पहेली अक्टूबर 2017: Difference between revisions
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-[[पी. टी. ऊषा]] | -[[पी. टी. ऊषा]] | ||
-[[रानी गाइदिनल्यू]] | -[[रानी गाइदिनल्यू]] | ||
||[[चित्र:Neerja-Bhanot.jpg|right|border|100px|नीरजा भनोट]]'नीरजा भनोट' [[मुंबई]] में पैन ऐम एअरलाइन्स की विमान परिचारिका थीं। [[5 सितंबर]], [[1986]] के पैन ऐम उड़ान 73 के अपहृत विमान में यात्रियों की सहायता एवं सुरक्षा करते हुए वे आतंकवादियों की गोलियों का शिकार हो गईं थीं। [[नीरजा भनोट]] वास्तव में स्वतंत्र [[भारत]] की महानतम वीरांगना थीं। आतंकियों से लगभग 400 यात्रियों की जान बचाते हुए उन्होंने अपना जीवन बलिदान कर दिया। नीरजा '[[अशोक चक्र]]' पाने वाली पहली महिला थीं। उनकी [[कहानी]] पर आधारित [[2016]] में एक फ़िल्म भी बनी थी, जिसमें उनका किरदार सोनम कपूर ने अदा किया था। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नीरजा का नाम ' | ||[[चित्र:Neerja-Bhanot.jpg|right|border|100px|नीरजा भनोट]]'नीरजा भनोट' [[मुंबई]] में पैन ऐम एअरलाइन्स की विमान परिचारिका थीं। [[5 सितंबर]], [[1986]] के पैन ऐम उड़ान 73 के अपहृत विमान में यात्रियों की सहायता एवं सुरक्षा करते हुए वे आतंकवादियों की गोलियों का शिकार हो गईं थीं। [[नीरजा भनोट]] वास्तव में स्वतंत्र [[भारत]] की महानतम वीरांगना थीं। आतंकियों से लगभग 400 यात्रियों की जान बचाते हुए उन्होंने अपना जीवन बलिदान कर दिया। नीरजा '[[अशोक चक्र]]' पाने वाली पहली महिला थीं। उनकी [[कहानी]] पर आधारित [[2016]] में एक फ़िल्म भी बनी थी, जिसमें उनका किरदार सोनम कपूर ने अदा किया था। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नीरजा का नाम 'हिरोइन ऑफ़ हाईजैक' के तौर पर मशहूर है। वर्ष [[2005]] में [[अमेरिका]] ने उन्हें 'जस्टिस फ़ॉर क्राइम अवार्ड' दिया था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[नीरजा भनोट]] | ||
{[[महात्मा गाँधी|राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी]] ने किसे 'देशभक्तों का देशभक्त' कहा था? | {[[महात्मा गाँधी|राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी]] ने किसे 'देशभक्तों का देशभक्त' कहा था? | ||
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+[[धूपगढ़ शिखर]] | +[[धूपगढ़ शिखर]] | ||
-[[मलयगिरी शिखर]] | -[[मलयगिरी शिखर]] | ||
||[[चित्र:Dhoopgarh-Pachmarhi.jpg|right|border|100px|धूपगढ़ शिखर]]'मध्य प्रदेश' 100 से 1200 मीटर की ऊँचाई पर है। राज्य के उत्तरी भाग की भूमि उत्तर की ओर उठती है। दक्षिणी भाग पश्चिम की ओर ऊपर उठता है। पर्वत | ||[[चित्र:Dhoopgarh-Pachmarhi.jpg|right|border|100px|धूपगढ़ शिखर]]'मध्य प्रदेश' 100 से 1200 मीटर की ऊँचाई पर है। राज्य के उत्तरी भाग की भूमि उत्तर की ओर उठती है। दक्षिणी भाग पश्चिम की ओर ऊपर उठता है। पर्वत श्रृंखलाओं में पश्चिम व उत्तर में 457 मीटर तक ऊँची [[विंध्य पर्वतमाला|विंध्य]] व [[कैमूर पर्वत श्रृंखला]] और दक्षिण में 914 मीटर से भी अधिक ऊँची [[सतपुड़ा पर्वत श्रेणी|सतपुड़ा]] व [[महादेव पहाड़ियाँ|महादेव पर्वत श्रृंखलाएँ]] हैं। दक्षिण-मध्य प्रदेश में [[पंचमढ़ी]] के समीप स्थित [[धूपगढ़ शिखर]] (1350 मीटर) [[मध्य प्रदेश]] का सबसे ऊँचा शिखर है। विंध्य पर्वत श्रृंखला के पश्चिमोत्तर में [[मालवा का पठार]] है। मालवा का पठार विध्य पर्वत श्रृंखला से उत्तर की ओर है। मालवा के पठार के पूर्व में बुंदेलखंड का पठार स्थित है, जो [[उत्तर प्रदेश]] के [[गंगा]] के मैदान में जाकर मिल जाता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[धूपगढ़ शिखर]] | ||
{[[भारत]] में ज़िला प्रमुख बनने वाली प्रथम महिला कौन थीं? | {[[भारत]] में ज़िला प्रमुख बनने वाली प्रथम महिला कौन थीं? | ||
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+[[नूरजहाँ (गायिका)|गायिका नूरजहाँ]] | +[[नूरजहाँ (गायिका)|गायिका नूरजहाँ]] | ||
||[[चित्र:Madam-Noor-Jehan.jpg|right|border|100px|गायिका नूरजहाँ]]गायिका नूरजहाँ [[भारतीय सिनेमा]] की ख्याति प्राप्त अभिनेत्री और पार्श्वगायिकाओं में से एक थीं। उनका वास्तविक नाम 'अल्ला वसई' था। दक्षिण एशिया की महानतम गायिकाओं में शुमार की जाने वाली 'मल्लिका-ए-तरन्नुम' [[नूरजहाँ (गायिका)|नूरजहाँ]] को लोकप्रिय [[संगीत]] में क्रांति लाने और पंजाबी लोकगीतों को नया आयाम देने का श्रेय जाता है। उनकी गायकी में वह जादू था कि हर उदयमान गायक की प्रेरणा स्रोत [[लता मंगेशकर|स्वर साम्राज्ञी लता मंगेशकर]] ने भी जब अपने कॅरियर का आगाज किया तो उन पर नूरजहाँ की गायकी का प्रभाव था। नूरजहाँ अपनी आवाज़ में नित्य नए प्रयोग किया करती थीं। अपनी इन खूबियों की वजह से ही वे '''ठुमरी गायिकी की महारानी''' कहलाने लगी थीं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[नूरजहाँ (गायिका)]] | ||[[चित्र:Madam-Noor-Jehan.jpg|right|border|100px|गायिका नूरजहाँ]]गायिका नूरजहाँ [[भारतीय सिनेमा]] की ख्याति प्राप्त अभिनेत्री और पार्श्वगायिकाओं में से एक थीं। उनका वास्तविक नाम 'अल्ला वसई' था। दक्षिण एशिया की महानतम गायिकाओं में शुमार की जाने वाली 'मल्लिका-ए-तरन्नुम' [[नूरजहाँ (गायिका)|नूरजहाँ]] को लोकप्रिय [[संगीत]] में क्रांति लाने और पंजाबी लोकगीतों को नया आयाम देने का श्रेय जाता है। उनकी गायकी में वह जादू था कि हर उदयमान गायक की प्रेरणा स्रोत [[लता मंगेशकर|स्वर साम्राज्ञी लता मंगेशकर]] ने भी जब अपने कॅरियर का आगाज किया तो उन पर नूरजहाँ की गायकी का प्रभाव था। नूरजहाँ अपनी आवाज़ में नित्य नए प्रयोग किया करती थीं। अपनी इन खूबियों की वजह से ही वे '''ठुमरी गायिकी की महारानी''' कहलाने लगी थीं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[नूरजहाँ (गायिका)]] | ||
{[[भारत]] में किसी राज्य के लगातार पाँच बार [[मुख्यमंत्री]] बनने वाले राजनीतिज्ञ कौन हैं? | |||
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+[[पवन कुमार चामलिंग]] | |||
-[[मुलायम सिंह यादव]] | |||
-[[बाबूलाल गौर]] | |||
-[[शिवराज सिंह चौहान]] | |||
||[[चित्र:Pawan-Kumar-Chamling.jpg|right|border|100px|पवन कुमार चामलिंग]]'पवन कुमार चामलिंग' [[भारत]] के [[सिक्किम|सिक्किम राज्य]] के [[मुख्यमंत्री]] हैं। [[पवन कुमार चामलिंग|पवन चामलिंग]] राजनीतिक दल 'सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट' के संस्थापक अध्यक्ष है, जो [[1994]] से लगातार सिक्किम में शासन में है। पवन चामलिंग ने [[21 मई]], [[2014]] को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के साथ ही एक नया रिकॉर्ड रच दिया। पवन चामलिंग देश के पहले ऐसे व्यक्ति हैं, जो किसी राज्य में लगातार पांच बार मुख्यमंत्री चुने गए हैं। पवन चामलिंग ने सिक्किम राज्य के भीतर परिवार नियोजन को बढ़ावा देने और महिलाओं की स्थिति सुधारने के लिए कई प्रभावकारी प्रयास किए हैं। राज्य स्तर पर उन्होंने नौकरियों और शिक्षा संस्थानों में महिलाओं के 50% आरक्षण की व्यवस्था लागू की है। [[1996]] में उनको [[भारत के उपराष्ट्रपति]] ने 'भारत शिरोमणि' की उपाधि से सम्मानित किया था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[पवन कुमार चामलिंग]] | |||
{[[भारत]] में पहला 'सरस्वती शिशु मन्दिर' किसके द्वारा स्थापित किया गया था? | {[[भारत]] में पहला 'सरस्वती शिशु मन्दिर' किसके द्वारा स्थापित किया गया था? | ||
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+[[राजा रवि वर्मा]] | +[[राजा रवि वर्मा]] | ||
||[[चित्र:Raja-Ravi-Varma-1.jpg|right|border|100px|राजा रवि वर्मा]]'राजा रवि वर्मा' [[भारत]] के विख्यात चित्रकार थे। उन्होंने भारतीय साहित्य और संस्कृति के पात्रों का चित्रण किया। उनके चित्रों की सबसे बड़ी विशेषता [[हिन्दू]] [[महाकाव्य|महाकाव्यों]] और धर्म ग्रंथों पर बनाए गए चित्र हैं। हिन्दू मिथकों का बहुत ही प्रभावशाली इस्तेमाल उनके चित्रों में दिखता है। आधुनिक भारतीय चित्रकला को जन्म देने का श्रेय [[राजा रवि वर्मा]] को जाता है। उनकी कलाओं में पश्चिमी रंग का प्रभाव साफ नजर आता है। उन्होंने पारंपरिक तंजावुर कला और यूरोपीय कला का संपूर्ण अध्ययन कर उसमें महारत हासिल की थी। उन्होंने भारतीय परंपराओं की सीमाओं से बाहर निकलते हुए चित्रकारी को एक नया आयाम दिया। बेशक उनके चित्रों का आधार भारतीय पौराणिक कथाओं से लिए गए पात्र थे, लेकिन [[रंग|रंगों]] और आकारों के जरिए उनकी अभिव्यक्ति आज भी प्रासंगिक लगती है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[राजा रवि वर्मा]] | ||[[चित्र:Raja-Ravi-Varma-1.jpg|right|border|100px|राजा रवि वर्मा]]'राजा रवि वर्मा' [[भारत]] के विख्यात चित्रकार थे। उन्होंने भारतीय साहित्य और संस्कृति के पात्रों का चित्रण किया। उनके चित्रों की सबसे बड़ी विशेषता [[हिन्दू]] [[महाकाव्य|महाकाव्यों]] और धर्म ग्रंथों पर बनाए गए चित्र हैं। हिन्दू मिथकों का बहुत ही प्रभावशाली इस्तेमाल उनके चित्रों में दिखता है। आधुनिक भारतीय चित्रकला को जन्म देने का श्रेय [[राजा रवि वर्मा]] को जाता है। उनकी कलाओं में पश्चिमी रंग का प्रभाव साफ नजर आता है। उन्होंने पारंपरिक तंजावुर कला और यूरोपीय कला का संपूर्ण अध्ययन कर उसमें महारत हासिल की थी। उन्होंने भारतीय परंपराओं की सीमाओं से बाहर निकलते हुए चित्रकारी को एक नया आयाम दिया। बेशक उनके चित्रों का आधार भारतीय पौराणिक कथाओं से लिए गए पात्र थे, लेकिन [[रंग|रंगों]] और आकारों के जरिए उनकी अभिव्यक्ति आज भी प्रासंगिक लगती है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[राजा रवि वर्मा]] | ||
{[[कर्नाटक]] में 'हज़ार राम मन्दिर' कहाँ स्थित है? | |||
|type="()"} | |||
-[[मैसूर]] | |||
-[[श्रीरंगपट्टनम]] | |||
+[[हम्पी]] | |||
-[[बीजापुर]] | |||
||[[चित्र:Hazara-Rama-Temple-Hampi-Karnataka.jpg|right|border|100px|हज़ार राम मन्दिर, हम्पी]]'हज़ार राम मन्दिर' अथवा 'हज़ारा राम मन्दिर' [[हम्पी]], [[कर्नाटक]] के प्रसिद्ध धार्मिक पर्यटन स्थलों में से एक है। हम्पी में बहुत-से ऐसे आकर्षण हैं, जो पर्यटकों को लुभातें हैं। अपने गौरवशाली [[इतिहास]] को दर्शाते हम्पी के कई पर्यटन स्थल [[विश्व विरासत स्थल|विश्व विरासत स्थलों]] की सूची में शामिल हैं। [[कृष्णदेव राय|राजा कृष्णदेव राय]] को [[हज़ार राम मन्दिर, हम्पी|हज़ार राम मन्दिर]] का निर्माता कहा जाता है। मन्दिर की बाहरी दीवारों पर की गई नक़्क़ाशियाँ बहुत ही शानदार हैं। यहाँ [[बुद्ध|भगवान बुद्ध]] की एक प्रतिमा स्थापित है, जो [[विष्णु|भगवान विष्णु]] के नौवें [[अवतार]] थे।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[हज़ार राम मन्दिर, हम्पी|हज़ार राम मन्दिर]], [[हम्पी]] | |||
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