बाबरनामा

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 08:32, 27 January 2013 by रविन्द्र प्रसाद (talk | contribs) (''''बाबरनामा''' मुग़ल बादशाह बाबर की आत्मकथा है...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search

बाबरनामा मुग़ल बादशाह बाबर की आत्मकथा है। बाबर ने इसे तुर्की भाषा में लिखा था। ऐतिहासिक दृष्टि से यह ग्रन्थ बड़ा ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इसका अनुवाद कई भाषाओं में भी हो चुका है। 'बाबरनामा' की यह विशेषता है कि बाबर ने इसमें अपने चरित्र का इतना रोचक चित्र प्रस्तुत किया है कि इसे पढ़ने वाला आश्चर्य में पड़ जाता है। बाबर ने इसमें अपने जीवन की अनेक घटनाओं को विस्तार से लिखा है।

ऐतिहासिक जानकारी का स्रोत

'बाबरनामा' के माध्यम से बाबर द्वारा भारत में किये गए युद्धों की जानकारी मिलती है। बाबर ने अपने आक्रमण के समय भारत की राजनैतिक दशा का भी विवरण दिया है। उसने 'बाबरनामा' में उत्तर और दक्षिण भारत के राजवंशों के बारे में भी जानकारी दी है। पानीपत और खानवा के युद्ध में अपनाई गई 'तुलुग्मा युद्ध प्रणाली' की भी वह जानकारी देता है। 'बाबरनामा' में बाबर ने लिखा है कि "हिन्दुतानियों ने खुलकर उससे दुश्मनी निभायी। जिधर भी उसकी सेना गयी, हिन्दुस्तानियों ने अपने घरों को जला दिया और कुओं में जहर डाल दिया।"[1]

'बाबरनामा' नाम से जानी जाने वाली पुस्तक का मूल शीर्षक 'तुजुक-ए-बाबरी' है। मात्र तेरह वर्ष की आयु में ही बाबर ने सत्ता के लिए संघर्ष शुरू कर दिया था। अपनी आत्मकथा में उसने समरकंद से क़ाबुल (अफ़ग़ानिस्तान) और फिर दिल्ली तक किए गए सत्ता-संघर्ष को बेहतरीन ढंग से लिखा है। यह पुस्तक न सिर्फ़ उसके अनुभवों का दर्पण है, बल्कि तत्कालीन समाज के बारे में एक दस्तावेज भी है। 'तुजुक-ए-बाबरी' में बाबर ने अपनी अद्भुत साहित्यिक क्षमता, प्रकृति प्रेम और रुचि का परिचय दिया है, जिसे पढ़कर ही जाना जा सकता है। इस पुस्तक से यह पता चलता है कि स्थितियों ने बाबर को भले ही योद्धा बना दिया था, किंतु उसके अंदर भी एक सुरुचिपूर्ण कला-प्रेमी व्यक्तित्व था।

भारत का जिक्र

'बाबरनामा' में बाबर भारत की जो महत्वपूर्ण जानकारी देता है, वह है भारत के लोगों का जीवन, रहन-सहन, स्वभाव, भूमि, जलवायु, प्राकृतिक दृश्य, भारत की नदियाँ, पशु-पक्षी, फल, फूल, भवन निर्माण कला और उद्योग धंधे। बाबर लिखता है कि "हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह एक विशाल देश है। इसमें सोने और चाँदी की अधिकता है। यहाँ वर्षा के दिनों में जलवायु अच्छी रहती है। वह यह भी लिखता है कि उसे यह देखकर बड़ा आश्चर्य हुआ कि भारत में जरा देर में ही गाँव बस जाते है और उजड़ जाते हैं।[1]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 बाबरनामा (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 25 जनवरी, 2013।

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः