विश्व जनसंख्या दिवस: Difference between revisions

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'''विश्व जनसंख्या दिवस''' प्रत्येक [[वर्ष]] [[11 जुलाई]] को मनाया जाता है। अत्यधिक तेज़ गति से बढ़ती जनसंख्या के प्रति लोगों में जागरूकता लाने के उद्देश्य से ही यह दिवस मनाया जाता है। यह जागरूकता मानव समाज की नई पीढ़ियों को बेहतर जीवन देने का संदेश देती है। बच्चों को बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य, वातावरण सहित अन्य आवश्यक सुविधाएँ भविष्य में देने के लिए छोटे परिवार की महती आवश्यकता निरन्तर बढ़ती जा रही है। प्राकृतिक संसाधनों का समुचित दोहन कर मानव समाज को सर्वश्रेष्ठ बनाए रखने और हर इंसान के भीतर इन्सानियत को बरकरार रखने के लिए यह बहुत जरूरी हो गया है कि 'विश्व जनसंख्या दिवस' की महत्ता को समझा जाए।  
'''विश्व जनसंख्या दिवस''' प्रत्येक [[वर्ष]] [[11 जुलाई]] को मनाया जाता है। अत्यधिक तेज़ गति से बढ़ती जनसंख्या के प्रति लोगों में जागरूकता लाने के उद्देश्य से ही यह दिवस मनाया जाता है। यह जागरूकता मानव समाज की नई पीढ़ियों को बेहतर जीवन देने का संदेश देती है। बच्चों को बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य, वातावरण सहित अन्य आवश्यक सुविधाएँ भविष्य में देने के लिए छोटे परिवार की महती आवश्यकता निरन्तर बढ़ती जा रही है। प्राकृतिक संसाधनों का समुचित दोहन कर मानव समाज को सर्वश्रेष्ठ बनाए रखने और हर इंसान के भीतर इन्सानियत को बरकरार रखने के लिए यह बहुत जरूरी हो गया है कि 'विश्व जनसंख्या दिवस' की महत्ता को समझा जाए।  
==शुरुआत==


'विश्व जनसंख्या दिवस' की शुरूआत 'संयुक्त राष्ट्र संघ' के विकास कार्यक्रम की 'गवर्निंग काउन्सिल' द्वारा वर्ष [[1989]] में की गई थी। जनहित को दृष्टिगत रखकर इस दिवस का प्रारंभ विश्व की जनसंख्या लगभग 5 अरब होने पर किया गया था। आज विश्व की जनसंख्या लगभग 7 अरब से भी ज़्यादा है। [[भारत]] की जनसंख्या लगभग 1 अरब, 21 करोड़, 1 लाख, 93 हज़ार, 422 है। भारत की पिछले दशक की जनसंख्या वृद्धि दर 17.64 प्रतिशत है।


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Revision as of 09:23, 9 July 2013

विश्व जनसंख्या दिवस प्रत्येक वर्ष 11 जुलाई को मनाया जाता है। अत्यधिक तेज़ गति से बढ़ती जनसंख्या के प्रति लोगों में जागरूकता लाने के उद्देश्य से ही यह दिवस मनाया जाता है। यह जागरूकता मानव समाज की नई पीढ़ियों को बेहतर जीवन देने का संदेश देती है। बच्चों को बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य, वातावरण सहित अन्य आवश्यक सुविधाएँ भविष्य में देने के लिए छोटे परिवार की महती आवश्यकता निरन्तर बढ़ती जा रही है। प्राकृतिक संसाधनों का समुचित दोहन कर मानव समाज को सर्वश्रेष्ठ बनाए रखने और हर इंसान के भीतर इन्सानियत को बरकरार रखने के लिए यह बहुत जरूरी हो गया है कि 'विश्व जनसंख्या दिवस' की महत्ता को समझा जाए।

शुरुआत

'विश्व जनसंख्या दिवस' की शुरूआत 'संयुक्त राष्ट्र संघ' के विकास कार्यक्रम की 'गवर्निंग काउन्सिल' द्वारा वर्ष 1989 में की गई थी। जनहित को दृष्टिगत रखकर इस दिवस का प्रारंभ विश्व की जनसंख्या लगभग 5 अरब होने पर किया गया था। आज विश्व की जनसंख्या लगभग 7 अरब से भी ज़्यादा है। भारत की जनसंख्या लगभग 1 अरब, 21 करोड़, 1 लाख, 93 हज़ार, 422 है। भारत की पिछले दशक की जनसंख्या वृद्धि दर 17.64 प्रतिशत है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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