बरगद: Difference between revisions

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*जड़ों और अधिक तने से शाखाएं बनती हैं और इस विशेषता और लंबे जीवन के कारण इस वृक्ष को अनश्‍वर माना जाता है।  
*जड़ों और अधिक तने से शाखाएं बनती हैं और इस विशेषता और लंबे जीवन के कारण इस वृक्ष को अनश्‍वर माना जाता है।  
*बरगद का वृक्ष [[भारत]] के इतिहास और लोक कथाओं का एक अविभाज्‍य अंग है।
*बरगद का वृक्ष [[भारत]] के इतिहास और लोक कथाओं का एक अविभाज्‍य अंग है।
*वट, यानी बरगद को 'अक्षय वट' भी कहा जाता है, क्योंकि यह पेड कभी नष्ट नहीं होता है।
*अब भी बरगद के वृक्ष को ग्रामीण जीवन का केंद्र बिन्‍दु माना जाता है और आज भी गांव की परिषद इसी पेड़ की छाया में पंचायत करती है।
*अब भी बरगद के वृक्ष को ग्रामीण जीवन का केंद्र बिन्‍दु माना जाता है और आज भी गांव की परिषद इसी पेड़ की छाया में पंचायत करती है।



Revision as of 19:45, 13 August 2011

thumb|250px|बरगद के वृक्ष
Banyan Tree
बरगद / राष्‍ट्रीय वृक्ष

  • भारत का राष्‍ट्रीय वृक्ष बरगद (फाइकस बेंघालेंसिस) है। बरगद का वृक्ष घना एवं फैला हुआ होता है।
  • इसकी शाखाएं दूर-दूर तक फैली तथा जड़ें गहरी होती हैं। इतनी गहरी जड़ें किसी और वृक्ष की नहीं होतीं।
  • बरगद के वृक्ष की शाखाएं और जड़ें एक बड़े हिस्‍से में एक नए पेड़ के समान लगने लगती हैं।

बरगद के वृक्ष, कोलकाता
Banyan Tree, Kolkata|thumb|left|250px

  • जड़ों और अधिक तने से शाखाएं बनती हैं और इस विशेषता और लंबे जीवन के कारण इस वृक्ष को अनश्‍वर माना जाता है।
  • बरगद का वृक्ष भारत के इतिहास और लोक कथाओं का एक अविभाज्‍य अंग है।
  • वट, यानी बरगद को 'अक्षय वट' भी कहा जाता है, क्योंकि यह पेड कभी नष्ट नहीं होता है।
  • अब भी बरगद के वृक्ष को ग्रामीण जीवन का केंद्र बिन्‍दु माना जाता है और आज भी गांव की परिषद इसी पेड़ की छाया में पंचायत करती है।



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  1. REDIRECT साँचा:राष्ट्रीय चिह्न और प्रतीक