करनेस: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
m (Text replacement - "डा." to "डॉ.")
 
(4 intermediate revisions by 2 users not shown)
Line 1: Line 1:
'''करनेस''' [[मध्यकालीन भारत]] में [[मुग़ल]] बादशाह [[अकबर]] के दरबार से संबंध रखने वाले [[हिंदी]] के [[कवि]] थे। इनका जन्म काल सन 1554 ई. और रचना काल 1580 ई. के लगभग माना जाता है।<ref>हिंदी काव्यशास्त्र का इतिहास, डा. भगीरथ मिश्र, द्वितीय संस्करण, पृष्ठ- 37</ref> मिश्रबंधु विनोद<ref>भाग 1, पृष्ठ 324, संस्करण 1994</ref> के अनुसार ये नरहरि कवि (जन्म 1505 ई.) के साथ अकबर के दरबार में आया जाया करते थे।
'''करनेस''' [[मध्यकालीन भारत]] में [[मुग़ल]] बादशाह [[अकबर]] के दरबार से संबंध रखने वाले [[हिंदी]] के [[कवि]] थे। इनका जन्म काल सन 1554 ई. और रचना काल 1580 ई. के लगभग माना जाता है।<ref>हिंदी काव्यशास्त्र का इतिहास, डॉ. भगीरथ मिश्र, द्वितीय संस्करण, पृष्ठ- 37</ref> मिश्रबंधु विनोद<ref>भाग 1, पृष्ठ 324, संस्करण 1994</ref> के अनुसार ये नरहरि कवि (जन्म 1505 ई.) के साथ अकबर के दरबार में आया जाया करते थे।
{{tocright}}
{{tocright}}
==रचना कार्य==
==रचना कार्य==
Line 9: Line 9:
उक्त सभी [[ग्रंथ]] अभी तक अप्राप्त हैं। मिश्रबंधुओं के अनुसार करनेस ने [[खड़ी बोली]] में भी [[कविता|कविताएँ]] लिखी थीं, लेकिन इनका उक्त [[काव्य]] साधारण कोटि का ही है।
उक्त सभी [[ग्रंथ]] अभी तक अप्राप्त हैं। मिश्रबंधुओं के अनुसार करनेस ने [[खड़ी बोली]] में भी [[कविता|कविताएँ]] लिखी थीं, लेकिन इनका उक्त [[काव्य]] साधारण कोटि का ही है।
====विभिन्न नाम====
====विभिन्न नाम====
करनेस का 'करनेसि', 'करणेश', 'कर्नेश', आदि विभिन्न नामों से उल्लेख मिलता है। [[हजारीप्रसाद द्विवेदी]] तथा भगीरथ मिश्र इन्हें 'करनेस बंदीजन' लिखते हैं तो सरयू प्रसाद अग्रवाल ने इनका उल्लेख 'करनेश' नाम से जिक्र किया है; लेकिन [[रामचंद्र शुक्ल]] तथा विजयेंद्र स्नातक ने इन्हें 'करनेस कवि' ही लिखा है।
करनेस का 'करनेसि', 'करणेश', 'कर्नेश', आदि विभिन्न नामों से उल्लेख मिलता है। [[हजारीप्रसाद द्विवेदी]] तथा भगीरथ मिश्र इन्हें 'करनेस बंदीजन' लिखते हैं तो सरयू प्रसाद अग्रवाल ने इनका उल्लेख 'करनेश' नाम से ज़िक्र किया है; लेकिन [[रामचंद्र शुक्ल]] तथा विजयेंद्र स्नातक ने इन्हें 'करनेस कवि' ही लिखा है।
==विद्वान उल्लेख==
==विद्वान् उल्लेख==
[[असनी]] निवासी महापात्र करनेश कवि की चर्चा भी डॉ. भगीरथ मिश्र ने<ref>हिंदी काव्यशास्त्र का इतिहास, द्वितीय संस्करण, पृष्ठ- 180</ref> चंद्रशेखर बाजपेयी के प्रसंग में की है। लेकिन ये अकबरी दरबार के करनेस नहीं हैं, क्योंकि चंद्रशेखर बाजपेयी का जन्म [[संवत]] 1855 विक्रमी, तद्नुसार 1798 ई. के आसपास आँका गया है। दोनों में 200 [[वर्ष]] का अंतर है, अत: दोनों दो भिन्न व्यक्ति हैं। 'रसकल्लोल' (रचना सन्‌ 1700 अथवा 1800 के आसपास) के रचयिता 'करन कवि, जिनका उल्लेख शिवसिंह सेंगर ने [[पन्ना ज़िला|पन्ना]] नरेश के आश्रित [[कवि]] के रूप में किया और डॉ. भगीरथ मिश्र<ref>हिंदी काव्यशास्त्र का इतिहास, द्वितीय संस्करण, पृष्ठ- 42</ref> द्वारा उल्लिखित 'साहित्यरस' (रचना सन्‌ 1903 ई.) नामक काव्यशास्त्रीय ग्रंथ के प्रणेता 'करन' कवि भी करनेस कवि से अलग व्यक्ति हैं।<ref>{{cite web |url=http://khoj.bharatdiscovery.org/india/%E0%A4%95%E0%A4%B0%E0%A4%A8%E0%A5%87%E0%A4%B8 |title=करनेस|accessmonthday=20 दिसम्बर |accessyear=2013 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=भारतखोज |language=हिंदी }}</ref>
[[असनी]] निवासी महापात्र करनेश कवि की चर्चा भी डॉ. भगीरथ मिश्र ने<ref>हिंदी काव्यशास्त्र का इतिहास, द्वितीय संस्करण, पृष्ठ- 180</ref> चंद्रशेखर बाजपेयी के प्रसंग में की है। लेकिन ये अकबरी दरबार के करनेस नहीं हैं, क्योंकि चंद्रशेखर बाजपेयी का जन्म [[संवत]] 1855 विक्रमी, तद्नुसार 1798 ई. के आसपास आँका गया है। दोनों में 200 [[वर्ष]] का अंतर है, अत: दोनों दो भिन्न व्यक्ति हैं। 'रसकल्लोल' (रचना सन्‌ 1700 अथवा 1800 के आसपास) के रचयिता 'करन कवि, जिनका उल्लेख शिवसिंह सेंगर ने [[पन्ना ज़िला|पन्ना]] नरेश के आश्रित [[कवि]] के रूप में किया और डॉ. भगीरथ मिश्र<ref>हिंदी काव्यशास्त्र का इतिहास, द्वितीय संस्करण, पृष्ठ- 42</ref> द्वारा उल्लिखित 'साहित्यरस' (रचना सन्‌ 1903 ई.) नामक काव्यशास्त्रीय ग्रंथ के प्रणेता 'करन' कवि भी करनेस कवि से अलग व्यक्ति हैं।<ref>{{cite web |url=http://bharatkhoj.org/india/%E0%A4%95%E0%A4%B0%E0%A4%A8%E0%A5%87%E0%A4%B8 |title=करनेस|accessmonthday=20 दिसम्बर |accessyear=2013 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=भारतखोज |language=हिंदी }}</ref>


{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
Line 18: Line 18:
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{मुग़ल साम्राज्य}}
{{मुग़ल साम्राज्य}}
[[Category:मध्य काल]][[Category:मुग़ल साम्राज्य]][[Category:चरित कोश]][[Category:इतिहास कोश]]
[[Category:मध्य काल]][[Category:मुग़ल साम्राज्य]][[Category:चरित कोश]][[Category:इतिहास कोश]][[Category:हिन्दी विश्वकोश]]
__INDEX__
__INDEX__
__NOTOC__
__NOTOC__

Latest revision as of 10:04, 4 February 2021

करनेस मध्यकालीन भारत में मुग़ल बादशाह अकबर के दरबार से संबंध रखने वाले हिंदी के कवि थे। इनका जन्म काल सन 1554 ई. और रचना काल 1580 ई. के लगभग माना जाता है।[1] मिश्रबंधु विनोद[2] के अनुसार ये नरहरि कवि (जन्म 1505 ई.) के साथ अकबर के दरबार में आया जाया करते थे।

रचना कार्य

करनेस ने निम्न तीन अलंकार संबंधी ग्रंथों की रचना की थी[3]-

  1. 'कर्णाभिरण'
  2. 'श्रुतिभूषण'
  3. 'भूपभूषण'

उक्त सभी ग्रंथ अभी तक अप्राप्त हैं। मिश्रबंधुओं के अनुसार करनेस ने खड़ी बोली में भी कविताएँ लिखी थीं, लेकिन इनका उक्त काव्य साधारण कोटि का ही है।

विभिन्न नाम

करनेस का 'करनेसि', 'करणेश', 'कर्नेश', आदि विभिन्न नामों से उल्लेख मिलता है। हजारीप्रसाद द्विवेदी तथा भगीरथ मिश्र इन्हें 'करनेस बंदीजन' लिखते हैं तो सरयू प्रसाद अग्रवाल ने इनका उल्लेख 'करनेश' नाम से ज़िक्र किया है; लेकिन रामचंद्र शुक्ल तथा विजयेंद्र स्नातक ने इन्हें 'करनेस कवि' ही लिखा है।

विद्वान् उल्लेख

असनी निवासी महापात्र करनेश कवि की चर्चा भी डॉ. भगीरथ मिश्र ने[4] चंद्रशेखर बाजपेयी के प्रसंग में की है। लेकिन ये अकबरी दरबार के करनेस नहीं हैं, क्योंकि चंद्रशेखर बाजपेयी का जन्म संवत 1855 विक्रमी, तद्नुसार 1798 ई. के आसपास आँका गया है। दोनों में 200 वर्ष का अंतर है, अत: दोनों दो भिन्न व्यक्ति हैं। 'रसकल्लोल' (रचना सन्‌ 1700 अथवा 1800 के आसपास) के रचयिता 'करन कवि, जिनका उल्लेख शिवसिंह सेंगर ने पन्ना नरेश के आश्रित कवि के रूप में किया और डॉ. भगीरथ मिश्र[5] द्वारा उल्लिखित 'साहित्यरस' (रचना सन्‌ 1903 ई.) नामक काव्यशास्त्रीय ग्रंथ के प्रणेता 'करन' कवि भी करनेस कवि से अलग व्यक्ति हैं।[6]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिंदी काव्यशास्त्र का इतिहास, डॉ. भगीरथ मिश्र, द्वितीय संस्करण, पृष्ठ- 37
  2. भाग 1, पृष्ठ 324, संस्करण 1994
  3. हिंदी साहित्य का इतिहास, रामचंद शुक्ल, 16वाँ पुनर्मुद्रण, पृष्ठ- 200
  4. हिंदी काव्यशास्त्र का इतिहास, द्वितीय संस्करण, पृष्ठ- 180
  5. हिंदी काव्यशास्त्र का इतिहास, द्वितीय संस्करण, पृष्ठ- 42
  6. करनेस (हिंदी) भारतखोज। अभिगमन तिथि: 20 दिसम्बर, 2013।

संबंधित लेख