लक्षद्वीप: Difference between revisions

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{{सूचना बक्सा राज्य
{{सूचना बक्सा राज्य
|Image=Lakshadweep-Map.jpg
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|राजधानी=[[कवरत्ती द्वीप समूह]]
|राजधानी=[[कवरत्ती]]
|राजभाषा(एँ)=[[मलयालम भाषा|मलयालम]], [[अंग्रेज़ी]]
|राजभाषा(एँ)=[[मलयालम भाषा|मलयालम]], [[अंग्रेज़ी]], माहल (मिनिकॉय में बोली जाने वाली भाषा)
|जनसंख्या=60,650<ref>जनगणना 2001 के अनुसार </ref>
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|जनसंख्या=64,429<ref>जनगणना 2011 के अनुसार </ref> (पुरुष- 33,106; महिला- 31,323)
|क्षेत्रफल=32 वर्ग किमी<ref name="lak">{{cite web |url=http://bharat.gov.in/knowindia/state_uts.php?id=35 |title=लक्षद्वीप |accessmonthday=17 मई |accessyear=2012 |last= |first= |authorlink= |format=पी.एच.पी |publisher=भारत की आधिकारिक वेबसाइट |language=हिन्दी}}</ref>
|जनसंख्या घनत्व=2013 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी।
|ज़िले=1
|क्षेत्रफल=32 वर्ग किमी
|सबसे बड़ा नगर=कवरत्ती
|ज़िले=1 (लक्षद्वीप)
|भौगोलिक निर्देशांक=[http://maps.google.com/maps?ll=10.57,72.63&spn=1,1&t=m&q=10.57,72.63 10° 00' उत्तर 73° 00' पूर्व]
|सबसे बड़ा नगर=अन्दरोत
|स्थापना=1 नवंबर, 1956
|भौगोलिक निर्देशांक=8°-12° 13' उत्तरी अक्षांश  71° - 74° पूर्वी देशान्तर<ref name="lak">{{cite web |url=http://www.lakshadweep.gov.in/KL_ataglance.html |title=Lakshadweep - At a Glance  |accessmonthday=23 अगस्त |accessyear=2017 |last= |first= |authorlink= |format=पी.एच.पी |publisher=लक्षद्वीप की आधिकारिक वेबसाइट |language=अंग्रेज़ी}}</ref>
|साक्षरता=81.78
|साक्षरता=92.18
|लिंग अनुपात=1000:946
|जलवायु=उष्णकटिबंधीय
|जलवायु=उष्णकटिबंधीय
|ग्रीष्म=32 °C
|ग्रीष्म=32 °C
|शरद=23 °C
|शरद=28 °C
|वर्षा=
|वर्षा=241.8 मिमी (अधिकतम)
|राज्यपाल=अमर नाथ (आई.ए.एस)<ref>[http://lakshadweep.nic.in/welcome.htm लक्षद्वीप अधिकारिक वेबसाइट] </ref>
|उच्च न्यायालय=[[केरल उच्च न्यायालय]]
|बाहरी कड़ियाँ=[http://lakshadweep.nic.in/welcome.htm अधिकारिक वेबसाइट]
|प्रशासक=[[प्रफुल खोदा पटेल]]
|अद्यतन= {{अद्यतन|16:04, 17 मई 2012 (IST)}}
|लोकसभा क्षेत्र=1 
|राज्यसभा सदस्य=
|राजकीय पशु=सूरी टेम
|राजकीय पक्षी=सूरी टेम
|राजकीय पुष्प=
|राजकीय वृक्ष=ब्रेड फ्रूट
|शीर्षक 1=वर्तमान सांसद
|पाठ 1=मोहम्मद फ़ैज़ल (एनसीपी)
|शीर्षक 2=वाहन पंजीकरण
|पाठ 2=LD
|शीर्षक 3=कुल द्वीपों की संख्या
|पाठ 3=36 (मानव बस्ती वाले 10 द्वीप- [[अनद्रोथ द्वीप समूह|अंदरौत]], [[कदमत द्वीप समूह|कदमत]], [[मिनीकॉय द्वीप समूह|मिनिकॉय]], [[कवरत्ती द्वीप समूह|कवरत्ती]], [[अगत्ती द्वीप समूह|अगत्ती]], अमिनि, [[कलपेनी द्वीप समूह|कल्पेनी]], किल्टन, चेटलाट एवं [[बित्रा द्वीप समूह|बित्रा]])
|अन्य जानकारी=लक्षद्वीप में विधानमंडल नहीं है। लक्षद्वीप सर्वाधिक साक्षरता वाला संघ शासित राज्य है।
|बाहरी कड़ियाँ=[http://www.lakshadweep.gov.in अधिकारिक वेबसाइट]
|अद्यतन={{अद्यतन|14:54, 23 अगस्त 2017 (IST)}}
|emblem=Lakshadweep.jpg
|emblem=Lakshadweep.jpg
}}
}}
लक्षद्वीप [[भारत]] के दक्षिण-पश्चिम किनारे पर स्थित हैं। [[अरब सागर]] में स्थित छोटे [[द्वीप]] अपनी सुंदरता में अद्वितीय और आकर्षक हैं।मुख्य भूमि से दूर इनका प्राकृतिक सौंदर्य, प्रदूषणमुक्त वातावरण, चारों ओर [[समुद्र]] और इसकी पारदर्शी सतह पर्यटकों को सम्मोहित कर लेता है। समुद्री जल में तैरती [[मछली|मछलियाँ]] इन द्वीपों की सुंदरता को और बढ़ा देती हैं। हर द्वीप पर [[नारियल]] व पाम के झूमते हरे-भरे वृक्ष, और समुद्र जिसका नीला पानी अनोखी पवित्रता का अहसास कराता है।
'''लक्षद्वीप''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Lakshadweep'') ([[संस्कृत]]: लक्ष: लाख, + द्वीप) [[भारत]] के दक्षिण-पश्चिम में [[हिंद महासागर]] में स्थित एक भारतीय द्वीप-समूह है। सभी [[केन्द्रशासित प्रदेश|केन्द्रशासित प्रदेशों]] में लक्षद्वीप सबसे छोटा है। लक्षद्वीप द्वीप-समूह की उत्पत्ति प्राचीन काल में हुए ज्वालामुखीय विस्फोट से निकले लावा से हुई है। यह भारत की मुख्यभूमि से लगभग 400 किमी दूर पश्चिम दिशा में [[अरब सागर]] में अवस्थित है। लक्षद्वीप द्वीप-समूह में कुल 36 द्वीप है परन्तु केवल 7 द्वीपों पर ही जनजीवन है। देशी पयर्टकों को 6 द्वीपों पर जाने की अनुमति है जबकि विदेशी पयर्टकों को केवल 2 द्वीपों (अगाती व बंगाराम) पर जाने की अनुमति है। मुख्य भूमि से दूर इनका प्राकृतिक सौंदर्य, प्रदूषणमुक्त वातावरण, चारों ओर [[समुद्र]] और इसकी पारदर्शी सतह पर्यटकों को सम्मोहित कर लेती है। समुद्री जल में तैरती [[मछली|मछलियाँ]] इन द्वीपों की सुंदरता को और बढ़ा देती हैं। हर द्वीप पर [[नारियल]] व पाम के झूमते हरे-भरे वृक्ष, और समुद्र जिसका नीला पानी अनोखी पवित्रता का अहसास कराता है।  
[[चित्र:A-View-Of-Lakshadweep.jpg|thumb|250px|left|लक्षद्वीप का एक दृश्य<br />A View Of Lakshadweep]]
[[चित्र:A-View-Of-Lakshadweep.jpg|thumb|250px|left|लक्षद्वीप का एक दृश्य<br />A View Of Lakshadweep]]
लक्षद्वीप भारत के एकमात्र मूँगा द्वीप हैं। इन द्वीपों की श्रृंखला मूँगा एटोल हैं। एटोल मूँगे के द्वारा बनाया गई ऐसी रचना है जो समुद्र की सतह पर पानी और हवा मिलने पर बनती है। सिर्फ़ इन्हीं परिस्थतियों में मूँगा जीवित रह सकता है। यहाँ के निवासी [[केरल]] के निवासियों से बहुत मिलते-जुलते हैं। यह द्वीप पर्यटकों का स्वर्ग है। यहाँ का नैसर्गिक वातावरण देश-विदेश के सैलानियों को बरबस अपनी ओर खींच लेता है। अब केंद्र सरकार इन द्वीपों का पर्यटन की दृष्टि से तेजी से विकास कर रही है।
लक्षद्वीप भारत का एकमात्र मूँगा द्वीप हैं। इन द्वीपों की श्रृंखला मूँगा एटोल है। एटोल मूँगे के द्वारा बनाया गई ऐसी रचना है जो [[समुद्र]] की सतह पर पानी और हवा मिलने पर बनती है। केवल इन्हीं परिस्थतियों में मूँगा जीवित रह सकता है। यहाँ के निवासी [[केरल]] के निवासियों से बहुत मिलते-जुलते हैं। यह द्वीप पर्यटकों का स्वर्ग है। यहाँ का नैसर्गिक वातावरण देश-विदेश के सैलानियों को बरबस ही अपनी ओर खींच लेता है। अब केंद्र सरकार इन द्वीपों का पर्यटन की दृष्टि से तेज़ीसे विकास कर रही है। लक्षद्वीप की राजधानी [[कवरत्ती द्वीप समूह|कवरत्ती]] है।  
====राजधानी====
लक्षद्वीप की राजधानी [[कवरत्ती द्वीप समूह|कवरत्ती]] है। समस्त केन्द्र शासित प्रदेशों में लक्षद्वीप सब से छोटा है। लक्षद्वीप द्वीप-समूह की उत्पत्ति प्राचीन काल में एक ज्वालामुखी से हुई मानी जाती है। लक्षद्वीप भारत की मुख्यभूमि से लगभग 400 कि.मी. दूर पश्चिम दिशा में अरब सागर में है। लक्षद्वीप में कुल 36 द्वीप है, किन्तु सिर्फ़ 7 द्वीपों पर ही जनजीवन है। भारतीय पयर्टक  6 द्वीपों पर जा सकते है जबकि विदेशी पयर्टकों को केवक 2 द्वीप, अगाती व बंगाराम पर ही जाने की अनुमति मिलती है।
 
==इतिहास और भूगोल==
==इतिहास और भूगोल==
इन द्वीपों के बारे में, इनके पूर्व इतिहास के बारे में अधिक जानकारी उपलब्‍ध नहीं है। समझा जाता है कि पहले-पहल लोग आकर अमीनी, अनद्रौत, कवारत्ती और अगात्ती द्वीपों पर बस गये। पहले यह विश्‍वास किया जाता था कि द्वीप में आकर बसने वाले मूल लोग हिन्दू थे और लगभग 14वीं शताब्‍दी में किसी समय अरब व्‍यापारियों के प्रभाव में आकर मुसलमान बन बए। परंतु हाल ही में पुरातत्‍वीय खोजों से पता चलता है कि लगभग छठी या सातवीं शताब्‍दी के आसपास यहाँ [[बौद्ध]] रहते थे। सर्वप्रथम इस्लाम धर्म को अपनाने वाले जिन लोगों और निवासियों का पता चलता है वे [[हिजरी संवत|हिजरी]] वर्ष 139 (आठवीं शताब्‍दी) के समय के मालूम होते हैं। इस तारीख का पता अगात्ती में हाल में खोजे गए मक़बरोंं के पत्‍थरों पर खुदी तारीखों से लगता है। स्‍थानीय पंरपरागत मान्‍यताओं के अनुसार, इस द्वीप में अरब सूफी अबैदुल्‍ला हिजरी सन् 41 में इस्‍लाम को लेकर आए।
इन द्वीपों के बारे में, इनके पूर्व इतिहास के बारे में अधिक जानकारी उपलब्‍ध नहीं है। समझा जाता है कि पहले-पहल लोग आकर अमीनी, अनद्रौत, कवरत्ती और अगात्ती द्वीपों पर बस गये। पहले यह विश्‍वास किया जाता था कि द्वीप में आकर बसने वाले मूल लोग [[हिन्दू]] थे और लगभग 14वीं शताब्‍दी में किसी समय अरब व्‍यापारियों के प्रभाव में आकर [[मुसलमान]] बन बए। परंतु हाल ही में पुरातत्‍वीय खोजों से पता चलता है कि लगभग छठी या सातवीं शताब्‍दी के आसपास यहाँ [[बौद्ध]] रहते थे। सर्वप्रथम [[इस्लाम धर्म]] को अपनाने वाले जिन लोगों और निवासियों का पता चलता है वे [[हिजरी संवत|हिजरी]] वर्ष 139 (आठवीं शताब्‍दी) के समय के मालूम होते हैं। इस तारीख का पता अगात्ती में हाल में खोजे गए मक़बरोंं के पत्‍थरों पर खुदी तारीखों से लगता है। स्‍थानीय पंरपरागत मान्‍यताओं के अनुसार, इस द्वीप में अरब सूफी अबैदुल्‍ला हिजरी सन् 41 में इस्‍लाम को लेकर आए।
[[चित्र:Kavaratti-Island-Lakshadweep.jpg|thumb|250px|left|[[कवरत्ती द्वीप समूह]], लक्षद्वीप<br />Kavaratti Island, Lakshadweep]]
[[चित्र:Kavaratti-Island-Lakshadweep.jpg|thumb|250px|left|[[कवरत्ती द्वीप समूह]], लक्षद्वीप<br />Kavaratti Island, Lakshadweep]]
सम्भवत: 16वीं शताब्‍दी तक स्‍वतंत्र इन द्वीपों में बसने वाले लोगों को पुर्तग़ालियों के उपनिवेशों के आधिपत्‍य से मुक्ति पाने के लिए चिरक्कल के राजा की सहायता लेनी पडी। इससे वह यहाँ अपनी प्रभुत्‍व जमा सका और बाद में इन द्वीपों को कन्नानूर में मोपला समुदाय के प्रमुख अली राजा को जागीर के रूप में सौंप दिया, वह बाद में स्‍वतंत्र शासक बन बैठा। अरक्‍कल शासन लोकप्रिय नहीं हुआ और 1787 में [[टीपू सुल्तान]] ने इन द्वीपों पर कब्‍जा करने की उत्तर के द्वीपवासियो की याचिका को स्‍वीकार कर लिया। टीपू सुल्तान के पतन के बाद ये द्वीप [[ईस्ट इंडिया कंपनी]] के अधिकार में दे दिए गए, परंतु इन पर कन्‍नानूर के शासक वस्‍तुत: तब तक शासन करते रहे जब तक कि अंतत: 20वीं शताब्‍दी के आरंभ में अंग्रेज़ों ने इन पर कब्‍जा नहीं कर लिया। 1956 में इन द्वीपों को मिलाकर 'केंद्रशासित प्रदेश' बना दिया गया और त‍ब इसका शासन केंद्र सरकार के प्रशासक के माध्‍यम से चल रहा है। 'सन 1973 में लक्‍का दीव, मिनीकाय और अमीनदीवी द्वीपसमूहों का नाम लक्षद्वीप कर दिया।' लक्षद्वीप प्रवाल द्वीपों का एक समूह है जिसमें 12 प्रवाल द्वीप, तीन प्रवाल भित्ति और जलमग्‍न बालू के तट शामिल हैं। यहाँ के कुल 27 द्वीपों में से 11 में आबादी है। ये द्वीप उत्तर में 8 डिग्री और 12 डिग्री, 3, अक्षांश पर तथा पूर्व में 71 डिग्री और 74 डिग्री देशांतर पर केरल तट से लगभग 280 से 480 कि.मी. दूर अरब सागर में फैले हुए हैं।
सम्भवत: 16वीं शताब्‍दी तक स्‍वतंत्र इन द्वीपों में बसने वाले लोगों को पुर्तग़ालियों के उपनिवेशों के आधिपत्‍य से मुक्ति पाने के लिए चिरक्कल के राजा की सहायता लेनी पडी। इससे वह यहाँ अपनी प्रभुत्‍व जमा सका और बाद में इन द्वीपों को कन्नानूर में मोपला समुदाय के प्रमुख अली राजा को जागीर के रूप में सौंप दिया, वह बाद में स्‍वतंत्र शासक बन बैठा। अरक्‍कल शासन लोकप्रिय नहीं हुआ और 1787 में [[टीपू सुल्तान]] ने इन द्वीपों पर कब्‍जा करने की उत्तर के द्वीपवासियों की याचिका को स्‍वीकार कर लिया। टीपू सुल्तान के पतन के बाद ये द्वीप [[ईस्ट इंडिया कंपनी]] के अधिकार में दे दिए गए, परंतु इन पर कन्‍नानूर के शासक वस्‍तुत: तब तक शासन करते रहे जब तक कि अंतत: 20वीं शताब्‍दी के आरंभ में अंग्रेज़ों ने इन पर कब्‍जा नहीं कर लिया। 1956 में इन द्वीपों को मिलाकर 'केंद्रशासित प्रदेश' बना दिया गया और त‍बसे इसका शासन [[भारत सरकार|केंद्र सरकार]] के प्रशासक के माध्‍यम से चल रहा है। 'सन 1973 में लक्‍का दीव, मिनीकाय और अमीनदीवी द्वीपसमूहों का नाम लक्षद्वीप कर दिया।' लक्षद्वीप [[प्रवाल द्वीप|प्रवाल द्वीपों]] का एक समूह है जिसमें 12 प्रवाल द्वीप, तीन प्रवाल भित्ति और जलमग्‍न बालू के तट शामिल हैं। यहाँ के कुल 27 द्वीपों में से 11 में आबादी है। ये द्वीप उत्तर में 8 डिग्री और 12 डिग्री, 3, अक्षांश पर तथा पूर्व में 71 डिग्री और 74 डिग्री देशांतर पर केरल तट से लगभग 280 से 480 किमी दूर अरब सागर में फैले हुए हैं।


==खाद्य व्यवस्था==
==खाद्य व्यवस्था==
{{राज्य मानचित्र|float=right}}
{{राज्य मानचित्र|float=right}}
लक्षद्वीप में पीने के पानी के स्रोत बिल्कुल नहीं हैं। वर्षा के पानी को ही इकट्ठा करके इस्तेमाल किया जाता है। कुछ द्वीपों में कुएं बनाए गए हैं, जिसमें वर्षा का पानी जमा किया जाता है और फिर काम में लिया जाता है। नारियल, केला, पपीता और कुछ जंगली पेड़ पौधों के अलावा लक्षद्वीप में कुछ भी नहीं पैदा होता। मिट्टी न होने की वजह से सब्जियां नहीं उगाई जा सकती हैं। खाद्य सामग्री, सब्जियां और ज़रूरत की दूसरी चीज़ें कोच्चि से ही मंगाई जाती हैं।
लक्षद्वीप में पीने के पानी के स्रोत बिल्कुल नहीं हैं। वर्षा के पानी को ही इकट्ठा करके इस्तेमाल किया जाता है। कुछ द्वीपों में कुएं बनाए गए हैं, जिसमें वर्षा का पानी जमा किया जाता है और फिर काम में लिया जाता है। [[नारियल]], [[केला]], [[पपीता]] और कुछ जंगली पेड़-पौधों के अलावा लक्षद्वीप में कुछ भी नहीं पैदा होता। [[मिट्टी]] न होने की वजह से सब्जियां नहीं उगाई जा सकती हैं। खाद्य सामग्री, सब्जियां और ज़रूरत की दूसरी चीज़ें [[कोच्चि]] से ही मंगाई जाती हैं।
 
====आवश्यक वस्तुओं का आयात====
==आवश्यक वस्तुओं का आयात==
अनाज और अन्य आवश्यक वस्तुएँ, पेट्रोलियम उत्पाद, सामान्य वस्तुएँ, स्टील, सीमेंट जैसी निर्माण सामग्री मालवाहक यान के द्वारा द्वीप पर मंगायी जाती हैं। विशेष चिकित्सा सुविधा और बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए लोगों को मुख्य भूमि पर ही जाना पड़ता है।  
अनाज और अन्य आवश्यक वस्तुएँ, पेट्रोलियम उत्पाद, सामान्य वस्तुएँ, स्टील, सीमेंट जैसी निर्माण सामग्री मालवाहक यान के द्वारा द्वीप पर मंगायी जाती हैं। विशेष चिकित्सा सुविधा और बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए लोगों को मुख्य भूमि पर ही जाना पड़ता है।  
==कृषि==
==कृषि==
यहाँ की प्रमुख फ़सल नारियल है और प्रतिवर्ष 580 लाख नारियल का उत्‍पादन होता है। यहाँ 2,598 हेक्‍टेयर भूमि में खेती की जाती है। यहाँ के नारियल को जैव उत्‍पाद (आर्गेनिक प्रोडक्‍ट) के रूप में जाना गया हैं। भारत में सार्वाधिक नारियल उत्‍पादन लक्षद्वीप में होता है तथा प्रति हेक्‍टेयर उपज 22,310 नारियल है और प्रत्‍येक पेड़ से प्रतिवर्ष औसतन 97 खजूरों का उत्‍पादन होता है। लक्षद्वीप के नारियलों में विश्‍व के अन्‍य नारियलों के मुक़ाबले सर्वाधिक तेल (72 प्रतिशत) पाया जाता है।
यहाँ की प्रमुख फ़सल नारियल है और प्रतिवर्ष 580 लाख नारियल का उत्‍पादन होता है। यहाँ 2,598 हेक्‍टेयर भूमि में खेती की जाती है। यहाँ के नारियल को जैव उत्‍पाद (आर्गेनिक प्रोडक्‍ट) के रूप में जाना गया हैं। भारत में सर्वाधिक नारियल उत्‍पादन लक्षद्वीप में होता है तथा प्रति हेक्‍टेयर उपज 22,310 नारियल है और प्रत्‍येक पेड़ से प्रतिवर्ष औसतन 97 खजूरों का उत्‍पादन होता है। लक्षद्वीप के नारियलों में विश्‍व के अन्‍य नारियलों के मुक़ाबले सर्वाधिक तेल (72 प्रतिशत) पाया जाता है।
[[चित्र:Kadmat-Island-Lakshadweep.jpg|thumb|250px|left|[[कदमत द्वीप समूह]], लक्षद्वीप<br />Kadmat Island, Lakshadweep]]
[[चित्र:Kadmat-Island-Lakshadweep.jpg|thumb|250px|left|[[कदमत द्वीप समूह]], लक्षद्वीप<br />Kadmat Island, Lakshadweep]]
==मछली पालन==
====मछली पालन====
मछली पकड़ना यहाँ का एक अन्‍य प्रमुख व्यवसाय है। इसके चारों ओर के समुद्र में मछलियां बहुत अधिक पायी जाती हैं। लक्षद्वीप में प्रति व्‍यक्ति मछली की उपलब्‍धता देश में सर्वाधिक है। सन् 2006 में इस प्रदेश में 11,751 टन मछलियां पकड़ी गईं।
मछली पकड़ना यहाँ का एक अन्‍य प्रमुख व्यवसाय है। इसके चारों ओर के समुद्र में मछलियां बहुत अधिक पायी जाती हैं। लक्षद्वीप में प्रति व्‍यक्ति मछली की उपलब्‍धता देश में सर्वाधिक है। सन् 2006 में इस प्रदेश में 11,751 टन मछलियां पकड़ी गईं।
==हस्तशिल्प उद्योग==
==हस्तशिल्प उद्योग==
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==परिवहन==
==परिवहन==
[[चित्र:Agatti-Island-Lakshadweep.jpg|thumb|250px|[[अगत्ती द्वीप समूह]], लक्षद्वीप<br />Agatti Island, Lakshadweep]]
[[चित्र:Agatti-Island-Lakshadweep.jpg|thumb|250px|[[अगत्ती द्वीप समूह]], लक्षद्वीप<br />Agatti Island, Lakshadweep]]
*अगत्ती में लक्षद्वीप का एकमात्र एयरपोर्ट है। अगत्ती नियमित उड़ानों से कोच्चि से जुड़ा हुआ है। कोच्चि अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा भारत के लगभग सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा है। हेलिकॉप्टर के माध्यम से भी लक्षद्वीप पहुंचा जा सकता है।
*अगत्ती में लक्षद्वीप का एकमात्र एयरपोर्ट है। अगत्ती नियमित उड़ानों से कोच्चि से जुड़ा हुआ है। कोच्चि अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा [[भारत]] के लगभग सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा है। हेलिकॉप्टर के माध्यम से भी लक्षद्वीप पहुंचा जा सकता है।
*लक्षद्वीप पहुंचने के लिए पानी का जहाज़ अच्छा विकल्प है। कोच्चि से कुछ यात्री जहाज़ संचालित होते हैं। जहाज़ के माध्यम से लक्षद्वीप पहुंचने में लगभग 18-20 घन्टे का समय लगता है। मॉनसून के दौरान पानी के जहाज़ की सेवाएं बंद रहती हैं।
*लक्षद्वीप पहुंचने के लिए पानी का जहाज़ अच्छा विकल्प है। कोच्चि से कुछ यात्री जहाज़ संचालित होते हैं। जहाज़ के माध्यम से लक्षद्वीप पहुंचने में लगभग 18-20 घन्टे का समय लगता है। [[मानसून]] के दौरान पानी के जहाज़ की सेवाएं बंद रहती हैं।
[[चित्र:Bangaram-Island-Lakshadweep-1.jpg|thumb|250px|left|[[बंगारम द्वीप समूह]], लक्षद्वीप<br />Bangaram Island, Lakshadweep]]
मुख्‍य भूमि से [[कोचीन]] और बेपोर बंदरगाह तक यात्रियों को लाने, ले जाने के लिए एम.वी.टीपू सुल्‍तान, एम.वी. भारत सीमा, एम.वी. आमीनदीनी, एम.वी. मिनीकाय और एम.वी. द्वीपसेतु नामक यात्री जलपोत माल ढोने के लिए; एम.वी. उबेदुल्‍ला, एम.वी. थिन्‍नाकारा और एम.वी. लक्षदीव और एम.वी. चेरियम नामक चार मालवाही जहाज़ हैं। 60 मीट्रिक टन का तेलवाहक एम.वी. सुहेली का उपयोग यहाँ के छोटे जहाजों (फेरी) और मोटर नौकाओं आदि को ईंधन की आपूर्ति के लिए किया जाता है। कादीजा बीवी और हुमीदात बी हुमीदात बी जहाज़ मिनीकाय के अलावा अन्‍य द्वीपों को आपस में जोड़ता है। इसके अलावा एक द्वीप से दूसरे द्वीप और मुख्‍य भूमि से जोड़ने के लिए हेलीकाप्‍टर ऐंबुलेंस सेवा भी उपलब्‍ध है। इंडियन एयरलाइंस अगाती और कोच्चि के बीच दैनिक ([[रविवार]] छोड़कर) हवाई सेवा है।


मुख्‍य भूमि से [[कोचीन]] और [[बेपोर बंदरगाह]] तक यात्रियों को लाने, ले जाने के लिए एम.वी.टीपू सुल्‍ताल, एम.वी. भारत सीमा, एम.वी. आमीनदीनी, एम.वी. मिनीकाय और एम.वी. द्वीपसेतु नामक यात्री जलपोत माल ढोने के लिए एम.वी. उबेदुल्‍ला, एम.वी. थिन्‍नाकारा और एम.वी. लक्षदीव और एम.वी. चेरियम नामक चार मालवाही जहाज़ हैं। 60 मीट्रिक टन का तेलवाहक एम.वी. सुहेली का उपयोग यहाँ के छोटे जहाजों (फेरी) और मोटर नौकाओं आदि को ईंधन की आपूर्ति के लिए किया जाता है। कादीजा बीवी और हुमीदात बी हुमीदात बी जहाज़ मिनीकाय के अलावा अन्‍य द्वीपों को आपस में जोडता है। इसके अलावा एक द्वीप से दूसरे द्वीप और मुख्‍य भूमि से जोडने के लिए हेलीकाप्‍टर ऐंबुलेंस सेवा भी उपलब्‍ध है। इंडियन एयरलाइंस अगाती और कोच्चि के बीच दैनिक (रविवार छोडकर) हवाई सेवा है।
[[चित्र:Bangaram-Island-Lakshadweep-1.jpg|thumb|250px|left|[[बंगारम द्वीप समूह]], लक्षद्वीप<br />Bangaram Island, Lakshadweep]]
लक्षदीप की अगले 15 वर्षों की जहाजरानी आवश्‍यकताओं के लिए केंद्र सरकार के जहाजरानी मंत्रालय ने एक वृहद योजना को मंजूरी दी है। भारत सरकार ने 3x150 का उच्‍चगति यात्री जहाज, 2x250 यात्री व 100 मीट्रिक टन मालवाहक जलपोत, 100/150 मीट्रिक टन तेल का बजरा, एल पी जी सिलेंडर जहाज, आठ ज़मीनी बजरे, एक 400 यात्रियों का जलपोत, और दो माल ढोने वाली गाड़ियों के अधिग्रहण की संस्‍तुति की है। इसके अलावा भारत सरकार ने प्रधानमंत्री ग्रामीण सुरक्षा योजना के तहत 3x50 यात्री जलपोत और 15 यात्रियों की क्षमता वाली एक नौका अंतरद्वीपीय सेवा हेतु भी स्‍वीकृत की है। प्रशासन ने इसमें से 3x150 यात्री जलपोत, एक 15 यात्री वाले जलयान और एक 10 टन माल ढोने वाले जहाज़ के निर्माण का ऑर्डर दिया है। ढोने वाली गाड़ी 9 मई, 2006 को सौंप दी गई और यह शीघ्र ही काम करना शुरू कर देगी। 15 यात्री और 150 यात्री वाले जलयान जून 2007 में दे दिए जाएंगे, जैसी कि वृहद योजना में सिफारिश की गई है। 2006-07 में 2x250 यात्री जलयान, छह ज़मीनी बजरे, एक 150 मी. टन तेल बजरा, एक ढोने वाली गाड़ी तथा एक एल पी जी सिलेंडर जलपोत और 2007-08 में एक 400 यात्री जलयान तथा दो ज़मीनी बजरे अधिग्रहीत करने का प्रस्‍ताव है। 2x250 यात्री जलयान व 100 मी.टन मालवाहक जलपोत के लिए निर्माण अनुबंध के अनुसार क्रमश: दिसंबर 2009 तथा जून 2010 में दिए जाएंगे।
==पर्यटन स्‍थल==
==पर्यटन स्‍थल==
[[चित्र:Bangaram-Island-Lakshadweep.jpg|thumb|250px|[[बंगारम द्वीप समूह]], लक्षद्वीप<br />Bangaram Island, Lakshadweep]]
[[चित्र:Bangaram-Island-Lakshadweep.jpg|thumb|250px|[[बंगारम द्वीप समूह]], लक्षद्वीप<br />Bangaram Island, Lakshadweep]]
ये द्वीप प्रकृति की एक अद्भुत देन हैं। यह आश्चर्य की बात है कि यहाँ की धरती का निर्माण मूँगों द्वारा किया गया। उन्होंने ही मानव के रहन-सहन के उपयुक्त बनाया। यह द्वीप पर्यटकों का स्वर्ग है। यहाँ का नैसर्गिक वातावरण देश-विदेश के सैलानियों को बरबस अपनी ओर खींच लेता है। प्रदेश में पर्यटन महत्‍वपूर्ण उद्योग बनता जा रहा है। महत्‍वपूर्ण पर्यटन स्‍थल हैं : अगात्ती, बंगारम, कलपेनी, कदमत, कवरत्ती और मिनीकॉय आदि। वर्ष 2006 में यहाँ 23,303 पर्यटक घूमने आए। इनमें से 2,622 विदेशी थे। पानी के खेल में रुचि रखने वाले जैसे स्कूबा डाइविंग और स्नोर्कलिंग के आकर्षण में पर्यटक यहाँ आते हैं। यह भारत का सबसे छोटा केन्द्र शासित प्रदेश होने के बावजूद पर्यटन के लिहाज़ से सबसे लोकप्रिय है। लक्षद्वीप के मुख्य द्वीप इस प्रकार हैं-
ये द्वीप प्रकृति की एक अद्भुत देन है। यह आश्चर्य की बात है कि यहाँ की धरती का निर्माण मूँगों द्वारा किया गया। उन्होंने ही मानव के रहन-सहन के उपयुक्त बनाया। यह द्वीप पर्यटकों का स्वर्ग है। यहाँ का नैसर्गिक वातावरण देश-विदेश के सैलानियों को बरबस ही अपनी ओर खींच लेता है। प्रदेश में पर्यटन महत्‍वपूर्ण उद्योग बनता जा रहा है। महत्‍वपूर्ण पर्यटन स्‍थल हैं:- अगात्ती, बंगारम, कलपेनी, कदमत, कवरत्ती और मिनीकॉय आदि। वर्ष 2006 में यहाँ 23,303 पर्यटक घूमने आए। इनमें से 2,622 विदेशी थे। पानी के खेल में रुचि रखने वाले जैसे स्कूबा डाइविंग और स्नोर्कलिंग के आकर्षण में पर्यटक यहाँ आते हैं। यह भारत का सबसे छोटा केन्द्र शासित प्रदेश होने के बावजूद पर्यटन के लिहाज़ से सबसे लोकप्रिय है।  
==लक्षद्वीप के मुख्य द्वीप==
लक्षद्वीप के मुख्य द्वीप इस प्रकार हैं-
#[[बंगारम द्वीप समूह]]
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#[[कवरत्ती द्वीप समूह]]
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#[[अनद्रोथ द्वीप समूह]]
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चित्र:Agatti-Island-Lakshadweep-2.jpg|[[अगत्ती द्वीप समूह]], लक्षद्वीप<br />Agatti Island, Lakshadweep
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==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
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==बाहरी कडियाँ==
==बाहरी कडियाँ==
*[http://www.yourguidetoindia.com/content/view/28/1/ आधिकारिक वेबसाइट लक्षद्वीप]<br />
*[http://www.yourguidetoindia.com/content/view/28/1/ आधिकारिक वेबसाइट लक्षद्वीप]
*[http://sandtech.nic.in/interest.htm विज्ञान और तकनीकी विभाग, लक्षद्वीप]<br />
*[http://sandtech.nic.in/interest.htm विज्ञान और तकनीकी विभाग, लक्षद्वीप]
*[http://www.lakshadweeptourism.com लक्षद्वीप खेल पर्यटन]<br />
*[http://www.lakshadweeptourism.com लक्षद्वीप खेल पर्यटन]
*[http://lakshadweeptourism.nic.in/ लक्षद्वीप पर्यटन सूचना]<br />
*[http://lakshadweeptourism.nic.in/ लक्षद्वीप पर्यटन सूचना]
*[http://amitkulkarni.info/pics/lakshadweep/ लक्षद्वीप फोटो सूचना]<br />
*[http://amitkulkarni.info/pics/lakshadweep/ लक्षद्वीप फोटो सूचना]
 
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{राज्य और के. शा. प्र.}}{{लक्षद्वीप}}
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Latest revision as of 10:09, 29 August 2021

लक्षद्वीप
राजधानी कवरत्ती
राजभाषा(एँ) मलयालम, अंग्रेज़ी, माहल (मिनिकॉय में बोली जाने वाली भाषा)
स्थापना 1 नवंबर, 1956
जनसंख्या 64,429[1] (पुरुष- 33,106; महिला- 31,323)
· घनत्व 2013 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी। /वर्ग किमी
क्षेत्रफल 32 वर्ग किमी
भौगोलिक निर्देशांक 8°-12° 13' उत्तरी अक्षांश 71° - 74° पूर्वी देशान्तर[2]
जलवायु उष्णकटिबंधीय
· ग्रीष्म 32 °C
· शरद 28 °C
वर्षा 241.8 मिमी (अधिकतम) मिमी
ज़िले 1 (लक्षद्वीप)
सबसे बड़ा नगर अन्दरोत
लिंग अनुपात 1000:946 ♂/♀
साक्षरता 92.18%
उच्च न्यायालय केरल उच्च न्यायालय
प्रशासक प्रफुल खोदा पटेल
लोकसभा क्षेत्र 1
राजकीय पशु सूरी टेम
राजकीय पक्षी सूरी टेम
राजकीय वृक्ष ब्रेड फ्रूट
वर्तमान सांसद मोहम्मद फ़ैज़ल (एनसीपी)
वाहन पंजीकरण LD
कुल द्वीपों की संख्या 36 (मानव बस्ती वाले 10 द्वीप- अंदरौत, कदमत, मिनिकॉय, कवरत्ती, अगत्ती, अमिनि, कल्पेनी, किल्टन, चेटलाट एवं बित्रा)
अन्य जानकारी लक्षद्वीप में विधानमंडल नहीं है। लक्षद्वीप सर्वाधिक साक्षरता वाला संघ शासित राज्य है।
बाहरी कड़ियाँ अधिकारिक वेबसाइट
अद्यतन‎

लक्षद्वीप (अंग्रेज़ी: Lakshadweep) (संस्कृत: लक्ष: लाख, + द्वीप) भारत के दक्षिण-पश्चिम में हिंद महासागर में स्थित एक भारतीय द्वीप-समूह है। सभी केन्द्रशासित प्रदेशों में लक्षद्वीप सबसे छोटा है। लक्षद्वीप द्वीप-समूह की उत्पत्ति प्राचीन काल में हुए ज्वालामुखीय विस्फोट से निकले लावा से हुई है। यह भारत की मुख्यभूमि से लगभग 400 किमी दूर पश्चिम दिशा में अरब सागर में अवस्थित है। लक्षद्वीप द्वीप-समूह में कुल 36 द्वीप है परन्तु केवल 7 द्वीपों पर ही जनजीवन है। देशी पयर्टकों को 6 द्वीपों पर जाने की अनुमति है जबकि विदेशी पयर्टकों को केवल 2 द्वीपों (अगाती व बंगाराम) पर जाने की अनुमति है। मुख्य भूमि से दूर इनका प्राकृतिक सौंदर्य, प्रदूषणमुक्त वातावरण, चारों ओर समुद्र और इसकी पारदर्शी सतह पर्यटकों को सम्मोहित कर लेती है। समुद्री जल में तैरती मछलियाँ इन द्वीपों की सुंदरता को और बढ़ा देती हैं। हर द्वीप पर नारियल व पाम के झूमते हरे-भरे वृक्ष, और समुद्र जिसका नीला पानी अनोखी पवित्रता का अहसास कराता है। thumb|250px|left|लक्षद्वीप का एक दृश्य
A View Of Lakshadweep
लक्षद्वीप भारत का एकमात्र मूँगा द्वीप हैं। इन द्वीपों की श्रृंखला मूँगा एटोल है। एटोल मूँगे के द्वारा बनाया गई ऐसी रचना है जो समुद्र की सतह पर पानी और हवा मिलने पर बनती है। केवल इन्हीं परिस्थतियों में मूँगा जीवित रह सकता है। यहाँ के निवासी केरल के निवासियों से बहुत मिलते-जुलते हैं। यह द्वीप पर्यटकों का स्वर्ग है। यहाँ का नैसर्गिक वातावरण देश-विदेश के सैलानियों को बरबस ही अपनी ओर खींच लेता है। अब केंद्र सरकार इन द्वीपों का पर्यटन की दृष्टि से तेज़ीसे विकास कर रही है। लक्षद्वीप की राजधानी कवरत्ती है।

इतिहास और भूगोल

इन द्वीपों के बारे में, इनके पूर्व इतिहास के बारे में अधिक जानकारी उपलब्‍ध नहीं है। समझा जाता है कि पहले-पहल लोग आकर अमीनी, अनद्रौत, कवरत्ती और अगात्ती द्वीपों पर बस गये। पहले यह विश्‍वास किया जाता था कि द्वीप में आकर बसने वाले मूल लोग हिन्दू थे और लगभग 14वीं शताब्‍दी में किसी समय अरब व्‍यापारियों के प्रभाव में आकर मुसलमान बन बए। परंतु हाल ही में पुरातत्‍वीय खोजों से पता चलता है कि लगभग छठी या सातवीं शताब्‍दी के आसपास यहाँ बौद्ध रहते थे। सर्वप्रथम इस्लाम धर्म को अपनाने वाले जिन लोगों और निवासियों का पता चलता है वे हिजरी वर्ष 139 (आठवीं शताब्‍दी) के समय के मालूम होते हैं। इस तारीख का पता अगात्ती में हाल में खोजे गए मक़बरोंं के पत्‍थरों पर खुदी तारीखों से लगता है। स्‍थानीय पंरपरागत मान्‍यताओं के अनुसार, इस द्वीप में अरब सूफी अबैदुल्‍ला हिजरी सन् 41 में इस्‍लाम को लेकर आए। [[चित्र:Kavaratti-Island-Lakshadweep.jpg|thumb|250px|left|कवरत्ती द्वीप समूह, लक्षद्वीप
Kavaratti Island, Lakshadweep]] सम्भवत: 16वीं शताब्‍दी तक स्‍वतंत्र इन द्वीपों में बसने वाले लोगों को पुर्तग़ालियों के उपनिवेशों के आधिपत्‍य से मुक्ति पाने के लिए चिरक्कल के राजा की सहायता लेनी पडी। इससे वह यहाँ अपनी प्रभुत्‍व जमा सका और बाद में इन द्वीपों को कन्नानूर में मोपला समुदाय के प्रमुख अली राजा को जागीर के रूप में सौंप दिया, वह बाद में स्‍वतंत्र शासक बन बैठा। अरक्‍कल शासन लोकप्रिय नहीं हुआ और 1787 में टीपू सुल्तान ने इन द्वीपों पर कब्‍जा करने की उत्तर के द्वीपवासियों की याचिका को स्‍वीकार कर लिया। टीपू सुल्तान के पतन के बाद ये द्वीप ईस्ट इंडिया कंपनी के अधिकार में दे दिए गए, परंतु इन पर कन्‍नानूर के शासक वस्‍तुत: तब तक शासन करते रहे जब तक कि अंतत: 20वीं शताब्‍दी के आरंभ में अंग्रेज़ों ने इन पर कब्‍जा नहीं कर लिया। 1956 में इन द्वीपों को मिलाकर 'केंद्रशासित प्रदेश' बना दिया गया और त‍बसे इसका शासन केंद्र सरकार के प्रशासक के माध्‍यम से चल रहा है। 'सन 1973 में लक्‍का दीव, मिनीकाय और अमीनदीवी द्वीपसमूहों का नाम लक्षद्वीप कर दिया।' लक्षद्वीप प्रवाल द्वीपों का एक समूह है जिसमें 12 प्रवाल द्वीप, तीन प्रवाल भित्ति और जलमग्‍न बालू के तट शामिल हैं। यहाँ के कुल 27 द्वीपों में से 11 में आबादी है। ये द्वीप उत्तर में 8 डिग्री और 12 डिग्री, 3, अक्षांश पर तथा पूर्व में 71 डिग्री और 74 डिग्री देशांतर पर केरल तट से लगभग 280 से 480 किमी दूर अरब सागर में फैले हुए हैं।

खाद्य व्यवस्था

लक्षद्वीप में पीने के पानी के स्रोत बिल्कुल नहीं हैं। वर्षा के पानी को ही इकट्ठा करके इस्तेमाल किया जाता है। कुछ द्वीपों में कुएं बनाए गए हैं, जिसमें वर्षा का पानी जमा किया जाता है और फिर काम में लिया जाता है। नारियल, केला, पपीता और कुछ जंगली पेड़-पौधों के अलावा लक्षद्वीप में कुछ भी नहीं पैदा होता। मिट्टी न होने की वजह से सब्जियां नहीं उगाई जा सकती हैं। खाद्य सामग्री, सब्जियां और ज़रूरत की दूसरी चीज़ें कोच्चि से ही मंगाई जाती हैं।

आवश्यक वस्तुओं का आयात

अनाज और अन्य आवश्यक वस्तुएँ, पेट्रोलियम उत्पाद, सामान्य वस्तुएँ, स्टील, सीमेंट जैसी निर्माण सामग्री मालवाहक यान के द्वारा द्वीप पर मंगायी जाती हैं। विशेष चिकित्सा सुविधा और बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए लोगों को मुख्य भूमि पर ही जाना पड़ता है।

कृषि

यहाँ की प्रमुख फ़सल नारियल है और प्रतिवर्ष 580 लाख नारियल का उत्‍पादन होता है। यहाँ 2,598 हेक्‍टेयर भूमि में खेती की जाती है। यहाँ के नारियल को जैव उत्‍पाद (आर्गेनिक प्रोडक्‍ट) के रूप में जाना गया हैं। भारत में सर्वाधिक नारियल उत्‍पादन लक्षद्वीप में होता है तथा प्रति हेक्‍टेयर उपज 22,310 नारियल है और प्रत्‍येक पेड़ से प्रतिवर्ष औसतन 97 खजूरों का उत्‍पादन होता है। लक्षद्वीप के नारियलों में विश्‍व के अन्‍य नारियलों के मुक़ाबले सर्वाधिक तेल (72 प्रतिशत) पाया जाता है। [[चित्र:Kadmat-Island-Lakshadweep.jpg|thumb|250px|left|कदमत द्वीप समूह, लक्षद्वीप
Kadmat Island, Lakshadweep]]

मछली पालन

मछली पकड़ना यहाँ का एक अन्‍य प्रमुख व्यवसाय है। इसके चारों ओर के समुद्र में मछलियां बहुत अधिक पायी जाती हैं। लक्षद्वीप में प्रति व्‍यक्ति मछली की उपलब्‍धता देश में सर्वाधिक है। सन् 2006 में इस प्रदेश में 11,751 टन मछलियां पकड़ी गईं।

हस्तशिल्प उद्योग

नारियल के रेशे और उससे बनने वाली वस्‍तुओं का उत्‍पादन यहाँ का मुख्‍य उद्योग हैं। सरकारी क्षेत्र के अधीन नारियल के रेशों की सात फैक्ट्रियां, सात रेशा उत्‍पादन एवं प्रदर्शन केंद्र और चार रेशा बंटने वाली इकाई हैं। इन इकाइयों में नारियल के रेशों और सुतली के उत्‍पादन के अतिरिक्‍त नारियल के रेशों से बनी रस्सियां, कॉरीडोर मैट, चटाइयों और दरियों आदि का भी उत्‍पादन किया जाता है। विभिन्‍न द्वीपों में निजी क्षेत्र में भी कई नारियल रेशा इकाइयां काम कर रही हैं।

परिवहन

[[चित्र:Agatti-Island-Lakshadweep.jpg|thumb|250px|अगत्ती द्वीप समूह, लक्षद्वीप
Agatti Island, Lakshadweep]]

  • अगत्ती में लक्षद्वीप का एकमात्र एयरपोर्ट है। अगत्ती नियमित उड़ानों से कोच्चि से जुड़ा हुआ है। कोच्चि अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा भारत के लगभग सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा है। हेलिकॉप्टर के माध्यम से भी लक्षद्वीप पहुंचा जा सकता है।
  • लक्षद्वीप पहुंचने के लिए पानी का जहाज़ अच्छा विकल्प है। कोच्चि से कुछ यात्री जहाज़ संचालित होते हैं। जहाज़ के माध्यम से लक्षद्वीप पहुंचने में लगभग 18-20 घन्टे का समय लगता है। मानसून के दौरान पानी के जहाज़ की सेवाएं बंद रहती हैं।

[[चित्र:Bangaram-Island-Lakshadweep-1.jpg|thumb|250px|left|बंगारम द्वीप समूह, लक्षद्वीप
Bangaram Island, Lakshadweep]] मुख्‍य भूमि से कोचीन और बेपोर बंदरगाह तक यात्रियों को लाने, ले जाने के लिए एम.वी.टीपू सुल्‍तान, एम.वी. भारत सीमा, एम.वी. आमीनदीनी, एम.वी. मिनीकाय और एम.वी. द्वीपसेतु नामक यात्री जलपोत माल ढोने के लिए; एम.वी. उबेदुल्‍ला, एम.वी. थिन्‍नाकारा और एम.वी. लक्षदीव और एम.वी. चेरियम नामक चार मालवाही जहाज़ हैं। 60 मीट्रिक टन का तेलवाहक एम.वी. सुहेली का उपयोग यहाँ के छोटे जहाजों (फेरी) और मोटर नौकाओं आदि को ईंधन की आपूर्ति के लिए किया जाता है। कादीजा बीवी और हुमीदात बी हुमीदात बी जहाज़ मिनीकाय के अलावा अन्‍य द्वीपों को आपस में जोड़ता है। इसके अलावा एक द्वीप से दूसरे द्वीप और मुख्‍य भूमि से जोड़ने के लिए हेलीकाप्‍टर ऐंबुलेंस सेवा भी उपलब्‍ध है। इंडियन एयरलाइंस अगाती और कोच्चि के बीच दैनिक (रविवार छोड़कर) हवाई सेवा है।

पर्यटन स्‍थल

[[चित्र:Bangaram-Island-Lakshadweep.jpg|thumb|250px|बंगारम द्वीप समूह, लक्षद्वीप
Bangaram Island, Lakshadweep]] ये द्वीप प्रकृति की एक अद्भुत देन है। यह आश्चर्य की बात है कि यहाँ की धरती का निर्माण मूँगों द्वारा किया गया। उन्होंने ही मानव के रहन-सहन के उपयुक्त बनाया। यह द्वीप पर्यटकों का स्वर्ग है। यहाँ का नैसर्गिक वातावरण देश-विदेश के सैलानियों को बरबस ही अपनी ओर खींच लेता है। प्रदेश में पर्यटन महत्‍वपूर्ण उद्योग बनता जा रहा है। महत्‍वपूर्ण पर्यटन स्‍थल हैं:- अगात्ती, बंगारम, कलपेनी, कदमत, कवरत्ती और मिनीकॉय आदि। वर्ष 2006 में यहाँ 23,303 पर्यटक घूमने आए। इनमें से 2,622 विदेशी थे। पानी के खेल में रुचि रखने वाले जैसे स्कूबा डाइविंग और स्नोर्कलिंग के आकर्षण में पर्यटक यहाँ आते हैं। यह भारत का सबसे छोटा केन्द्र शासित प्रदेश होने के बावजूद पर्यटन के लिहाज़ से सबसे लोकप्रिय है।

लक्षद्वीप के मुख्य द्वीप

लक्षद्वीप के मुख्य द्वीप इस प्रकार हैं-

  1. बंगारम द्वीप समूह
  2. कवरत्ती द्वीप समूह
  3. कलपेनी द्वीप समूह
  4. मिनीकॉय द्वीप समूह
  5. कदमत द्वीप समूह
  6. अगत्ती द्वीप समूह
  7. अनद्रोथ द्वीप समूह
  8. बित्रा द्वीप समूह

वीथिका

[[चित्र:Kavaratti-Island-Panorama.jpg|x450px|alt=कवरत्ती द्वीप समूह|कवरत्ती द्वीप समूह का विहंगम दृश्य, लक्षद्वीप]]
कवरत्ती द्वीप समूह का विहंगम दृश्य, लक्षद्वीप


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. जनगणना 2011 के अनुसार
  2. Lakshadweep - At a Glance (अंग्रेज़ी) (पी.एच.पी) लक्षद्वीप की आधिकारिक वेबसाइट। अभिगमन तिथि: 23 अगस्त, 2017।

बाहरी कडियाँ

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