माथा कुँवर मन्दिर कुशीनगर: Difference between revisions
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
(''''माथा कुँवर का मन्दिर''' उत्तर प्रदेश के इतिहास प्...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "Category:बौद्ध धर्म कोश" to "Category:बौद्ध धर्म कोशCategory:धर्म कोश") |
||
(One intermediate revision by one other user not shown) | |||
Line 10: | Line 10: | ||
==नवीन मन्दिर== | ==नवीन मन्दिर== | ||
[[आधुनिक काल]] में 'माथा कुँवर' नाम से एक नवीन मन्दिर का निर्माण हुआ। इस समय अन्य प्राचीन [[अवशेष|अवशेषों]] के अतिरिक्त यह मन्दिर तथा स्तूप ही [[कुशीनगर]] के मुख्य दर्शनीय स्थल हैं। [[1956]] में भगवान [[बुद्ध]] की 2500वीं जयंती के अवसर पर कार्लाइल द्वारा निर्मित '[[परिनिर्वाण मन्दिर कुशीनगर|परिनिर्वाण मन्दिर]]' को तोड़कर विस्तृत और भव्य नए मन्दिर का निर्माण किया गया। | [[आधुनिक काल]] में 'माथा कुँवर' नाम से एक नवीन मन्दिर का निर्माण हुआ। इस समय अन्य प्राचीन [[अवशेष|अवशेषों]] के अतिरिक्त यह मन्दिर तथा स्तूप ही [[कुशीनगर]] के मुख्य दर्शनीय स्थल हैं। [[1956]] में भगवान [[बुद्ध]] की 2500वीं जयंती के अवसर पर कार्लाइल द्वारा निर्मित '[[परिनिर्वाण मन्दिर कुशीनगर|परिनिर्वाण मन्दिर]]' को तोड़कर विस्तृत और भव्य नए मन्दिर का निर्माण किया गया। | ||
{{seealso|परिनिर्वाण मन्दिर कुशीनगर|प्राचीन कुशीनगर के पुरावशेष|कुशीनगर का इतिहास}} | |||
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | ||
Line 16: | Line 18: | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{बौद्ध धर्म}}{{उत्तर प्रदेश के पर्यटन स्थल}} | {{बौद्ध धर्म}}{{उत्तर प्रदेश के पर्यटन स्थल}} | ||
[[Category:उत्तर प्रदेश]][[Category:बौद्ध धार्मिक स्थल]][[Category:उत्तर प्रदेश के पर्यटन स्थल]][[Category:बौद्ध धर्म कोश]][[Category:पर्यटन कोश]][[Category:ऐतिहासिक स्थान कोश]][[Category:इतिहास कोश]] | [[Category:उत्तर प्रदेश]][[Category:बौद्ध धार्मिक स्थल]][[Category:उत्तर प्रदेश के पर्यटन स्थल]][[Category:बौद्ध धर्म कोश]][[Category:धर्म कोश]][[Category:पर्यटन कोश]][[Category:ऐतिहासिक स्थान कोश]][[Category:इतिहास कोश]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
Latest revision as of 13:45, 21 March 2014
माथा कुँवर का मन्दिर उत्तर प्रदेश के इतिहास प्रसिद्ध कुशीनगर में है। यह मन्दिर 'परिनिर्वाण मन्दिर' से दक्षिण-पश्चिम दिशा में एक फलांग चलने पर मिलता है। इस स्थान के विषय में यह माना जाता है कि यहीं बुद्ध ने निर्वाण प्राप्त किया था। मन्दिर एक स्वतंत्र रचना न होकर एक बड़े विहार का अंग था। यह विहार 114 फुट (34.75 मीटर) चौकोर क्षेत्र में विस्तृत था। यहाँ उत्खनन से भगवान बुद्ध के जीवन की घटनाओं से संबद्ध 10वीं-11वीं शताब्दी की मिट्टी की मुहरें भी मिली हैं।
बुद्ध की प्रतिमा
इस स्थान का उत्खनन कार्य कार्लाइल ने किया था। यहीं पर बुद्ध ने निर्वाण प्राप्त किया था। इसके खंडहरों को आजकल 'माथा कुँवर कोट' के नाम से जाना जाता है।[1] इस मन्दिर में भूमि मुद्रा में बुद्ध की 3.05 मीटर ऊँची विशाल प्रतिमा स्थापित थी। यह गया के काले पत्थर से निर्मित थी। इस मूर्ति की पादपीठिका पर 11वीं शताब्दी का एक लेख है। इससे आभास होता है कि यह मूर्ति मन्दिर में स्थापित रही होगी।[2] इस मूर्ति को जनरल कनिंघम ने 1861 ई. में पाया था। कालांतर में 1876 ई. में कार्लाइल ने इस मन्दिर का उत्खनन कराया। पुन: 1911 की खुदाई में इसका प्राचीन सिंहासन भी मिल गया। इस मूर्ति की मरम्मत कराने के बाद उसे पुन: पुराने स्थान पर स्थापित कर दिया गया और 1927 ई. में इसी स्थान पर वर्तमान मन्दिर का निर्माण किया गया।
संरचना
परवर्ती उत्खननों से अब यह प्राय: निश्चित हो गया है कि उपर्युक्त मन्दिर एक स्वतंत्र रचना न होकर एक बड़े विहार का अंग था। यह विहार 114 फुट (34.75 मीटर) चौकोर क्षेत्र में विस्तृत था। इसमें 13.41 मीटर वर्गाकार आँगन और 2.59 मीटर चौड़े गलियारे बने थे। इस पूर्वाभिमुख विहार में आँगन के चारों ओर कमरे बने हुए थे। पश्चिमी किनारे पर बीच में बने एक कमरे में उपर्युक्त मूर्ति स्थापित थी। उत्खनन से बुद्ध के जीवन की घटनाओं से संबद्ध 10वीं-11वीं शताब्दी की मिट्टी की मुहरें मिली हैं। कार्लाइल को इसी काल का एक शिलापट्ट[3] भी मिला था, जिससे इसके कलचुरी वंश के किसी स्थानीय शासक [4] द्वारा बनवाए जाने की पुष्टि होती है।
यहाँ से उत्खनन में मुख्य स्तूप और निर्वाण मन्दिर के चारों ओर फैले अनेक सहायक मठ मिले हैं। इस वर्ग के चारों ओर बनी एक दीवार से इसकी पुष्टि होती है। टूटी ईंटों से निर्मित 14.5687 हेक्टेयर असमान चतुर्भुज क्षेत्रफल में विस्तृत यह दीवार पूर्णत: भूमि के अंदर छिपी हुई थी। इसकी प्रत्येक भुजा 381 मीटर लंबी थी।[5]
नवीन मन्दिर
आधुनिक काल में 'माथा कुँवर' नाम से एक नवीन मन्दिर का निर्माण हुआ। इस समय अन्य प्राचीन अवशेषों के अतिरिक्त यह मन्दिर तथा स्तूप ही कुशीनगर के मुख्य दर्शनीय स्थल हैं। 1956 में भगवान बुद्ध की 2500वीं जयंती के अवसर पर कार्लाइल द्वारा निर्मित 'परिनिर्वाण मन्दिर' को तोड़कर विस्तृत और भव्य नए मन्दिर का निर्माण किया गया।
- REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ ए. कनिंघम, दि ऐंश्येंट् ज्योग्राफी आफ इंडिया (इंडोलाजिकल बुक हाउस, वाराणसी, 1963), पृ. 364
- ↑ देबला मित्रा, बुद्धिस्ट मानुमेंट्स, पृ. 71
- ↑ उद्धृत अभिलेख, वी.वी. मिराशी, ‘इंसक्रिप्शंस आफ दी चेदि कलचुरि एरा’, प्लेट दो, कार्पस् इंसक्रिप्सनम् इंडिकेरम, भाग 4 (ऊटकसंड, 1955), पृ. 375 और आगे।
- ↑ संभवत: भीम द्वितीय
- ↑ स्मरणीय है कि इस विहार का निर्माण परवर्ती होने के कारण इससे भी निश्चित होता है कि चीनी यात्रियों के यात्रा विवरणों में इसका कोई उल्लेख नहीं मिलता।