खैरवार: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
(''''खैरवार''' मध्य प्रदेश में पाई जाने वाली मुंडा जनजा...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
No edit summary
 
Line 2: Line 2:


*विरहोर समूह के लोग स्वयं को खैरवान की ही एक उपशाखा मानते हैं।
*विरहोर समूह के लोग स्वयं को खैरवान की ही एक उपशाखा मानते हैं।
*[[मिर्जापुर]] और पालामऊ मे खैरवार स्वयं को अभिजात्य वर्ग का मानते हैं और जनेऊ धारण करते हैं।
*[[मिर्जापुर]] और पालामऊ में खैरवार स्वयं को अभिजात्य वर्ग का मानते हैं और 'जनेऊ' धारण करते हैं।
*दरअसल अपने विस्तृत विवतरण क्षेत्र में खैरवारों के जीवन-स्तर में भारी अंतर देखने को मिलता है, जहाँ एक ओर [[छोटा नागपुर]] में उन्होंने लगभग सवर्ण जातीय स्तर को प्राप्त किया, वहीं अपने मूल स्थान [[मध्य प्रदेश]] के अनेक हिस्सें में ये विशिष्ट धन्यों वाले आदिवासी के रूप में रह गए।<ref>{{cite web |url=http://www.mpinfo.org/mpinfonew/hindi/factfile/jansahriyal.asp |title=मध्य प्रदेश की जनजाति|accessmonthday=28 अक्टूबर|accessyear=2012|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=[[हिन्दी]]}}</ref>
*दरअसल अपने विस्तृत वितरण क्षेत्र में खैरवारों के जीवन-स्तर में भारी अंतर देखने को मिलता है, जहाँ एक ओर [[छोटा नागपुर]] में उन्होंने लगभग सवर्ण जातीय स्तर को प्राप्त किया, वहीं अपने मूल स्थान [[मध्य प्रदेश]] के अनेक हिस्सों में ये विशिष्ट धन्यों वाले आदिवासी के रूप में रह गए।<ref>{{cite web |url=http://www.mpinfo.org/mpinfonew/hindi/factfile/jansahriyal.asp |title=मध्य प्रदेश की जनजाति|accessmonthday=28 अक्टूबर|accessyear=2012|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=[[हिन्दी]]}}</ref>


{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}

Latest revision as of 13:27, 28 October 2012

खैरवार मध्य प्रदेश में पाई जाने वाली मुंडा जनजाति समूह की एक प्रमुख जनजाति है। इस जाति के लोग अपना मूल स्थान 'खरियागढ़' (कैमूर पहाड़ियाँ) को मानते हैं, जहाँ से वे हज़ारीबाग़ ज़िले तक पहुँचे थे।

  • विरहोर समूह के लोग स्वयं को खैरवान की ही एक उपशाखा मानते हैं।
  • मिर्जापुर और पालामऊ में खैरवार स्वयं को अभिजात्य वर्ग का मानते हैं और 'जनेऊ' धारण करते हैं।
  • दरअसल अपने विस्तृत वितरण क्षेत्र में खैरवारों के जीवन-स्तर में भारी अंतर देखने को मिलता है, जहाँ एक ओर छोटा नागपुर में उन्होंने लगभग सवर्ण जातीय स्तर को प्राप्त किया, वहीं अपने मूल स्थान मध्य प्रदेश के अनेक हिस्सों में ये विशिष्ट धन्यों वाले आदिवासी के रूप में रह गए।[1]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. मध्य प्रदेश की जनजाति (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 28 अक्टूबर, 2012।

संबंधित लेख