आम: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
m (Text replace - "फसल" to "फ़सल")
m (Adding category Category:वनस्पति (को हटा दिया गया हैं।))
Line 76: Line 76:
[[Category:फल]]
[[Category:फल]]
[[Category:वनस्पति कोश]]
[[Category:वनस्पति कोश]]
[[Category:वनस्पति]]
__INDEX__
__INDEX__

Revision as of 07:20, 18 February 2011

आम
Mango|thumb
आम, राष्‍ट्रीय फल

परिचय

आम फलों का राजा कहलाता है। आम (मेनिगिफेरा इंडिका) भारत का राष्ट्रीय फल है। काजू परिवार (एनाकार्डिएसी) का सदस्य, विश्व के उष्णकटिबंधीय क्षेत्र का एक महत्त्वपूर्ण फल है। ऊष्णकटिबंधीय देशों में आम बड़े पैमाने पर पैदा होते है। आम को पूर्वी एशिया, म्यांमार (भूतपूर्व बर्मा) और भारत के असम राज्य का स्थानीय फल माना जाता है। आम एक गूदे दार फल है, जिसे पकाकर खाया जाता है या कच्‍चा होने पर इसे अचार आदि में इस्‍तेमाल किया जाता है। यह मेग्‍नीफेरा इंडिका का फल अर्थात आम है जो उष्‍ण कटिबंधी हिस्‍से का सबसे अधिक महत्‍वपूर्ण और व्‍यापक रूप से उगाया जाने वाला फल है। फलों का राजा आम के बारे में लोगों की अलग- अलग धारणाएं हैं। कुछ लोगों का मानना है कि इस फल में बेहद कैलरीज होती हैं, तो वहीं कुछ इसे सेहत के लिए कई तरह से फ़ायदेमंद बताते हैं। गर्मियों में यही एक ऐसा फल है, जो रसीला व मीठा है और हर उम्र के लोगों को भाता है। भारत में अन्य प्रकार के आम पाए जाते हैं।

आम का इतिहास

पुर्तग़ाली व्यापारी भारत में आम लेकर आए थे। इसके बीजों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने में कठिनाई (यह ज़्यादा समय तक सुरक्षित नहीं रह पाते) के कारण संभवतः 1700 ई. में ब्राज़ील में इसे लगाए जाने से पहले पश्चिमी गोलार्द्ध इससे लगभग अपरिचित ही था, 1740 में यह वेस्ट इंडीज़ पहुंचा। कई नवाबों और राजाओं के नामों पर भी इसका नामकरण हुआ।

आम के अन्य नाम

  • इस फल का नाम मैंगो, जिससे यह अंग्रेज़ी तथा स्पेनिशभाषी देशों में पहचाना जाता है।
  • तमिल भाषा में मैन-के या मैन-गे से उत्पन्न हुआ है।
  • पुर्तग़ालियों ने पश्चिम भारत में बसने पर मैंगा के रूप में अपनाया था।
  • आम को अलग-अलग नाम दिए गए जैसे लंगड़ा, दशहरी, अलफॉंसो और चौंसा।

भारत में आम

भारत में, पहाड़ी क्षेत्रों को छोड़ कर आम लगभग सभी स्थानों पर पैदा होता है। हमारे यहाँ आम की सैंकड़ों किस्में है। यह आकार और रंगों में अलग-अलग होते हैं। भारत में आम की फ़सल अति प्राचीनकाल से उगाई जाती रही है। आम को अनंत समय से भारत में उगाया जाता रहा है। विश्व के अनेक देशों में आम की अलग-अलग जाति होती है। फिर भी हिंदुस्तान का प्रसिद्ध फल आम ही है। आँकड़ों के मुताबिक इस समय भारत में प्रतिवर्ष एक करोड़ टन आम पैदा होता है जो दुनिया के कुल उत्पादन का 52 फ़ीसदी है। स्वाद, स्वास्थ्य एवं बल संवर्धन की दृष्टि से आम सभी फलों में आगे है। आम भिन्न-भिन्न जाति के होते हैं। किन्तु सभी आमों के गुण प्रायः एक से ही होते हैं।

आम भारत के लोकगीतों और धार्मिक अनुष्ठानों से अनिवार्य रूप से जुड़ा है। कवि कालिदास ने इसकी प्रशंसा में गीत लिखे हैं। अलेक्‍सेंडर ने इसका स्‍वाद चखा है और साथ ही चीनी धर्म यात्री हुएन-सांग ने भी। मुग़ल बादशाह अकबर ने बिहार के दरभंगा में 1,00,000 से अधिक आम के पौधे रोपे थे, जिसे अब लाखी बाग़ के नाम से जाना जाता है। स्वयं बुद्ध को एक आम्रकुंज भेंट किया गया था, ताकि वह उसकी छाँव में विश्राम कर सकें।

आम का वृक्ष

  • आम का वृक्ष एक सदाबहार वृक्ष है।
  • इसकी लंबाई 15-18 मीटर तक होती है और इसकी आयु काफ़ी लंबी होती है।
  • इसके कुंताकार पत्ते 30 सेमी तक लंबे होते हैं; फूल छोटे, गुलाबी और ख़ुशबूदार होते हैं। लंबी डंडियों के छोर पर छोटे गुच्छों में होते हैं।
  • यह उभयलिंगी होते हैं, अर्थात कुछ में पुंकेसर व स्त्रीकेसर, दोनों होते हैं और कुछ में सिर्फ़ पुंकेसर होते है।

आम की फ़सल

आम के लिए किसी विशेष मिट्टी की आवश्यकता नहीं होती, लेकिन अच्छी क़िस्में सिर्फ़ उन्हीं जगहों पर अच्छी फ़सल देती है, जहाँ फलों की पैदावार बढ़ाने लायक बढ़िया शुष्क मौसम रहता हो। अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों में फफूंद के कारण होने वाला रोग एंथ्रकनोज़ फूलों और कच्चे फलों को नष्ट कर देता है तथा इस पर नियंत्रण भी मुश्किल होता है। ग्राफ़्टिंग या बडिंग के ज़रिये इसका संजनन किया जाता है। दो वृक्षों को बिना काटे क़लम लगाने (जिसमें एक अंकुर तथा एक स्वतंत्र रूप से लगाए गए पौधे के मूलवृंत को जोड़ दिया जाता है और बाद में अंकुर को उसके तने से काटकर हटा दिया जाता है) की प्रक्रिया एशिया के कई इलाक़ों में काफ़ी लोकप्रिय है, लेकिन यह बहुत मेहनत वाली और ख़र्चीली प्रक्रिया है। फ़्लोरिडा में ज़्यादा सक्षम तरीक़ों, पतली परत के आरोपण और काटकर अंकुर लगाने, का विकास किया गया है और इनका वाणिज्यिक उपयोग भी किया जा रहा है।

आकार और लक्षण

  • इसके फल आकार और लक्षणों में भिन्नता लिए होते है; सबसे छोटे फल आलूबुखारा जितना बड़ा होता है। जबकि बड़े फल 1.8 से 2.3 किग्रा तक होते हैं।
  • इसका आकार अंडाकार, गोल, हृदयाकार, गुर्दे के आकार का या लंबा और पतला होता है।
  • इसकी कुछ क़िस्में चटकीली लाल और पीली रंगत वाली होती हैं, जबकि अन्य फीके हरे रंग की होती हैं।
  • फल में पाया जाने वाला एकमात्र बड़ा बीज चपटा होता है और इसके चारों ओर मौजूद गूदा पीले से नारंगी रंग का रसदार होता है और इसका स्वाद विशेष मीठी गंध के साथ मज़ेदार होता है।

आम के विभिन्न प्रयोग

  • यह अपने सभी रूपों में आकर्षण का केंद्र है।
  • आम को चूसकर, काटकर जूस निकालकर, केक, पेस्ट्री में डाल कर या फिर चटनी और अचार में डालकर खाया जा सकता है।
  • बौर, कैरी यानी कच्ची अंबिया और पूरा पका आम को भी खाया जाता है।
  • आम का इस्तेमाल पना बनाने, अचार, मुरब्बे और जैम बनाने में किया जाता है।
  • आम से अमचूर यानी आम की खटाई भी बनती है।

आम के फ़ायदे

  • आम में सभी फलों से अधिक विटामिन ‘ए’ होता है। इसके अतिरिक्त विटामिन ‘बी’ भी अधिक होते है। इसमें 'आयरन' भी बेहद तादाद में पाया जाता है,
  • इसमें विटामिन 'सी' और 'ई' भरपूर तादाद में पाया जाता है। जो आँखों के लिए बेहद फ़ायदेमंद होते हैं।
  • आम और जामुन का रस समान भाग में मिलाकर कुछ दिनों तक पीने से मधुमेह रोग ठीक हो जाता है।
  • आम खाने से गुर्दे की दुर्बलता दूर होती है।
  • आम उन लोगों के लिए भी पोषण युक्त है, जो कमज़ोर, कम ऊर्जा और कम ऊर्जस्विता की दिक्कत से गुजर रहे है। यह फल शरीर को तुरंत ऊर्जा देता है। यहाँ तक कि हरा आम और कैरी विटामिन 'सी' का अच्छा स्रोत हैं और इसमें चीनी की मात्रा भी न के बराबर होती है।
  • आम एंटी ऑक्सिडेंट का अच्छा स्रोत है। यह एंटी ऑक्सिडेंट न केवल उम्र बढ़ने की प्रगति को कम कर देते हैं, बल्कि त्वचा से जुड़ी कई बीमारियों मसलन, सरवाइकल और कोलन कैंसर से भी बचाता है।
  • आम शरीर से हानिकारक विशेली पदार्थ और फ्री रेडिकल्स को बाहर करने में भी सहायक है।
  • वहीं दूसरी और आम रेशो से भरपूर होता है और कब्ज होने से रोकता है। यह पित्त को कम करता है और पाचन तन्त्र को ठीक बनाए रखता है।
  • अगर चेहरे का सौंदर्य बढ़ाना हो, तो आम के रस में शहद मिलाकर चेहरे पर लगाएं।
  • अगर बाल झड़ते हों, तो आम के कोमल पत्ते तथा डंठल को पानी में उबाल कर सिर धोएं।
  • कान सुन्न होने की समस्या पर आम का पत्ता पीसकर बिना पानी के हल्का गरम कर कान में दो चार बूंद डालें। आँखों के चारों ओर काले घेरे या झाई हों, तो आम के रस को रुई से चेहरे पर लगाएं।

आम से होने वाले नुक़सान

  • आम में चीनी की मात्रा बहुत ज़्यादा होती है, इसलिए इसे कम मात्रा में लें।
  • जो लोग मोटे हैं, वे इसे कम खाया करें। नहीं तो, यह शरीर में हारमोनल बदलाव की वजह बन सकता है।
  • आम को एक साथ बहुत मात्रा में खाना नुक़सानदेह होता है।
  • आम खाने के बाद मुँहासे हो जाते हैं। इसलिए इसे दही या सूखे फलों के साथ खाएंगे, तो यह ज़्यादा फ़ायदेमंद रहेगा।
  • आम के अधिक मात्रा में खाने से मधुमेह व मोटापा बढ़ने की दिक्कत से गुज़रना पड़ सकता है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

संबंधित लेख

  1. REDIRECT साँचा:राष्ट्रीय चिह्न और प्रतीक