मुग़ल चित्रकला: Difference between revisions

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*[[मुग़ल]] बादशाहों [[बाबर]] और [[हुमायूँ]] के काल में [[मुग़लकालीन चित्रकला]] फ़ारसी चित्रकला शैली से पूर्णतया प्रभावित थी।  
*[[मुग़ल]] बादशाहों [[बाबर]] और [[हुमायूँ]] के काल में [[मुग़लकालीन चित्रकला]] फ़ारसी चित्रकला शैली से पूर्णतया प्रभावित थी।  
*[[अकबर]] के काल में एक नवीन शैली का विकास हुआ, जो भारतीय और फ़ारसी चित्रकलाओं का संगम थी।  
*[[अकबर]] के काल में एक नवीन शैली का विकास हुआ, जो भारतीय और फ़ारसी चित्रकलाओं का संगम थी।  
*फ़ारसी चित्रकार मीर सैयद अली, ख्वाजा, अब्दुस समद तथा भारतीय चित्रकार बासवान, [[दसवंत]], केसुदास आदि के संयुक्त प्रयासों से विकसित इस शैली के चित्रों में युद्ध, मुग़ल राज दरबार, आदि का चित्रण है।  
*फ़ारसी चित्रकार मीर सैयद अली, ख्वाजा, अब्दुस समद तथा भारतीय चित्रकार [[बसावन]], [[दसवंत]], केसुदास आदि के संयुक्त प्रयासों से विकसित इस शैली के चित्रों में युद्ध, मुग़ल राज दरबार, आदि का चित्रण है।  
*इस काल की [[कला]] पर [[पुर्तग़ाली]] प्रभाव भी पड़ा।  
*इस काल की [[कला]] पर [[पुर्तग़ाली]] प्रभाव भी पड़ा।  
*[[जहाँगीर]] के काल में [[चित्रकला]] का और अधिक विकास हुआ। उसने पशु पक्षियों के उत्कृष्ट चित्र बनवाये। क़िलों की दीवारों पर [[भारत के पुष्प|फूल]] पत्तियों के चित्रण की विशेष शैली देखने को मिलती है, जिसे इतिहासकारों ने 'पित्रेदुरा' नाम दिया है।
*[[जहाँगीर]] के काल में [[चित्रकला]] का और अधिक विकास हुआ। उसने पशु पक्षियों के उत्कृष्ट चित्र बनवाये। क़िलों की दीवारों पर [[भारत के पुष्प|फूल]] पत्तियों के चित्रण की विशेष शैली देखने को मिलती है, जिसे इतिहासकारों ने 'पित्रेदुरा' नाम दिया है।

Latest revision as of 12:19, 8 June 2014

[[चित्र:Krishna-Govardhandhara-Painting.jpg|thumb|गोवर्धन पर्वत उठाये श्री कृष्ण- (मुग़ल काल)]]

  • मुग़ल बादशाहों बाबर और हुमायूँ के काल में मुग़लकालीन चित्रकला फ़ारसी चित्रकला शैली से पूर्णतया प्रभावित थी।
  • अकबर के काल में एक नवीन शैली का विकास हुआ, जो भारतीय और फ़ारसी चित्रकलाओं का संगम थी।
  • फ़ारसी चित्रकार मीर सैयद अली, ख्वाजा, अब्दुस समद तथा भारतीय चित्रकार बसावन, दसवंत, केसुदास आदि के संयुक्त प्रयासों से विकसित इस शैली के चित्रों में युद्ध, मुग़ल राज दरबार, आदि का चित्रण है।
  • इस काल की कला पर पुर्तग़ाली प्रभाव भी पड़ा।
  • जहाँगीर के काल में चित्रकला का और अधिक विकास हुआ। उसने पशु पक्षियों के उत्कृष्ट चित्र बनवाये। क़िलों की दीवारों पर फूल पत्तियों के चित्रण की विशेष शैली देखने को मिलती है, जिसे इतिहासकारों ने 'पित्रेदुरा' नाम दिया है।

{{#icon: Redirect-01.gif|ध्यान दें}} अधिक जानकारी के लिए देखें:- मुग़लकालीन चित्रकला


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख