ज़ीनत महल: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "खून" to "ख़ून") |
गोविन्द राम (talk | contribs) |
||
(4 intermediate revisions by 2 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
[[चित्र:Zeenat-Mahal.jpg|thumb|बेगम ज़ीनत महल<br />Begum Zeenat Mahal]] | [[चित्र:Zeenat-Mahal.jpg|thumb|बेगम ज़ीनत महल<br />Begum Zeenat Mahal]] | ||
'''बेगम ज़ीनत महल''' (जन्म: 1823 – मृत्यु: 1886) [[मुग़ल]] सम्राट [[बहादुर शाह ज़फ़र]] की पत्नी (बेगम) थी। बेगम ज़ीनत महल ने [[दिल्ली]] और आसपास के क्षेत्रों में स्वातंत्र्य योद्धाओं को संगठित किया और देश प्रेम का परिचय दिया। | |||
==बहादुर शाह ज़फ़र की प्रेरणास्रोत== | |||
*इसी प्रकार दिल्ली के | सन् 1857 की क्रांति में बहादुर शाह ज़फ़र को प्रोत्साहित करने वाली बेगम ज़ीनत महल ने ललकारते हुए कहा था कि- 'यह समय ग़ज़लें कह कर दिल बहलाने का नहीं है, [[बिठूर]] से [[नाना साहब]] का पैग़ाम लेकर देशभक्त सैनिक आए हैं, आज सारे हिन्दुस्तान की आँखें दिल्ली की ओर व आप पर लगी हैं, ख़ानदान-ए-मुग़लिया का ख़ून हिन्द को ग़ुलाम होने देगा तो इतिहास उसे कभी क्षमा नहीं करेगा।' बाद में बेगम ज़ीनत महल भी बहादुर शाह ज़फ़र के साथ ही बर्मा (वर्तमान [[म्यांमार]]) चली गयीं। | ||
*इसी प्रकार [[दिल्ली]] के शहज़ादे फ़िरोज़शाह की बेगम तुकलाई सुल्तान ज़मानी बेगम को जब दिल्ली में क्रांति की सूचना मिली तो उन्होंने ऐशोआराम का जीवन जीने की बजाय युद्ध शिविरों में रहना पसंद किया और वहीं से सैनिकों को रसद पहुँचाने और घायल सैनिकों की सेवा का प्रबन्ध अपने हाथो में ले लिया। | |||
*अंग्रेज़ी हुकूमत इनसे इतनी भयभीत हो गयी थी कि कालान्तर में उन्हें घर में नज़रबन्द कर उन पर [[बम्बई]] न छोड़ने और दिल्ली प्रवेश करने पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया। | *अंग्रेज़ी हुकूमत इनसे इतनी भयभीत हो गयी थी कि कालान्तर में उन्हें घर में नज़रबन्द कर उन पर [[बम्बई]] न छोड़ने और दिल्ली प्रवेश करने पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया। | ||
{{लेख प्रगति | {{लेख प्रगति | ||
|आधार= | |आधार= | ||
Line 13: | Line 14: | ||
|शोध= | |शोध= | ||
}} | }} | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{मुग़ल साम्राज्य}} | {{मुग़ल साम्राज्य}} | ||
[[Category:मुग़ल साम्राज्य]][[Category:इतिहास कोश]] | [[Category:मुग़ल साम्राज्य]][[Category:इतिहास कोश]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
Latest revision as of 08:19, 22 January 2013
thumb|बेगम ज़ीनत महल
Begum Zeenat Mahal
बेगम ज़ीनत महल (जन्म: 1823 – मृत्यु: 1886) मुग़ल सम्राट बहादुर शाह ज़फ़र की पत्नी (बेगम) थी। बेगम ज़ीनत महल ने दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में स्वातंत्र्य योद्धाओं को संगठित किया और देश प्रेम का परिचय दिया।
बहादुर शाह ज़फ़र की प्रेरणास्रोत
सन् 1857 की क्रांति में बहादुर शाह ज़फ़र को प्रोत्साहित करने वाली बेगम ज़ीनत महल ने ललकारते हुए कहा था कि- 'यह समय ग़ज़लें कह कर दिल बहलाने का नहीं है, बिठूर से नाना साहब का पैग़ाम लेकर देशभक्त सैनिक आए हैं, आज सारे हिन्दुस्तान की आँखें दिल्ली की ओर व आप पर लगी हैं, ख़ानदान-ए-मुग़लिया का ख़ून हिन्द को ग़ुलाम होने देगा तो इतिहास उसे कभी क्षमा नहीं करेगा।' बाद में बेगम ज़ीनत महल भी बहादुर शाह ज़फ़र के साथ ही बर्मा (वर्तमान म्यांमार) चली गयीं।
- इसी प्रकार दिल्ली के शहज़ादे फ़िरोज़शाह की बेगम तुकलाई सुल्तान ज़मानी बेगम को जब दिल्ली में क्रांति की सूचना मिली तो उन्होंने ऐशोआराम का जीवन जीने की बजाय युद्ध शिविरों में रहना पसंद किया और वहीं से सैनिकों को रसद पहुँचाने और घायल सैनिकों की सेवा का प्रबन्ध अपने हाथो में ले लिया।
- अंग्रेज़ी हुकूमत इनसे इतनी भयभीत हो गयी थी कि कालान्तर में उन्हें घर में नज़रबन्द कर उन पर बम्बई न छोड़ने और दिल्ली प्रवेश करने पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया।
|
|
|
|
|