मर्कज अदवार

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 14:55, 6 July 2017 by व्यवस्थापन (talk | contribs) (Text replacement - "विद्वान " to "विद्वान् ")
Jump to navigation Jump to search

मर्कज अदवार मुग़ल बादशाह अकबर के दरबारी विद्वान् और कवि फ़ैज़ी कि अपूर्ण काव्य कृति है। फ़ैज़ी अकबर के प्रिय अबुल फ़ज़ल का भाई था, जिसने 'अकबरनामा' जैसी महान कृति की रचना की थी।[1]

  • निजामी, जामी ख़ुसरो की तरह फ़ैज़ी पंज-गज (पंच रत्न) लिखना चाहते थे, जिसे पूरा नहीं कर सके।
  • छोटे-छोटे पद्यों में फ़ैज़ी ने इस मनोहर काव्य को गूंथना शुरू किया था।
  • एक जगह पर फ़ैज़ी ने लिखा है कि-

मन् खमे-दरिया दिले गरदाब जोश।
बादये मन् लंगरो तूफान होश।

अर्थात "मैं नदी का टेढ़ापन हूँ, दिल जोश वाला भँवर है। मेरा प्याला लंगर है और होश तूफान है।"


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. अकबर |लेखक: राहुल सांकृत्यायन |प्रकाशक: किताब महल, इलाहाबाद |पृष्ठ संख्या: 295 |

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः