नरेन्द्र मोदी: Difference between revisions

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*[http://www.bjp.org/leadership/shri-narendra-modi नरेन्द्र मोदी]
*[http://www.bjp.org/leadership/shri-narendra-modi Shri Narendra Modi]
*[http://www.narendramodi.in/namo-wave-during-rallies-as-lakhs-thronged-to-rally-venues/ NaMo Wave during Rallies as lakhs thronged to Rally Venues]
*[http://www.narendramodi.in/namo-wave-during-rallies-as-lakhs-thronged-to-rally-venues/ NaMo Wave during Rallies as lakhs thronged to Rally Venues]
*[http://www.narendramodi.in/cm-pays-courtesy-call-on-president-pranab-mukherjee-and-vice-president-hamid-ansari-in-new-delhi-2/  
*[http://www.narendramodi.in/cm-pays-courtesy-call-on-president-pranab-mukherjee-and-vice-president-hamid-ansari-in-new-delhi-2/ CM pays courtesy call on President Pranab Mukherjee and Vice-President Hamid Ansari in New Delhi]
CM pays courtesy call on President Pranab Mukherjee and Vice-President Hamid Ansari in New Delhi]
 
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
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Revision as of 14:13, 27 May 2014

नरेन्द्र मोदी
पूरा नाम नरेन्द्र दामोदरदास मोदी
जन्म 17 सितंबर, 1950
जन्म भूमि वड़नगर, मेहसाणा ज़िला, गुजरात
पति/पत्नी जशोदाबेन चिमनलाल
नागरिकता भारतीय
पार्टी भारतीय जनता पार्टी
पद भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री, गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री
कार्य काल प्रधानमंत्री- 22 मई, 2014 से अबतक; मुख्यमंत्री (गुजरात)- 7 अक्टूबर, 2001 से 21 मई, 2014
शिक्षा एम. ए. (राजनीति शास्त्र)
विद्यालय गुजरात विश्वविद्यालय
भाषा हिन्दी, अंग्रेज़ी, गुजराती
पुरस्कार-उपाधि देश के सबसे श्रेष्ठ ई-गवर्न्ड राज्य का ELITEX 2007- पुरस्कार भारत की केन्द्र सरकार की ओर से प्राप्त।
आधिकारिक वेबसाइट नरेन्द्र मोदी, भारतीय प्रधानमंत्री
अन्य जानकारी नरेन्द्र मोदी स्वतन्त्र भारत में जन्म लेने वाले पहले ऐसे व्यक्ति हैं जो 13 वर्ष तक गुजरात के मुख्यमंत्री रहने के बाद और भारत के प्रधानमंत्री बने।
अद्यतन‎

नरेन्द्र मोदी (अंग्रेज़ी: Narendra Modi, जन्म: 17 सितंबर, 1950) भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री हैं। नरेन्द्र मोदी भारतीय जनता पार्टी के प्रसिद्ध नेता और गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री हैं। 'केशुभाई पटेल' के इस्तीफे के बाद नरेन्द्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री बने। नरेंद्र मोदी गुजरात के सबसे ज़्यादा लंबे समय तक शासन करने वाले मुख्यमंत्री हैं। नरेंद्र मोदी 7 अक्तूबर, 2001 से 21 मई, 2014 तक लगातार गुजरात के मुख्यमंत्री पद पर विराजमान रहे। नरेंद्र मोदी को वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में भारत की प्रमुख पार्टी भारतीय जनता पार्टी की ओर से प्रधानमन्त्री पद का प्रत्याशी घोषित किया गया तथा इन्होंने उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक नगरी वाराणसी एवं अपने गृहराज्य गुजरात के वडोदरा संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ा और दोनों जगह से चुनाव भारी मतों के अंतर से जीता। नरेन्द्र मोदी स्वतन्त्र भारत में जन्मे पहले व्यक्ति हैं जो भारत का प्रधानमन्त्री नियुक्त हुए हैं। इन्होंने 26 मई, 2014 शाम 6 बजे राष्ट्रपति भवन में भारत के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली।

जीवन परिचय

नरेंद्र मोदी का जन्म 17 सितंबर, 1950 को गुजरात के वडनगर में अन्य पिछड़ा वर्ग के एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था। वे दामोदरदास मूलचंद मोदी और उनकी पत्नी हीराबेन के छह बच्चों में से तीसरे हैं। बचपन से ही वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े रहे हैं और किशोरावस्था से ही उनका राजनीति के प्रति झुकाव था। नरेंद्र मोदी पूरी तरह से शाकाहारी व्यक्ति हैं। एक युवा के तौर पर वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े रहे हैं लेकिन इससे भी पहले साठ के दशक में भारत-पाक युद्ध के दौरान किशोर नरेंद्र मोदी रेलवे स्टेशनों से गुजरने वाले सैनिकों की मदद करने के लिए एक स्वयंसेवक के रूप में सक्रिय रहे हैं। thumb|left|बाल्यावस्था में नरेंद्र मोदी
साभार- आईबीएन
एक किशोर के तौर पर उन्होंने अपने भाई के साथ एक टी स्टाल भी चलाया है। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा वडनगर में ही रहकर पूरी की। बाद में, उन्होंने गुजरात विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र में मास्टर डिग्री ली।[1]नरेंद्र मोदी को अपने बाल्यकाल से कई तरह की विषमताओं एवं विपरीत परिस्थितियों का सामना करना पड़ा है किन्तु अपने उदात्त चरित्रबल एवं साहस से उन्होंने तमाम अवरोधों को अवसर में बदल दिया, विशेषकर जब उन्‍होने उच्च शिक्षा हेतु कॉलेज तथा विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया। उन दिनों वे कठोर संद्यर्ष एवं दारुण मन:ताप से घिरे थे, परन्तु् अपने जीवन- समर को उन्होंने सदैव एक योद्धा-सिपाही की तरह लड़ा है। आगे क़दम बढ़ाने के बाद वे कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखते, साथ-साथ पराजय उन्हें स्वीकार्य नहीं है। अपने व्‍यक्‍तित्‍व की इन्‍हीं विशेषताओं के चलते उन्होंने राजनीति शास्त्र विषय के साथ अपनी एम.ए. की पढ़ाई पूरी की।[2]

राजनीतिक जीवन

1984 में देश के प्रसिद्ध सामाजिक-सांस्कृतिक संगठन, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आर.एस.एस) के स्वयं सेवक के रूप में उन्होंने अपने जीवन की शुरुआत की। यहीं उन्हें निस्वार्थता, सामाजिक दायित्वबोध, समर्पण और देशभक्‍ति के विचारों को आत्म सात करने का अवसर मिला। अपने संघ कार्य के दौरान नरेंद्र मोदी ने कई मौकों पर महत्त्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई हैं। फिर चाहे वह 1974 में भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ चलाया गया आंदोलन हो, या 19 महीने (जून 1975 से जनवरी 1977) चला अत्यंत प्रताडि़त करने वाला 'आपात काल' हो। thumb|left|युवावस्था में नरेंद्र मोदी
साभार- आईबीएन

भाजपा में प्रवेश

1987 में भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) में प्रवेश कर उन्होंने राजनीति की मुख्यधारा में क़दम रखा। सिर्फ़ एक साल के भीतर ही उनको गुजरात इकाई के प्रदेश महामंत्री (जनरल सेक्रेटरी) के रूप में पदोन्नत कर दिया गया। तब तक उन्होंने एक अत्यंत ही कार्यक्षम व्यवस्थापक के रूप में प्रतिष्ठा हासिल कर ली थी। पार्टी को संगठित कर उसमें नई शक्ति का संचार करने का चुनौतीपूर्ण काम भी उन्होंने स्वीकार कर लिया। इस दौरान पार्टी को राजनीतिक गति प्राप्त होती गई और अप्रैल, 1990 में केन्द्र में साझा सरकार का गठन हुआ। हालांकि यह गठबंधन कुछ ही महीनो तक चला, लेकिन 1995 में भाजपा अपने ही बलबूते पर गुजरात में दो तिहाई बहुमत हासिल कर सत्ता में आई। वर्ष 1998 में पार्टी के सबसे बड़े नेता लालकृष्ण आडवाणी ने तब उनसे गुजरात और हिमाचल प्रदेश में चुनावों की कमान संभालने को कहा था।

गुजरात के मुख्यमंत्री

thumb|300px|नरेंद्र मोदी अपनी माँ हीराबेन के साथ विश्वविद्यालय की अपनी शिक्षा के दौरान ही मोदी संघ के पूर्ण कालिक प्रचारक बन गए थे। बाद में उन्होंने राज्य में पार्टी कार्यकर्ताओं को एकजुट किया था और शंकर सिंह वाघेला के साथ मिलकर गुजरात में भाजपा कार्यकर्ताओं का एक मजबूत आधार तैयार किया। शुरुआती दिनों में जहां वाघेला को जनता का नेता माना जाता था वहीं मोदी की ख्याति एक कुशल रणनीतिकार की थी। अप्रैल 1990 में जहां पार्टी को केन्द्र में गठबंधन सरकार बनाने का मौका मिला। केन्द्र में सरकार भले ही लम्बे समय तक नहीं चल सकी हो लेकिन 1995 में गुजरात में भाजपा ने दो तिहाई बहुमत हासिल किया। लाल कृष्ण आडवाणी ने नरेन्द्र मोदी को दो महत्वपूर्ण कामों की जिम्मेदारी सौंपी। एक थी कि सोमनाथ से अयोध्या तक रथ यात्रा की तैयारी करना। इसी तरह का दूसरा मार्च कन्याकुमारी से कश्मीर तक के लिए रखा गया। राज्य में शंकर सिंह वाघेला के पार्टी से निकल जाने के बाद केशुभाई पटेल को मुख्यमंत्री बनाया गया और नरेंद्र मोदी मोदी को पार्टी का महासचिव बनाकर नई दिल्ली भेज दिया गया। पर 2001 में पार्टी ने नरेन्द्र मोदी को केशूभाई का उत्तराधिकारी चुन लिया। नरेन्द्र मोदी ने चुनाव जीता और वे गुजरात के मुख्यमंत्री बने रहे। तब उन्होंने राज्य की 182 विधान सभा सीटों में से पार्टी को 122 सीटों पर जीत दिलाई। तब से अबत्क नरेन्द्र मोदी ही राज्य के मुख्यमंत्री बने हुए हैं। गुजरात में 2012 में हुए विधानसभा चुनावों में भी नरेन्द्र मोदी का ही जादू चला और वे अपनी पार्टी को सत्ता में बनाए रखने में कामयाब रहे। मणिनगर सीट से उन्होंने कांग्रेस की प्रत्याशी श्वेता भट्‍ट (आईपीएस अधिकारी संजीव भट्‍ट की पत्नी) को 86 हजार से अधिक वोटों से हराया। राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर विदेशों से निवेश आकृष्ट करने के लिए नरेन्द्र मोदी चीन, सिंगापुर और जापान की यात्राएं कर चुके हैं।[1]

लोकसभा चुनाव 2014

[[चित्र:Narendra-modi-3.jpg|thumb|300px| 8 अप्रैल, 2014 को कर्नाटक में भारत विजय रैली के दौरान सभा को संबोधित करते नरेन्द्र मोदी]] गोवा में भाजपा कार्यसमिति द्वारा नरेन्द्र मोदी को 2014 के लोकसभा चुनाव अभियान की कमान सौंपी गयी थी। 13 सितम्बर 2013 को हुई संसदीय बोर्ड की बैठक में आगामी लोकसभा चुनावों के लिये प्रधानमन्त्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया गया। इस अवसर पर पार्टी के शीर्षस्थ नेता लालकृष्ण आडवाणी मौजूद नहीं रहे और पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने इसकी घोषणा की। नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमन्त्री पद का उम्मीदवार घोषित होने के बाद चुनाव अभियान की कमान राजनाथ सिंह को सौंप दी। नरेन्द्र मोदी को प्रधानमन्त्री पद का उम्मीदवार बनाये जाने के बाद मोदी की पहली रैली हरियाणा प्रान्त के रेवाड़ी शहर में हुई। रैली को सम्बोधित करते हुए उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश को आपस में लड़ने की बजाय ग़रीबी और अशिक्षा से लड़ना चाहिये। एक सांसद उम्मीदवार के रूप में उन्होंने देश की दो लोकसभा सीटों वाराणसी तथा वडोदरा से चुनाव लड़ा और दोनों निर्वाचन क्षेत्रों से भारी मतों से विजयी हुए।

जनता ने देखा अद्भुत चुनाव प्रचार

भारतीय जनता पार्टी की ओर से प्रधानमन्त्री प्रत्याशी घोषित किये जाने के बाद नरेन्द्र मोदी ने पूरे भारत का भ्रमण किया। इस दौरान 3 लाख किलोमीटर की यात्रा कर पूरे देश में 437 बड़ी चुनावी रैलियाँ, 3-डी सभाएँ व चाय पर चर्चा आदि को मिलाकर कुल 5827 कार्यक्रम किये। चुनाव अभियान की शुरुआत उन्होंने 26 मार्च 2014 को मां वैष्णो देवी के आशीर्वाद के साथ जम्मू से की और समापन मंगल पाण्डे की जन्मभूमि बलिया (उत्तर प्रदेश) में किया। स्वतन्त्रता प्राप्ति के पश्चात भारत की जनता ने एक अद्भुत चुनाव प्रचार देखा।

सफलता का बना नया रिकार्ड

नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी ने 2014 के चुनावों में अभूतपूर्व सफलता भी प्राप्त की। चुनाव में जहाँ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) 336 सीटें जीतकर सबसे बड़े संसदीय दल के रूप में उभरा वहीं अकेले भारतीय जनता पार्टी ने 282 सीटों पर विजय प्राप्त की। काँग्रेस केवल 44 सीटों पर सिमट कर रह गयी और उसके गठबंधन को केवल 59 सीटों से ही सन्तोष करना पड़ा। [[चित्र:Narendra-modi-meeting-with-president-pranab-mukherji.jpg|thumb|left|राष्ट्रपति भवन में नरेन्द्र मोदी का स्वागत करते हुए भारतीय राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी]] नरेन्द्र मोदी स्वतन्त्र भारत में जन्म लेने वाले ऐसे व्यक्ति हैं जो सन 2001 से 2014 तक लगभग 13 वर्ष गुजरात के 14वें मुख्यमन्त्री रहे और भारत के 15वें प्रधानमन्त्री बने। एक ऐतिहासिक तथ्य यह भी है कि नेता-प्रतिपक्ष के चुनाव हेतु विपक्ष को एकजुट होना पड़ेगा क्योंकि किसी भी एक दल ने कुल लोकसभा सीटों के 10 प्रतिशत (54 सीट) का आँकड़ा ही नहीं छुआ।

भाजपा संसदीय दल के नेता बने

20 मई 2014 को संसद भवन में भारतीय जनता पार्टी द्वारा आयोजित भाजपा संसदीय दल एवं सहयोगी दलों की एक संयुक्त बैठक में जब लोग प्रवेश कर रहे थे तो नरेन्द्र भाई मोदी ने प्रवेश करने से पूर्व संसद भवन को ठीक वैसे ही ज़मीन पर झुककर प्रणाम किया जैसे किसी पवित्र मन्दिर में श्रद्धालु प्रणाम करते हैं। संसद भवन के इतिहास में उन्होंने ऐसा करके समस्त सांसदों के लिये उदाहरण पेश किया। बैठक में नरेन्द्र भाई मोदी को सर्वसम्मति से न केवल भाजपा संसदीय दल अपितु राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का भी नेता चुना गया। भाजपा सहित समस्त सहयोगी दलों द्वारा राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को पत्र सौंपे जाने के पश्चात जब नरेंद्र मोदी राष्ट्रपति से मिलने राष्ट्रपति भवन गये तो प्रणब मुखर्जी ने उनका स्वागत किया और भारी बहुमत से विजयी होने की बधाई भी दी। राष्ट्रपति भवन से वापसी में राष्ट्रपति ने नरेन्द्र मोदी को भारत का 15वाँ प्रधानमन्त्री नियुक्त करते हुए इस आशय का विधिवत पत्र सौंपा।

भारत के प्रधानमंत्री

[[चित्र:Narendra-modi-swearing.jpg|thumb|300px|नरेन्द्र मोदी राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के समक्ष प्रधानमंत्री पद की शपथ लेते हुए]] नरेन्द्र भाई मोदी ने सोमवार 26 मई, 2014 को शाम 6 बजे प्रधानमन्त्री पद की शपथ ली। संसद भवन के केन्द्रीय कक्ष में भाजपा के संसदीय दल का नेता चुने जाने पर बोलते हुए नरेन्द्र भाई मोदी ने देश की जनता को यह विश्वास दिलाया कि उन्हें आज जो दायित्व सौंपा गया है उसे वह पूरी निष्ठा और परिश्रम की पराकाष्ठा से निभायेंगे। इस अवसर पर उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार ग़रीबों, गाँववासियों, दलितों, शोषितों और वंचितों के उत्थान के लिये पूरे समर्पण से काम करेगी। कर्मठ, समर्पित और दृढ़-निश्चयी नरेन्द्र मोदी 100 करोड़ भारतीयों के सपनों और आकांक्षाओं के लिए आशा की एक किरण बन कर आए हैं। विकास पर उनकी पैनी नज़र और परिणाम हासिल करने की उनकी प्रामाणिक क्षमता ने उन्हें भारत के सबसे लोकप्रिय नेताओं में से एक बनाया है। उनका एक ऐसे राष्ट्र के निर्माण का संकल्प है जो मज़बूत, खुशहाल और समावेशी हो और जहां प्रत्येक भारतीय अपनी आशाओं और आकांक्षाओं को फलीभूत होते हुए देख सकता हो। नरेन्द्र मोदी ने चौथी बार पश्चिमी राज्य गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में भारत और विश्वभर में अपनी छाप छोड़ी है। इस राज्य में वे जनहितैषी सुशासन द्वारा लोगों के जीवन में भारी बदलाव लाए, जहां सरकार ने सादगी और ईमानदारी से लोगों की सेवा की। उन्होंने विनाशकारी भूकंप के दुष्परिणामों से जूझ रहे गुजरात की कायापलट की और उसे विकास में अग्रणी बनाया जिसने भारत के सर्वांगीण विकास में मजबूत योगदान दिया। thumb|left|नरेंद्र मोदी अभिनेता सलमान खान के साथ
साभार- आईबीएन
हमेशा आगे आकर नेतृत्व संभालने वाले और गुजरात के चहुंमुखी विकास के लिए काम करने वाले नरेन्द्र मोदी ने राज्यभर में बड़ा बुनियादी ढांचा तैयार किया। उन्होंने सरकार के नौकरशाही तंत्र को नया स्वरूप प्रदान किया और उसे आसान बनाया ताकि वह कुशलतापूर्वक, ईमानदारी से और मानवीय भावना से काम कर सके। उनके नेतृत्व में गुजरात सरकार ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर संयुक्त राष्ट्र संघ जैसी संस्थाओं से 300 से अधिक पुरस्कार प्राप्त किए। वे एक ऐसे 'जन नेता' हैं, जो लोगों के कल्याण के लिए समर्पित हैं। नरेन्द्र मोदी के लिए इससे सुखद और कुछ नहीं कि वे आम लोगों के बीच रहें, उनकी खुशहाली देखें और उनके दुखों को दूर करें। उनकी मज़बूत ऑनलाइन उपस्थिति, जहां वे भारत के एक ऐसे सर्वाधिक प्रौद्योगिकी मूलक सोच रखने वाले नेता के रूप में जाने जाते हैं जो प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल लोगों से जुड़ने और उनके जीवन में बदलाव लाने के लिए करते हैं, ने उनके व्यक्तिगत संपर्क को और मजबूती दी है। वे फेसबुक, ट्वीटर, गूगल+ और अन्य मंचों सहित सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय हैं। नरेन्द्र मोदी एक ऐसे व्यक्ति हैं जिनमें साहस, संवेदनशीलता और दृढ़ निश्चय कूट-कूटकर भरे हैं और जिन्हें देश ने इस उम्मीद के साथ जनादेश दिया है कि वे भारत में नई ऊर्जा का संचार करेंगे और उसे विश्व का पथप्रदर्शक बनाएंगे।[3]

व्यक्तित्व

thumb|नरेन्द्र मोदी नरेन्द्र मोदी की छवि एक कठोर प्रशासक और कड़े अनुशासन के आग्रही की मानी जाती है, लेकिन साथ ही अपने भीतर वे मृदुता एवं सामर्थ्य की अपार क्षमता भी संजोये हुए हैं। नरेन्द्र मोदी को शिक्षा-व्यवस्था में पूरा विश्वास है। एक ऐसी शिक्षा-व्यवस्था जो मनुष्य के आंतरिक विकास और उन्नति का माध्यम बने एवं समाज को अँधेरे, मायूसी और ग़रीबी के विषचक्र से मुक्ति दिलाये। विज्ञान और प्रौद्योगिकी में नरेन्द्र मोदी की गहरी दिलचस्पी है। उन्होंने गुजरात को ई-गवर्न्ड राज्य बना दिया है और प्रौद्योगिकी के कई नवोन्मेषी प्रयोग सुनिश्चित किये हैं। ‘स्वागत ऑनलाइन’ और ‘टेलि फरियाद’ जैसे नवीनतम प्रयासों से ई-पारदर्शिता आई है, जिसमें आम नागरिक सीधा प्रशासन के उच्चतम कार्यालय का संपर्क कर सकता है। जनशक्ति में अखण्ड विश्वास रखने वाले नरेन्द्र मोदी ने बखूबी क़रीब पाँच लाख कर्मचारियों की मज़बूत टीम की रचना की है। नरेन्द्र मोदी यथार्थवादी होने के साथ ही आदर्शवादी भी हैं। उनमें आशावाद कूटकूट कर भरा है। उनकी हमेशा एक उदात्त धारणा रही है कि असफलता नहीं, बल्कि उदेश्य का अनुदात्त होना अपराध है। वे मानते हैं कि जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सफलता के लिए स्पष्ट दृष्टि, उद्देश्य या लक्ष्य का परिज्ञान और कठोर अध्यवसाय अत्यंत ही आवश्यक गुण हैं।[2]नरेन्द्र मोदी को मितव्ययी और मिताहारी के तौर पर जाना जाता है। उनके निजी स्टाफ में केवल तीन लोग हैं। अंतर्मुखी मोदी को हमेशा ही काम करते रहने वाले व्यक्ति के तौर पर भी जाना जाता है। वे कभी-कभी बिजनेस सूट पहने भी नजर आते हैं लेकिन बहुत कम अवसरों पर। उन्होंने अपने राज्य में बिना सरकारी अनुमति के बने बहुत सारे मंदिरों को भी गिराने का आदेश दिया था जिसकी विश्व हिंदू परिषद ने आलोचना की थी। पर वे अपने विरोधियों को ज्यादा तरजीह नहीं देते हैं। राजनीति के अलावा, नरेन्द्र मोदी की रुचि लेखन में है। उन्होंने विभिन्न विषयों पर कई किताबें लिखी हैं और वे कविताएं भी लिखते हैं। उनके दिन की शुरुआत हमेशा योग से होती है, जो अति सक्रिय दिनचर्या में उन्हें शांति प्रदान करता है।

सम्मान और पुरस्कार

मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कार्यकाल के दौरान राज्य के पृथक-पृथक क्षेत्रों में 60 से अधिक पुरस्कार प्राप्त किये हैं। उनमें से कुछ का उल्लेख नीचे किया जा रहा है- [4]

दिनांक पुरस्कार
16-10-2003 आपदा प्रबंधन और ख़तरा टालने की दिशा में संयुक्त राष्ट्र की ओर से सासाकावा पुरस्कार।
अक्टूबर-2004 प्रबंधन में नवीनता लाने के लिए ‘कॉमनवेल्थ एसोसिएशन्स’ की ओर से CAPAM गोल्ड पुरस्कार।
27-11-2004 ‘इन्डिया इन्टरनेशनल ट्रेड फेयर-2004 में इन्डिया ट्रेड प्रमोशन ऑर्गेनाइज़ेशन फॉर गुजरात्स एक्सेलन्स’ की ओर से ‘स्पेशल कमेन्डेशन गोल्ड मेडल’ दिया गया।
24-02-2005 भारत सरकार की ओर से गुजरात के राजकोट ज़िले में सेनिटेशन सुविधाओं के लिए ‘निर्मल ग्राम’ पुरस्कार दिया गया।
25-04-2005 भारत सरकार के सूचना और तकनीकी मंत्रालय और विज्ञान-तकनीकी मंत्रालय द्वारा ‘भास्कराचार्य इन्स्टिट्यूट ऑफ स्पेस एप्लिकेशन’ और ‘जिओ-इन्फर्मेटिक्स’, गुजरात सरकार को "PRAGATI" के लिए ‘एलिटेक्स’ पुरस्कार दिया गया।
21-05-2005 राजीव गांधी फाउन्डेशन नई दिल्ली की ओर से आयोजित सर्वेक्षण में देश के सभी राज्यों में गुजरात को श्रेष्ठ राज्य का पुरस्कार मिला।
01-06-2005 भूकंप के दौरान क्षतिग्रस्त हुए गुरुद्वारा के पुनःस्थापन के लिए यूनेस्को द्वारा ‘एशिया पेसिफिक हेरिटेज’ अवार्ड दिया गया।
05-08-2005 ‘इन्डिया टुडे’ द्वारा श्रेष्ठ निवेश पर्यावरण पुरस्कार दिया गया।
05-08-2005 ‘इन्डिया टुडे’ द्वारा सर्वाधिक आर्थिक स्वातंत्र्य पुरस्कार दिया गया।
27-11-2005 नई दिल्ली में आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में गुजरात पेविलियन को प्रथम पुरस्कार मिला।
14-10-2005 गुजराती साप्ताहिक चित्रलेखा के पाठकों ने श्री नरेन्द्र मोदी को ‘पर्सन ओफ द इयर’ चुना। इस में टेनिस स्टार सानिया मिर्ज़ा दूसरे क्रम पर और सुपरस्टार अमिताभ बच्चन तीसरे स्थान पर रहे। ये पुरस्कार दिनांक 18-05-2006 को दिये गये।
12-11-2005 इन्डिया टेक फाउन्डेशन की ओर से ऊर्जा क्षेत्र में सुधार और नवीनता के लिए इन्डिया टेक्नोलोजी एक्सेलन्स अवार्ड दिया गया।
30-01-2006 इन्डिया टुडे द्वारा देश व्यापी स्तर पर कराये गये सर्वेक्षण में श्री नरेन्द्र मोदी देश के सर्वश्रेष्ठ मुख्यमंत्री चुने गये।
23-03-2006 सेनिटेशन सुविधाओं के लिए केन्द्र सरकार द्वारा गुजरात के कुछ गाँवों को निर्मल ग्राम पुरस्कार दिये गये।
31-07-2006 बीस सूत्रीय कार्यक्रम के अमलीकरण में गुजरात एक बार फिर प्रथम स्थान पर रहा।
02-08-2006 सर्व शिक्षा अभियान में गुजरात देश के 35 राज्यों में सबसे प्रथम क्रमांक पर रहा।
12-09-2006 अहल्याबाई नेशनल अवार्ड फंक्शन, इन्दौर की ओर से पुरस्कार।
30-10-2006 चिरंजीवी योजना के लिए ‘वोल स्ट्रीट जर्नल’ और ‘फाइनान्सियल एक्सप्रेस’ की ओर से (प्रसूति समय जच्चा-बच्चा मृत्यु दर कम करने ले लिए) सिंगापुर में ‘एशियन इन्नोवेशन अवार्ड’ दिया गया।
04-11-2006 भू-रिकार्ड्स के कम्प्यूटराइजेशन के लिए चल रही ई-धरा योजना के लिए ई-गवर्नन्स पुरस्कार।
10-01-2007 देश के सबसे श्रेष्ठ ई-गवर्न्ड राज्य का ELITEX 2007- पुरस्कार भारत की केन्द्र सरकार की ओर से प्राप्त।
05-02-2007 इन्डिया टुडे-ओआरजी मार्ग के देशव्यापी सर्वेक्षण में तीसरी बार श्रेष्ट मुख्यमंत्री चुने गये। पाँच साल के कार्यकाल में किसी भी मुख्यमंत्री के लिए यह अनोखी सिद्धि थी।



भारत के प्रधानमंत्री
65px|link=| पूर्वाधिकारी
मनमोहन सिंह
नरेन्द्र मोदी उत्तराधिकारी
65px|link=|


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 नरेंद्र मोदी : प्रोफाइल (हिन्दी) वेबदुनिया हिंदी। अभिगमन तिथि: 18 मई, 2014।
  2. 2.0 2.1 आधिकारिक वेबसाइट (हिन्दी, अंग्रेज़ी)। । अभिगमन तिथि: 24 सितंबर, 2010। Cite error: Invalid <ref> tag; name "ram" defined multiple times with different content
  3. माननीय प्रधान मंत्री का संक्षिप्त परिचय (हिंदी) भारत के प्रधानमंत्री। अभिगमन तिथि: 22 मई, 2014।
  4. नरेन्द्र मोदी अवार्ड (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 24 सितंबर, 2010।

बाहरी कड़ियाँ

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