अन्तरराष्ट्रीय विधवा दिवस: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
No edit summary
 
(One intermediate revision by one other user not shown)
Line 2: Line 2:
|चित्र=International-Widows-Day.jpg
|चित्र=International-Widows-Day.jpg
|चित्र का नाम=अन्तरराष्ट्रीय विधवा दिवस
|चित्र का नाम=अन्तरराष्ट्रीय विधवा दिवस
|विवरण='अन्तरराष्ट्रीय विधवा दिवस' महिलाओं की समस्याओं की प्रति जागरुकता फ़ैलाने के लिए मनाया जाता है।
|विवरण='अन्तरराष्ट्रीय विधवा दिवस' महिलाओं की समस्याओं के प्रति समाज में जागरुकता फ़ैलाने के लिए मनाया जाता है।
|शीर्षक 1=तिथि
|शीर्षक 1=तिथि
|पाठ 1=[[23 जून]]
|पाठ 1=[[23 जून]]
Line 28: Line 28:
|अद्यतन={{अद्यतन|11:04, 23 जून 2017 (IST)}}
|अद्यतन={{अद्यतन|11:04, 23 जून 2017 (IST)}}
}}
}}
'''अन्तरराष्ट्रीय विधवा दिवस''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''International Widows Day'') पूरे विश्व में प्रतिवर्ष [[23 जून]] को मनाया जाता है। यह दिवस विधवा महिलाओं की समस्याओं की प्रति जागरुकता फ़ैलाने के लिए मनाया जाता है। यह दिवस विधवाओं की स्थिति पर प्रकाश डालता है, जिससे पता चलता है कि उन्हें समाज में किस प्रकार की उपेक्षा एवं दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ज्यादातर नागरिक समाज संगठन भी समाज के इस उपेक्षित वर्ग की अनदेखी करते हैं।<ref>{{cite web |url=http://edurelation.com/currentaffairs1.php?id=1995|title= अन्तरराष्ट्रीय विधवा दिवस-2016|accessmonthday= 16 अप्रैल|accessyear=2017 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=iastyyari.blogspot.in |language=हिंदी }}</ref>
'''अन्तरराष्ट्रीय विधवा दिवस''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''International Widows Day'') पूरे विश्व में प्रतिवर्ष [[23 जून]] को मनाया जाता है। यह दिवस विधवा महिलाओं की समस्याओं के प्रति समाज में जागरुकता फ़ैलाने के लिए मनाया जाता है। यह दिवस विधवाओं की स्थिति पर प्रकाश डालता है, जिससे पता चलता है कि उन्हें समाज में किस प्रकार की उपेक्षा एवं दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ज्यादातर नागरिक समाज संगठन भी समाज के इस उपेक्षित वर्ग की अनदेखी करते हैं।<ref>{{cite web |url=http://edurelation.com/currentaffairs1.php?id=1995|title= अन्तरराष्ट्रीय विधवा दिवस-2016|accessmonthday= 16 अप्रैल|accessyear=2017 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=iastyyari.blogspot.in |language=हिंदी }}</ref>


*अन्तरराष्ट्रीय विधवा दिवस [[23 जून]] को दुनिया भर में मनाया जाता है। सभी उम्र, क्षेत्र और [[संस्कृति]] की विधवाओं की स्थिति को विशेष पहचान देने के लिए [[संयुक्त राष्ट्र महासभा]] ने 23 जून, [[2011]] को पहली बार अन्तरराष्ट्रीय विधवा दिवस की घोषणा की थी, जो प्रतिवर्ष मनाया जाएगा।<ref>{{cite web |url= http://iastyyari.blogspot.in/2014/06/23-25-june-2014-ca.html|title= अन्तरराष्ट्रीय विधवा दिवस|accessmonthday= 16 अप्रैल|accessyear=2017 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=iastyyari.blogspot.in |language=हिंदी }}</ref>
*अन्तरराष्ट्रीय विधवा दिवस [[23 जून]] को दुनिया भर में मनाया जाता है। सभी उम्र, क्षेत्र और [[संस्कृति]] की विधवाओं की स्थिति को विशेष पहचान देने के लिए [[संयुक्त राष्ट्र महासभा]] ने 23 जून, [[2011]] को पहली बार अन्तरराष्ट्रीय विधवा दिवस की घोषणा की थी, जो प्रतिवर्ष मनाया जाएगा।<ref>{{cite web |url= http://iastyyari.blogspot.in/2014/06/23-25-june-2014-ca.html|title= अन्तरराष्ट्रीय विधवा दिवस|accessmonthday= 16 अप्रैल|accessyear=2017 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=iastyyari.blogspot.in |language=हिंदी }}</ref>
*विधवाओं और उनके बच्चों से दुर्व्यवहार मानव अधिकारों का सबसे गंभीर उल्लंघन और आज के विकास में सबसे बड़ी बाधाओं में से एक है।
*विधवाओं और उनके बच्चों से दुर्व्यवहार मानव अधिकारों का सबसे गंभीर उल्लंघन और आज के विकास में सबसे बड़ी बाधाओं में से एक है।
*दुनिया की लाखों विधवाओं को गरीबी, बहिष्कार, हिंसा, बेघर, बीमार स्वास्थ्य जैसी समस्याएं और क़ानून व कस्टम में भेदभाव सहन करना पड़ता है।
*दुनिया की लाखों विधवाओं को ग़रीबी, बहिष्कार, हिंसा, बेघर, बीमार स्वास्थ्य जैसी समस्याएं और क़ानून व कस्टम में भेदभाव सहन करना पड़ता है।
*एक अनुमान के अनुसार 115 मिलियन विधवाएं गरीबी में रहती हैं और 81 मिलियन शारीरिक शोषण का सामना करती हैं।
*एक अनुमान के अनुसार 115 मिलियन विधवाएं ग़रीबी में रहती हैं और 81 मिलियन शारीरिक शोषण का सामना करती हैं।
*एक अनुमान के अनुसार 40 मिलियन विधवाएं [[भारत]] में रहती हैं। 15000 विधवाएं [[उत्तर प्रदेश]] में [[मथुरा]] के पवित्र शहर [[वृंदावन]] की सड़कों पर अकेले रहती हैं।
*एक अनुमान के अनुसार 40 मिलियन विधवाएं [[भारत]] में रहती हैं। 15000 विधवाएं [[उत्तर प्रदेश]] में [[मथुरा]] के पवित्र शहर [[वृंदावन]] की सड़कों पर अकेले रहती हैं।
*आमतौर पर विधवाओं को समाज से बहिष्कार जैसी स्थिति से गुजरना पड़ता है। विधवाओं एवं उनके बच्चों के साथ किया जाने वाला दुर्व्यवहार मानव अधिकारों की श्रेणी में गंभीर उल्लंघन है।
*आमतौर पर विधवाओं को समाज से बहिष्कार जैसी स्थिति से गुजरना पड़ता है। विधवाओं एवं उनके बच्चों के साथ किया जाने वाला दुर्व्यवहार मानव अधिकारों की श्रेणी में गंभीर उल्लंघन है।


;विधवा संरक्षण विधेयक
;विधवा संरक्षण विधेयक
सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक बिंदेश्वर पाठक ने [[भारत]] में विधवाओं के संरक्षण के लिए एक विधेयक का मसौदा तैयार किया। [[संसद]] के बजट सत्र में वृंदावन में रहने वाली हज़ारों विधवाओं की सहायता के लिए एक विधवा संरक्षण विधेयक को बनाने की इच्छा व्यक्त की गई।
सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक बिंदेश्वर पाठक ने [[भारत]] में विधवाओं के संरक्षण के लिए एक विधेयक का मसौदा तैयार किया। [[संसद]] के बजट सत्र में [[वृंदावन]] में रहने वाली हज़ारों विधवाओं की सहायता के लिए एक विधवा संरक्षण विधेयक को बनाने की इच्छा व्यक्त की गई।
 


{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक2 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक2 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}

Latest revision as of 07:18, 8 September 2018

अन्तरराष्ट्रीय विधवा दिवस
विवरण 'अन्तरराष्ट्रीय विधवा दिवस' महिलाओं की समस्याओं के प्रति समाज में जागरुकता फ़ैलाने के लिए मनाया जाता है।
तिथि 23 जून
शुरुआत 2011
अन्य जानकारी एक अनुमान के अनुसार 40 मिलियन विधवाएं भारत में रहती हैं। 15000 विधवाएं उत्तर प्रदेश में मथुरा के पवित्र शहर वृंदावन की सड़कों पर अकेले रहती हैं।
अद्यतन‎

अन्तरराष्ट्रीय विधवा दिवस (अंग्रेज़ी: International Widows Day) पूरे विश्व में प्रतिवर्ष 23 जून को मनाया जाता है। यह दिवस विधवा महिलाओं की समस्याओं के प्रति समाज में जागरुकता फ़ैलाने के लिए मनाया जाता है। यह दिवस विधवाओं की स्थिति पर प्रकाश डालता है, जिससे पता चलता है कि उन्हें समाज में किस प्रकार की उपेक्षा एवं दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ज्यादातर नागरिक समाज संगठन भी समाज के इस उपेक्षित वर्ग की अनदेखी करते हैं।[1]

  • अन्तरराष्ट्रीय विधवा दिवस 23 जून को दुनिया भर में मनाया जाता है। सभी उम्र, क्षेत्र और संस्कृति की विधवाओं की स्थिति को विशेष पहचान देने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 23 जून, 2011 को पहली बार अन्तरराष्ट्रीय विधवा दिवस की घोषणा की थी, जो प्रतिवर्ष मनाया जाएगा।[2]
  • विधवाओं और उनके बच्चों से दुर्व्यवहार मानव अधिकारों का सबसे गंभीर उल्लंघन और आज के विकास में सबसे बड़ी बाधाओं में से एक है।
  • दुनिया की लाखों विधवाओं को ग़रीबी, बहिष्कार, हिंसा, बेघर, बीमार स्वास्थ्य जैसी समस्याएं और क़ानून व कस्टम में भेदभाव सहन करना पड़ता है।
  • एक अनुमान के अनुसार 115 मिलियन विधवाएं ग़रीबी में रहती हैं और 81 मिलियन शारीरिक शोषण का सामना करती हैं।
  • एक अनुमान के अनुसार 40 मिलियन विधवाएं भारत में रहती हैं। 15000 विधवाएं उत्तर प्रदेश में मथुरा के पवित्र शहर वृंदावन की सड़कों पर अकेले रहती हैं।
  • आमतौर पर विधवाओं को समाज से बहिष्कार जैसी स्थिति से गुजरना पड़ता है। विधवाओं एवं उनके बच्चों के साथ किया जाने वाला दुर्व्यवहार मानव अधिकारों की श्रेणी में गंभीर उल्लंघन है।
विधवा संरक्षण विधेयक

सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक बिंदेश्वर पाठक ने भारत में विधवाओं के संरक्षण के लिए एक विधेयक का मसौदा तैयार किया। संसद के बजट सत्र में वृंदावन में रहने वाली हज़ारों विधवाओं की सहायता के लिए एक विधवा संरक्षण विधेयक को बनाने की इच्छा व्यक्त की गई।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. अन्तरराष्ट्रीय विधवा दिवस-2016 (हिंदी) iastyyari.blogspot.in। अभिगमन तिथि: 16 अप्रैल, 2017।
  2. अन्तरराष्ट्रीय विधवा दिवस (हिंदी) iastyyari.blogspot.in। अभिगमन तिथि: 16 अप्रैल, 2017।

संबंधित लेख