वाक़यात-ए-बाबरी: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
No edit summary |
No edit summary |
||
Line 2: | Line 2: | ||
*[[मध्य एशिया]] से कूच कर [[भारत|हिन्दुस्तान]] में [[मुग़ल वंश]] की स्थापना तक की उथल-पुथल को लघुचित्रों के रूप में संजोए 'वाक़यात-ए-बाबरी' को [[लंदन]] व [[दिल्ली]] ही नहीं, [[अलवर]] ने भी सहेज रखा है। | *[[मध्य एशिया]] से कूच कर [[भारत|हिन्दुस्तान]] में [[मुग़ल वंश]] की स्थापना तक की उथल-पुथल को लघुचित्रों के रूप में संजोए 'वाक़यात-ए-बाबरी' को [[लंदन]] व [[दिल्ली]] ही नहीं, [[अलवर]] ने भी सहेज रखा है। | ||
* | *16वीं सदी की इस ऐतिहासिक पुस्तक में युद्धों का विवरण दिया गया है। | ||
*[[अकबर]] के शासनकालीन प्रति में उन्नीस उच्च कोटि के [[हिंदू]] और तीन उच्च कोटि के [[मुसलमान]] चित्रकारों का | *[[अकबर]] के शासनकालीन प्रति में उन्नीस उच्च कोटि के [[हिंदू]] और तीन उच्च कोटि के [[मुसलमान]] चित्रकारों का वर्णन है। | ||
Latest revision as of 05:53, 17 November 2017
वाक़यात-ए-बाबरी (अंग्रेज़ी: Vakyat-e-Babri) एक ऐतिहासिक पुस्तक है, जिसे मुग़लकालीन समय में लिखा गया था।
- मध्य एशिया से कूच कर हिन्दुस्तान में मुग़ल वंश की स्थापना तक की उथल-पुथल को लघुचित्रों के रूप में संजोए 'वाक़यात-ए-बाबरी' को लंदन व दिल्ली ही नहीं, अलवर ने भी सहेज रखा है।
- 16वीं सदी की इस ऐतिहासिक पुस्तक में युद्धों का विवरण दिया गया है।
- अकबर के शासनकालीन प्रति में उन्नीस उच्च कोटि के हिंदू और तीन उच्च कोटि के मुसलमान चित्रकारों का वर्णन है।
- REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें
|
|
|
|
|