नाम के एक अर्थशास्त्री ने असंभाव्यता सिद्धांत नाम की अपनी खोज में कहा था कि व्यक्तियों की अलग-अलग पसन्द को मिलाकर समूचे समाज के लिए किसी एक संतोषजनक पसन्द का निर्धारण करना सम्भव नहीं हैं।
प्रो. सेन ने गणितीय आधार यह सिद्ध किया है कि समाज इस तरह के नतीजों के असर को कम करने के उपाय ढूँढ सकता है।
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख