कर्नाटक: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
Line 31: Line 31:
==इतिहास और भूगोल==
==इतिहास और भूगोल==
कर्नाटक राज्य का लगभग 2,000 वर्ष का लिखित इतिहास उपलब्ध है। कर्नाटक पर [[नंद]], [[मौर्य]] और [[सातवाहन]] नामक राजाओं का शासन रहा। चौथी शताब्दी के मध्य से इसी क्षेत्र के राजवंशों बनवासी के कदंब तथा गंगों का अधिकार रहा। [[श्रवणबेलगोला कर्नाटक|श्रवणबेलगोला]] में गोमतेश्वर की विशाल  प्रतिमा गंग वंश के मंत्री चामुंडराया ने बनवायी थी, जो विश्व प्रसिद्ध है। बादामी के [[चालुक्य वंश]] (500-735 ई. तक) ने [[नर्मदा नदी|नर्मदा]] से [[कावेरी नदी|कावेरी]] तक के विशाल भूभाग पर राज किया और पुलिकेशी द्वितीय (609-642 ई.) ने [[कन्नौज]] के शाक्तिशाली राजा [[हर्षवर्धन]] को हराया था। इस राजवंश ने बादामी, [[ऐहोल]] और पट्टादकल में अनेक सुंदर कलात्मक तथा कालजयी स्मारकों का निर्माण कराया था। इसमें कुछ मंदिर चट्टानों को तराशकर बनाए गए है। एहोल के मंदिर में वास्तुकला का विकास हुआ।  
कर्नाटक राज्य का लगभग 2,000 वर्ष का लिखित इतिहास उपलब्ध है। कर्नाटक पर [[नंद]], [[मौर्य]] और [[सातवाहन]] नामक राजाओं का शासन रहा। चौथी शताब्दी के मध्य से इसी क्षेत्र के राजवंशों बनवासी के कदंब तथा गंगों का अधिकार रहा। [[श्रवणबेलगोला कर्नाटक|श्रवणबेलगोला]] में गोमतेश्वर की विशाल  प्रतिमा गंग वंश के मंत्री चामुंडराया ने बनवायी थी, जो विश्व प्रसिद्ध है। बादामी के [[चालुक्य वंश]] (500-735 ई. तक) ने [[नर्मदा नदी|नर्मदा]] से [[कावेरी नदी|कावेरी]] तक के विशाल भूभाग पर राज किया और पुलिकेशी द्वितीय (609-642 ई.) ने [[कन्नौज]] के शाक्तिशाली राजा [[हर्षवर्धन]] को हराया था। इस राजवंश ने बादामी, [[ऐहोल]] और पट्टादकल में अनेक सुंदर कलात्मक तथा कालजयी स्मारकों का निर्माण कराया था। इसमें कुछ मंदिर चट्टानों को तराशकर बनाए गए है। एहोल के मंदिर में वास्तुकला का विकास हुआ।  
[[चित्र:Vidyashankara Temple shrangeri.jpg|thumb|220px|left|विद्याशंकर मंदिर, [[श्रृंगेरी पीठ]], कर्नाटक<br />Vidyashankara Temple, Shrangeri Peeth, Karnataka]]
[[चित्र:Vidhan-Soudha-Bangalore.jpg|thumb|250px|left|[[विधान सौध बेंगळूरू|विधान सौध]], [[बेंगळूरू]] <br />Vidhan Soudha, Bangalore]]
चालुक्यों के स्थान पर बाद में [[मलखेड़ कर्नाटक|मलखेड़]] के राष्ट्रकूटों ने (753-973 ई.) कन्नौज के वैभवशाली समय में भी वसूल किया। इसी समय कन्न्ड़ साहित्य का विकास प्रारम्भ हुआ। [[भारत]] के प्रमुख [[जैन]] विद्वान यहाँ के राजाओं के दरबार की शोभा थे। कल्याण के चालुक्य राजा (973-1189 ई.) और उनके बाद हलेबिड के होयसाल शासकों ने कलात्मक मंदिरों का निर्माण करवाया। ललित कलाओं और साहित्य को  बढावा दिया। विजयनगर साम्राज्य (1336-1646 ई.) ने इन्हीं परपंराओं का पालन करते हुए कला, धर्म, संस्कृत, कन्न्ड़, तेलुगु और तमिल साहित्य को बढावा दिया। उनके  समय में व्यापार का भी बहुत विस्तार हुआ।
चालुक्यों के स्थान पर बाद में [[मलखेड़ कर्नाटक|मलखेड़]] के राष्ट्रकूटों ने (753-973 ई.) कन्नौज के वैभवशाली समय में भी वसूल किया। इसी समय कन्न्ड़ साहित्य का विकास प्रारम्भ हुआ। [[भारत]] के प्रमुख [[जैन]] विद्वान यहाँ के राजाओं के दरबार की शोभा थे। कल्याण के चालुक्य राजा (973-1189 ई.) और उनके बाद हलेबिड के होयसाल शासकों ने कलात्मक मंदिरों का निर्माण करवाया। ललित कलाओं और साहित्य को  बढावा दिया। विजयनगर साम्राज्य (1336-1646 ई.) ने इन्हीं परपंराओं का पालन करते हुए कला, धर्म, संस्कृत, कन्न्ड़, तेलुगु और तमिल साहित्य को बढावा दिया। उनके  समय में व्यापार का भी बहुत विस्तार हुआ।


Line 39: Line 39:


==वन और वन्य जीवन==
==वन और वन्य जीवन==
वन विभाग के पास राज्य के 20.15 प्रतिशत भौगोलिक क्षेत्र का प्रबंधन है। वनों का वर्गीकरण इस प्रकार किया गया है-  
वन विभाग के पास राज्य के 20.15 प्रतिशत भौगोलिक क्षेत्र का प्रबंधन है। वनों का वर्गीकरण इस प्रकार किया गया है-
[[चित्र:Mysore-Palace-1.jpg|thumb|250px|left|मैसूर का [[महाराजा पैलेस मैसूर|महाराजा पैलेस]], [[मैसूर]]<br /> Mysore's Maharaja Palace, Mysore]]
#सुरक्षित वन,  
#सुरक्षित वन,  
#संरक्षित वन,  
#संरक्षित वन,  
[[चित्र:Karnataka-High-Court.jpg|thumb|left|उच्च न्यायालय, कर्नाटक<br />High Court, Karnataka]]
#अवर्गीकृत वन,  
#अवर्गीकृत वन,  
#ग्रामीण वन और  
#ग्रामीण वन और  
Line 53: Line 53:


==कृषि==
==कृषि==
[[चित्र:Sringeri Sharada Peeth.jpg|thumb|250px|श्रृंगेरी पीठ, शारदा, कर्नाटक<br />Sringeri Peeth, Sharada, Karnataka]]
[[चित्र:Vidyashankara Temple shrangeri.jpg|thumb|250px|विद्याशंकर मंदिर, [[श्रृंगेरी पीठ]], कर्नाटक<br />Vidyashankara Temple, Shrangeri Peeth, Karnataka]]
कनार्टक राज्य में लगभग 66 प्रतिशत जनसंख्या  ग्रामीण है और 55.60 प्रतिशत जनता कृषि और इससे जुडे रोज़गारों में लगी है। राज्य की 60 प्रतिशत, लगभग 114 लाख हेक्टेयर भूमि कृषि योग्य है। कुल कृषि योग्य भूमि के 72 प्रतिशत भाग में अच्छी वर्षा होती है, बाक़ी लगभग 28 प्रतिशत भूमि में सिंचाई की व्यवस्था है। राज्य में 10 प्रतिशत कृषि मौसमी क्षेत्र हैं। यहाँ की प्रमुख मिट्टी लाल मिट्टी  है, फिर दूसरे स्थान पर काली मिट्टी है। आज्य की कुल भूमि का 51.7 प्रतिशत भाग राज्य का बुआई क्षेत्र है। वर्ष 2007-08 में लगभग 117.35 लाख टन खाद्यान्न का उत्पादन हुआ है।
कनार्टक राज्य में लगभग 66 प्रतिशत जनसंख्या  ग्रामीण है और 55.60 प्रतिशत जनता कृषि और इससे जुडे रोज़गारों में लगी है। राज्य की 60 प्रतिशत, लगभग 114 लाख हेक्टेयर भूमि कृषि योग्य है। कुल कृषि योग्य भूमि के 72 प्रतिशत भाग में अच्छी वर्षा होती है, बाक़ी लगभग 28 प्रतिशत भूमि में सिंचाई की व्यवस्था है। राज्य में 10 प्रतिशत कृषि मौसमी क्षेत्र हैं। यहाँ की प्रमुख मिट्टी लाल मिट्टी  है, फिर दूसरे स्थान पर काली मिट्टी है। आज्य की कुल भूमि का 51.7 प्रतिशत भाग राज्य का बुआई क्षेत्र है। वर्ष 2007-08 में लगभग 117.35 लाख टन खाद्यान्न का उत्पादन हुआ है।
==दुग्ध उत्पादन==
==दुग्ध उत्पादन==
Line 59: Line 59:
*कर्नाटक मिल्क फेडरेशन के पास 21 प्रसंस्करण संयंत्र हैं जिनकी क्षमता लगभग 26.45 लाख लीटर प्रतिदिन है।
*कर्नाटक मिल्क फेडरेशन के पास 21 प्रसंस्करण संयंत्र हैं जिनकी क्षमता लगभग 26.45 लाख लीटर प्रतिदिन है।
*42 प्रतिशत दुग्ध केंद्रों की क्षमता 14.60 लाख लीटर प्रतिदिन है।
*42 प्रतिशत दुग्ध केंद्रों की क्षमता 14.60 लाख लीटर प्रतिदिन है।
[[चित्र:Bangalore-Palace.jpg|thumb|220px|left|[[बंगलोर पैलेस बंगलोर|बंगलोर पैलेस]], [[बंगलोर]]<br /> Bangalore Palace, Bangalore]]
[[चित्र:Statue-Shiva-Bangalore.jpg|thumb|left|[[शिव मूर्ति बेंगळूरू|भगवान शिव की मूर्ति]], [[बेंगळूरू]]]]
==बागवानी==
==बागवानी==
*राज्य के 16.30 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बागवानी होती है।  
*राज्य के 16.30 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बागवानी होती है।  
Line 85: Line 85:
*कर्नाटक मे रेलवे के नेटवर्क की कुल लंबाई लगभग 3089 किलोमीटर है।  
*कर्नाटक मे रेलवे के नेटवर्क की कुल लंबाई लगभग 3089 किलोमीटर है।  
*कर्नाटक में हवाई अडडे बैंगलोर,मैंगलोर, हुबली, [[बेलगांव कर्नाटक|बेलगांव]], हंपी  एवं बेलारी में उपलब्ध हैं जिनमें, बैंगलोर हवाई पट्टी से दूसरे देशों के लिए भी विमान सेवा उपलब्ध है। मैसूर  एवं गुलबर्गा, बीजापुर, हासन  एवं शिमोगा में इस वर्ष के अंत तक हवाई सेवाएं उपलब्ध होने की उम्मीद है।
*कर्नाटक में हवाई अडडे बैंगलोर,मैंगलोर, हुबली, [[बेलगांव कर्नाटक|बेलगांव]], हंपी  एवं बेलारी में उपलब्ध हैं जिनमें, बैंगलोर हवाई पट्टी से दूसरे देशों के लिए भी विमान सेवा उपलब्ध है। मैसूर  एवं गुलबर्गा, बीजापुर, हासन  एवं शिमोगा में इस वर्ष के अंत तक हवाई सेवाएं उपलब्ध होने की उम्मीद है।
[[चित्र:Chitradurga-Fort-Karnataka-4.jpg|thumb|250px|left|[[चित्रदुर्ग क़िला]], कर्नाटक<br /> Chitradurga Fort, Karnataka]]
*कर्नाटक मे 11 बंदरगाह हैं, जिसमे नवीन मैंगलोर बंदरगाह शामिल है जो एक मुख्य बंदरगाह है।
*कर्नाटक मे 11 बंदरगाह हैं, जिसमे नवीन मैंगलोर बंदरगाह शामिल है जो एक मुख्य बंदरगाह है।
*कर्नाटक मे राष्ट्रीय और राजकीय राजमार्गों की कुल दूरी क्रमश: 3973 किलोमीटर और 9829 किलोमीटर है।
*कर्नाटक मे राष्ट्रीय और राजकीय राजमार्गों की कुल दूरी क्रमश: 3973 किलोमीटर और 9829 किलोमीटर है।
==सडकें==  
====<u>सडकें</u>====
[[चित्र:Virupaksha-Temple-Hampi.jpg|thumb|250px|वीरूपाक्ष मंदिर, [[हम्पी]]<br />Virupaksha Temple, Hampi]]
*कनार्टक में  1971 में 83,749 कि.मी. लम्बी सड़कें थी जो  2007 में बढ़कर 2,15,849 कि.मी. हो गई।  
*कनार्टक में  1971 में 83,749 कि.मी. लम्बी सड़कें थी जो  2007 में बढ़कर 2,15,849 कि.मी. हो गई।  
*'कर्नाटक राजमार्ग सुधार परियोजना' में विश्व बैंक की मदद से 2,375 कि.मी. सड़क को उन्नत करने की योजना है जिसमें 900 कि.मी. का  विकास तथा 1475 कि.मी. का पुन: र्निमाण योजित है। इसमें प्रांतीय राजमार्ग और ज़िला सड़कें शामिल हैं। इस पर  लगभग 2,402.51 करोड़ रुपए खर्च होंगे। यह मदद सड़कों और पुलों के निर्माण और विकास के लिए ग्रामीण  
*'कर्नाटक राजमार्ग सुधार परियोजना' में विश्व बैंक की मदद से 2,375 कि.मी. सड़क को उन्नत करने की योजना है जिसमें 900 कि.मी. का  विकास तथा 1475 कि.मी. का पुन: र्निमाण योजित है। इसमें प्रांतीय राजमार्ग और ज़िला सड़कें शामिल हैं। इस पर  लगभग 2,402.51 करोड़ रुपए खर्च होंगे। यह मदद सड़कों और पुलों के निर्माण और विकास के लिए ग्रामीण  
विकास निधि के अंतर्गत की जा रही है।
विकास निधि के अंतर्गत की जा रही है।
==बंदरगाह==
====<u>बंदरगाह</u>====  
[[चित्र:Sringeri Sharada Peeth.jpg|thumb|250px|श्रृंगेरी पीठ, शारदा, कर्नाटक<br />Sringeri Peeth, Sharada, Karnataka]]
कनार्टक राज्य में 155 समुद्री मील लगभग 300 कि.मी लंबे समुद्र तट पर केवल एक ही बड़ा बंदरगाह है - मंगलौर या न्यू मंगलौर। इसके अतिरिक्त 10 छोटे बंदरगाह है-  
कनार्टक राज्य में 155 समुद्री मील लगभग 300 कि.मी लंबे समुद्र तट पर केवल एक ही बड़ा बंदरगाह है - मंगलौर या न्यू मंगलौर। इसके अतिरिक्त 10 छोटे बंदरगाह है-  
#कारवाड,  
#कारवाड,  
#बेलेकेरी,  
#बेलेकेरी,  
[[चित्र:Chitradurga-Fort-Karnataka-4.jpg|thumb|250px|left|[[चित्रदुर्ग क़िला]], कर्नाटक<br /> Chitradurga Fort, Karnataka]]
#ताद्री,  
#ताद्री,  
#भत्काल,  
#भत्काल,  
Line 105: Line 105:
#होन्नावर और  
#होन्नावर और  
#पुराना मंगलौर।  
#पुराना मंगलौर।  
[[चित्र:Karnataka-High-Court.jpg|thumb|left|उच्च न्यायालय, कर्नाटक<br />High Court, Karnataka]]
*इन 10 बंदरगाहों में से केवल कावाड़ हर मौसम के लिए उपयुक्त है जबकि शेष नौ बंदरगाहों ऐसे नहीं है। इन बंदरगाहों से 2006-07 में मालवाहक जहाजों के द्वारा 6573 हज़ार टन माल ढोया गया।
*इन 10 बंदरगाहों में से केवल कावाड़ हर मौसम के लिए उपयुक्त है जबकि शेष नौ बंदरगाहों ऐसे नहीं है। इन बंदरगाहों से 2006-07 में मालवाहक जहाजों के द्वारा 6573 हज़ार टन माल ढोया गया।


==उडड्यन==
====<u>उडड्यन</u>====
[[चित्र:Hampi-Karnataka-2.jpg|thumb|250px|हम्पी, कर्नाटक<br /> Hampi, Karnataka]]
*नागरिक उड्डयन के क्षेत्र में बहुत विकास और वृध्दि हुई है।  
*नागरिक उड्डयन के क्षेत्र में बहुत विकास और वृध्दि हुई है।  
*2006-07 में अंतरराष्ट्रीय यात्रियों में 50 प्रतिशत और अंतर्देशीय यात्रियों में 44 प्रतिशत की वृद्धि हुई।  
*2006-07 में अंतरराष्ट्रीय यात्रियों में 50 प्रतिशत और अंतर्देशीय यात्रियों में 44 प्रतिशत की वृद्धि हुई।  
Line 114: Line 114:
*'''बैंगलोर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा''' देश का पहला हरे-भरे मैदान वाला अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है, यह बैंगलोर के पास देवनहल्ली में बनाया गया है। यात्री और मालवाहक हवाई जहाजों के लिए बनाये गये हवाई अड्डे की लागत लगभग 2000 करोड़ रुपए की है। यह हवाई अड्डा 28 मई 2008 से शुरू हो गया है। इस हवाई अड्डे के कारण से बैंगलोर शहर विश्व के लिए सरल गंतव्य बन गया है और यहाँ पर सुविधाएं  सर्वोत्तम अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार हैं। सरकार ने  शिमोगा और गुलबर्गा में हवाई अड्डे विकसित करने की योजना बनाई है।
*'''बैंगलोर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा''' देश का पहला हरे-भरे मैदान वाला अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है, यह बैंगलोर के पास देवनहल्ली में बनाया गया है। यात्री और मालवाहक हवाई जहाजों के लिए बनाये गये हवाई अड्डे की लागत लगभग 2000 करोड़ रुपए की है। यह हवाई अड्डा 28 मई 2008 से शुरू हो गया है। इस हवाई अड्डे के कारण से बैंगलोर शहर विश्व के लिए सरल गंतव्य बन गया है और यहाँ पर सुविधाएं  सर्वोत्तम अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार हैं। सरकार ने  शिमोगा और गुलबर्गा में हवाई अड्डे विकसित करने की योजना बनाई है।
==पर्यटन स्थल==
==पर्यटन स्थल==
[[चित्र:Chamundeshwari Temple-Mysore.jpg|thumb|चामुंडेश्वरी मंदिर, [[चामुंडी पहाड़ी]], [[मैसूर]]]]
*‘एक राज्य - कई दुनियां’ के रूप में जाना जाने वाला कर्नाटक राज्य दक्षिण [[भारत]] का प्रमुख पर्यटन केंद्र बनता जा रहा है।  
*‘एक राज्य - कई दुनियां’ के रूप में जाना जाने वाला कर्नाटक राज्य दक्षिण [[भारत]] का प्रमुख पर्यटन केंद्र बनता जा रहा है।  
*सूचना प्रौद्योगिकी और जैव प्रौद्योगिकी के केंद्र कनार्टक में हाल ही में बहुत से पर्यटक आते हैं।  
*सूचना प्रौद्योगिकी और जैव प्रौद्योगिकी के केंद्र कनार्टक में हाल ही में बहुत से पर्यटक आते हैं।  
[[चित्र:Mysore-Palace-1.jpg|thumb|250px|left|मैसूर का [[महाराजा पैलेस मैसूर|महाराजा पैलेस]], [[मैसूर]]<br /> Mysore's Maharaja Palace, Mysore]]
*2005-06 की तुलना में 2006-07 में पर्यटकों की संख्या में 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह राज्य अपने स्मारकों की विरासत और प्राकृतिक पर्यटन के रूप में प्रसिद्ध है।
*2005-06 की तुलना में 2006-07 में पर्यटकों की संख्या में 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह राज्य अपने स्मारकों की विरासत और प्राकृतिक पर्यटन के रूप में प्रसिद्ध है।
*'स्वर्ण रथ', जिसका नाम दक्षिण [[भारत]] की विश्व धरोहर 'हंपी' के प्रस्तर रथ के नाम पर रखा गया है, प्राचीन धरोहरों, भव्य महलों, वन्यजीवन और सुनहरे समुद्र-तटों के बीच भ्रमण करेगा। मैसूर में श्रीरंगपटन, मैसूर के महल, नगरहोल राष्ट्रीय पार्क (कबीनी) की सैर कराते हुए 11वीं शताब्दी के 'होयसाला स्थापत्य' और विश्व धरोहर 'श्रवणबेल गोला, [[बेलूर कर्नाटक|बेलूर]], हलेबिड, हंपी' से होते हुए बदामी, पट्टाकल व ऐहोल की त्रिकोणीय धरोहर से होते हुए गोवा के सुनहरे समुद्र-तटों का अवलोकन कराते हुए अंत में यह बैंगलोर वापस आएगा।
*'स्वर्ण रथ', जिसका नाम दक्षिण [[भारत]] की विश्व धरोहर 'हंपी' के प्रस्तर रथ के नाम पर रखा गया है, प्राचीन धरोहरों, भव्य महलों, वन्यजीवन और सुनहरे समुद्र-तटों के बीच भ्रमण करेगा। मैसूर में श्रीरंगपटन, मैसूर के महल, नगरहोल राष्ट्रीय पार्क (कबीनी) की सैर कराते हुए 11वीं शताब्दी के 'होयसाला स्थापत्य' और विश्व धरोहर 'श्रवणबेल गोला, [[बेलूर कर्नाटक|बेलूर]], हलेबिड, हंपी' से होते हुए बदामी, पट्टाकल व ऐहोल की त्रिकोणीय धरोहर से होते हुए गोवा के सुनहरे समुद्र-तटों का अवलोकन कराते हुए अंत में यह बैंगलोर वापस आएगा।
Line 124: Line 124:
{{मुख्य|संगनकल्लू}}
{{मुख्य|संगनकल्लू}}
कर्नाटक के बेलारी ज़िले में स्थित संगनकल्लू से नव- पाषाणयुगीन तथा ताम्र- पाषाणयुगीन संस्कृतियों के प्रमाण मिले हैं। [[1872]] ई. में इस स्थल से घर्षित पाषाण कुल्हाड़ियाँ प्राप्त हुई हैं। [[1884]] ई. में इस स्थल के नजदीक एक पहाड़ी पर शैल चित्र तथा उकेरी गई मानव, हस्ति, वृषभ, पक्षी तथा तारों की आकृतियों की खोज की गई। इस क्षेत्र में दो राखी-ढेरियाँ पाई गई हैं। प्रथम राखी ढेरी के उत्खनन में तीन चरण अनावृत्त किए हैं।
कर्नाटक के बेलारी ज़िले में स्थित संगनकल्लू से नव- पाषाणयुगीन तथा ताम्र- पाषाणयुगीन संस्कृतियों के प्रमाण मिले हैं। [[1872]] ई. में इस स्थल से घर्षित पाषाण कुल्हाड़ियाँ प्राप्त हुई हैं। [[1884]] ई. में इस स्थल के नजदीक एक पहाड़ी पर शैल चित्र तथा उकेरी गई मानव, हस्ति, वृषभ, पक्षी तथा तारों की आकृतियों की खोज की गई। इस क्षेत्र में दो राखी-ढेरियाँ पाई गई हैं। प्रथम राखी ढेरी के उत्खनन में तीन चरण अनावृत्त किए हैं।
[[चित्र:Virupaksha-Temple-Hampi.jpg|thumb|250px|left|वीरूपाक्ष मंदिर, [[हम्पी]]<br />Virupaksha Temple, Hampi]]
====<u>नंजनगूड</u>====
====<u>नंजनगूड</u>====
{{मुख्य|नंजनगूड}}
{{मुख्य|नंजनगूड}}
नंजनगूड प्राचीन तीर्थनगर कर्नाटक में [[कावेरी नदी|कावेरी]] की सहायक [[काबिनी नदी]] के तट पर [[मैसूर]] से 26 किमी. दक्षिण में स्थित है। यह नगर 10वीं और 11वीं शताब्दी में [[गंग वंश|गंग]] [[चोल वंश]] के समय से ही विख्यात रहा है। इस नगर में श्रीकांतेश्वर नंजुनदेश्वर ([[शिव]]) को समर्पित एक प्रसिद्ध मन्दिर है। सम्भवतः यह कर्नाटक का सबसे बड़ा मन्दिर है।
नंजनगूड प्राचीन तीर्थनगर कर्नाटक में [[कावेरी नदी|कावेरी]] की सहायक [[काबिनी नदी]] के तट पर [[मैसूर]] से 26 किमी. दक्षिण में स्थित है। यह नगर 10वीं और 11वीं शताब्दी में [[गंग वंश|गंग]] [[चोल वंश]] के समय से ही विख्यात रहा है। इस नगर में श्रीकांतेश्वर नंजुनदेश्वर ([[शिव]]) को समर्पित एक प्रसिद्ध मन्दिर है। सम्भवतः यह कर्नाटक का सबसे बड़ा मन्दिर है।
 
====<u>हम्पी</u>====
{{मुख्य|हम्पी}}
'''यूनेस्को की विश्व विरासत''' की सूची में शामिल हम्‍पी [[भारत]] का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। [[2002]] में भारत सरकार ने इसे प्रमुख पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित करने की घोषणा की थी। हम्पी में स्थित दर्शनीय स्थलों में सम्मिलित हैं- विरूपाक्ष मन्दिर, रघुनाथ मन्दिर, नरसिंह मंन्दिर, सुग्रीव गुफा, विठाला मन्दिर, कृष्ण मन्दिर, प्रसन्ना विरूपक्ष, हजार राम मन्दिर, कमल महल तथा महानवमी डिब्बा आदि। 
==नई योजनाएं और उपलब्धियां==
==नई योजनाएं और उपलब्धियां==
 
[[चित्र:Stone-Chariot-Hampi-Karnataka-1.jpg|thumb|250px|पत्थर के रथ, कर्नाटक<br /> Stone Chariot, Karnataka]]
'''ई-गवर्नेंस'''
;<u>ई-गवर्नेंस</u>
[[चित्र:Vijaya-Vittala-Temple-Karnataka-1.jpg|thumb|250px|विजय विठल्ला मन्दिर, कर्नाटक<br />Vijaya Vittala Temple, Karnataka]]
भूमि के कागज़ात की ऑन लाइन डिलीवरी योजना 2000 में शुरू हुई और 200 लाख कागज़ात की डिजिटलीकरण कर दिया गया है तथा ऑनलाइन म्यूटेशन की प्रक्रिया से तालुक स्तर पर कियोस्क में आर. टी. सी. को आसानी से उपलब्ध कराया जा रहा है, जिनकी स्थापना इस प्रयोजन के लिए विशेष रूप से की गई है। अब यह निर्णय लिया गया है कि मौजूदा सॉफ्टवेयर का उन्नयन किया जाए ताकि नए विशेषताओं और तकनीकी आधार को सुदृढ़ बनाया जा सके। नए भूमि सॉफ्टवेयर में सभी मौजूदा विशेषताओं को शामिल किया जाएगा जैसे कि कावेरी कार्यक्रमों, बैंकों, कचहरियों को जोड़ा जाएगा और इसमें नई विशेषताएं होंगी जैसे कि भूमि अधिग्रहण के मामलों को जोड़ना, गैर कृषि भूमि का दाख़िला ख़ारिज़ करना।
भूमि के कागज़ात की ऑन लाइन डिलीवरी योजना 2000 में शुरू हुई और 200 लाख कागज़ात की डिजिटलीकरण कर दिया गया है तथा ऑनलाइन म्यूटेशन की प्रक्रिया से तालुक स्तर पर कियोस्क में आर. टी. सी. को आसानी से उपलब्ध कराया जा रहा है, जिनकी स्थापना इस प्रयोजन के लिए विशेष रूप से की गई है। अब यह निर्णय लिया गया है कि मौजूदा सॉफ्टवेयर का उन्नयन किया जाए ताकि नए विशेषताओं और तकनीकी आधार को सुदृढ़ बनाया जा सके। नए भूमि सॉफ्टवेयर में सभी मौजूदा विशेषताओं को शामिल किया जाएगा जैसे कि कावेरी कार्यक्रमों, बैंकों, कचहरियों को जोड़ा जाएगा और इसमें नई विशेषताएं होंगी जैसे कि भूमि अधिग्रहण के मामलों को जोड़ना, गैर कृषि भूमि का दाख़िला ख़ारिज़ करना।


इसके अलावा ई-गवर्नेंस ने ‘बैंगलोर एक कार्यक्रम’ शुरू किया है, जो बहुसेवा केंद्र है जहां लोग बिजली, टेलीफ़ोन आदि के बिल जमा कर सकते हैं और एक ही जगह 25 अन्य सेवाओं का उपयोग कर सकते है। इसने ‘नेम्मादी’ नामक कार्यक्रम शुरू किया है। इसके अंतर्गत 765 ऐसे टेलीसेंटर हैं जहां आय, जन्म और मृत्यु के प्रमाण पत्र प्राप्त किए जा सकते हैं। इसके अलावा मानव संसाधन प्रबंधन सेवा भी विकसित की गई है, जो सभी विभागों की केन्द्रीय पहलों और सर्वाधिक सामान्य कार्यों के रूप में कार्य करती है।
इसके अलावा ई-गवर्नेंस ने ‘बैंगलोर एक कार्यक्रम’ शुरू किया है, जो बहुसेवा केंद्र है जहां लोग बिजली, टेलीफ़ोन आदि के बिल जमा कर सकते हैं और एक ही जगह 25 अन्य सेवाओं का उपयोग कर सकते है। इसने ‘नेम्मादी’ नामक कार्यक्रम शुरू किया है। इसके अंतर्गत 765 ऐसे टेलीसेंटर हैं जहां आय, जन्म और मृत्यु के प्रमाण पत्र प्राप्त किए जा सकते हैं। इसके अलावा मानव संसाधन प्रबंधन सेवा भी विकसित की गई है, जो सभी विभागों की केन्द्रीय पहलों और सर्वाधिक सामान्य कार्यों के रूप में कार्य करती है।
[[चित्र:Chennakeshava-Temple-Karnataka-1.jpg|thumb|left|220px|चेन्नाकेशव मन्दिर, कर्नाटक<br /> Chennakeshava Temple, Karnataka]]
[[चित्र:Bangalore-Palace.jpg|thumb|250px|left|[[बंगलोर पैलेस बंगलोर|बंगलोर पैलेस]], [[बंगलोर]]<br /> Bangalore Palace, Bangalore]]  
'''भाग्यलक्ष्मी'''
;<u>भाग्यलक्ष्मी</u>
 
स्त्री-पुरुष अनुपात को संतुलित करने और ग़रीब परिवारों को नैतिक संबल प्रदान करने के लिए कर्नाटक सरकार ने ‘भाग्यलक्ष्मी’ योजना शुरू की है। यह दो लड़कियों तक सीमित है और ग़रीबी रेखा से नीचे रह रहे सभी परिवारों के लिए है। लड़की के जन्म के समय उसके नाम से 10,000 रुपए जमा किए जाएंगे और ब्याज सहित 18 वर्ष पूरा हो जाने पर दिए जाएंगे।  
स्त्री-पुरुष अनुपात को संतुलित करने और ग़रीब परिवारों को नैतिक संबल प्रदान करने के लिए कर्नाटक सरकार ने ‘भाग्यलक्ष्मी’ योजना शुरू की है। यह दो लड़कियों तक सीमित है और ग़रीबी रेखा से नीचे रह रहे सभी परिवारों के लिए है। लड़की के जन्म के समय उसके नाम से 10,000 रुपए जमा किए जाएंगे और ब्याज सहित 18 वर्ष पूरा हो जाने पर दिए जाएंगे।  
*2007-08 के दौरान 1.31 लाख परिवारों के लिए 132.42 करोड़ रुपए जारी किए गए।  
*2007-08 के दौरान 1.31 लाख परिवारों के लिए 132.42 करोड़ रुपए जारी किए गए।  
*मुख्यमंत्री द्वारा प्रस्तुत 2008-09 के बजट में दी जाने वाली राशि को बढ़ाकर 1 लाख कर दिया गया है और इसके लिए 266.65 करोड़ रुपए निर्धारित किए गए हैं।
*मुख्यमंत्री द्वारा प्रस्तुत 2008-09 के बजट में दी जाने वाली राशि को बढ़ाकर 1 लाख कर दिया गया है और इसके लिए 266.65 करोड़ रुपए निर्धारित किए गए हैं।
 
;<u>मदीलु</u>
'''मदीलु'''
[[चित्र:Chennakeshava-Temple-Karnataka-1.jpg|thumb|चेन्नाकेशव मन्दिर, कर्नाटक<br /> Chennakeshava Temple, Karnataka]]
[[चित्र:Stone-Chariot-Hampi-Karnataka-1.jpg|thumb|250px|पत्थर के रथ, कर्नाटक<br /> Stone Chariot, Karnataka]]
यह एक अन्य योजना है जो मां और शिशु के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए बनाई गई है। इसके तहत प्रसव के बाद मां और शिशु की ज़रूरत का सामान दिया जाता है। यह सुविधा ग़रीबी रेखा से नीचे रह रहे सभी परिवारों के लिए है।  
यह एक अन्य योजना है जो मां और शिशु के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए बनाई गई है। इसके तहत प्रसव के बाद मां और शिशु की ज़रूरत का सामान दिया जाता है। यह सुविधा ग़रीबी रेखा से नीचे रह रहे सभी परिवारों के लिए है।  
*2007-08 के दौरान इससे लगभग 1.50 लाख परिवारों को लाभ पहुंचा है।  
*2007-08 के दौरान इससे लगभग 1.50 लाख परिवारों को लाभ पहुंचा है।  
Line 149: Line 149:
*2007-08 में यह संख्या 67.97 प्रतिशत रही।
*2007-08 में यह संख्या 67.97 प्रतिशत रही।


'''भाग्यरथ'''
;<u>भाग्यरथ</u>
 
शिक्षा के लिए बेहतर पहुंच और इसे जारी रखने के लिए राज्य सरकार ने यह योजना प्रारम्भ की है। इसके तहत सरकार और अनुदान प्राप्त स्कूलों में आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले लड़के और लड़कियों को साइकिलें दी जाएंगी।  
शिक्षा के लिए बेहतर पहुंच और इसे जारी रखने के लिए राज्य सरकार ने यह योजना प्रारम्भ की है। इसके तहत सरकार और अनुदान प्राप्त स्कूलों में आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले लड़के और लड़कियों को साइकिलें दी जाएंगी।  
*2007-08 में ग़रीबी रेखा से नीचे रह रहे परिवारों की 1.75 लाख लड़कियों और 2.33 लड़कों को साइकिलें बांटी गई।  
*2007-08 में ग़रीबी रेखा से नीचे रह रहे परिवारों की 1.75 लाख लड़कियों और 2.33 लड़कों को साइकिलें बांटी गई।  
Line 159: Line 158:
|आधार=
|आधार=
|प्रारम्भिक=
|प्रारम्भिक=
|माध्यमिक=माध्यमिक2
|माध्यमिक=माध्यमिक1
|पूर्णता=
|पूर्णता=
|शोध=
|शोध=
Line 165: Line 164:


==वीथिका==
==वीथिका==
<gallery>
<gallery perrow="3" widths="200">
चित्र:Chitradurga-Fort-Karnataka-2.jpg|[[चित्रदुर्ग क़िला]], कर्नाटक<br /> Chitradurga Fort, Karnataka
चित्र:Chitradurga-Fort-Karnataka-2.jpg|[[चित्रदुर्ग क़िला]], कर्नाटक  
चित्र:Hiriyur-Dam.jpg|हिरियुर बांध, कर्नाटक<br />Hiriyur Dam, Karnataka
चित्र:Hiriyur-Dam.jpg|हिरियुर बांध, कर्नाटक  
चित्र:Hiriyur-Dam-4.jpg|हिरियुर बांध, कर्नाटक<br />Hiriyur Dam, Karnataka
चित्र:Hampi-Karnataka-1.jpg|[[हम्पी]], कर्नाटक  
चित्र:Hampi-Karnataka-1.jpg|हम्पी, कर्नाटक<br /> Hampi, Karnataka
चित्र:Hiriyur-Dam-4.jpg|हिरियुर बांध, कर्नाटक  
चित्र:Madakari-Nayak-Chitradurga-6.jpg|मदाकरी नायक प्रतिमा, [[चित्रदुर्ग क़िला]], कर्नाटक <br />Madakar Nayak Statue, Chitradurga Fort, Karnataka
चित्र:Madakari-Nayak-Chitradurga-6.jpg|मदाकरी नायक प्रतिमा, [[चित्रदुर्ग क़िला]], कर्नाटक
चित्र:Chitradurga-5.jpg|[[चित्रदुर्ग क़िला]] प्रवेश द्वार, कर्नाटक<br /> Chitradurga Fort, Karnataka
चित्र:Chitradurga-5.jpg|[[चित्रदुर्ग क़िला]] प्रवेश द्वार, कर्नाटक  
चित्र:Chitradurga-Fort-Karnataka.jpg|[[चित्रदुर्ग क़िला]], कर्नाटक<br /> Chitradurga Fort, Karnataka
चित्र:Vijaya-Vittala-Temple-Karnataka-1.jpg|विजय विठल्ला मन्दिर, कर्नाटक
चित्र:Chitradurga-Fort-Karnataka-3.jpg|[[चित्रदुर्ग क़िला]], कर्नाटक<br /> Chitradurga Fort, Karnataka
चित्र:Chitradurga-Fort-Karnataka.jpg|[[चित्रदुर्ग क़िला]], कर्नाटक  
चित्र:Hiriyur-Dam-2.jpg|हिरियुर बांध, कर्नाटक<br />Hiriyur Dam, Karnataka
चित्र:Chitradurga-Fort-Karnataka-3.jpg|[[चित्रदुर्ग क़िला]], कर्नाटक  
चित्र:Hiriyur-Dam-3.jpg|हिरियुर बांध, कर्नाटक<br />Hiriyur Dam, Karnataka
चित्र:Hiriyur-Dam-2.jpg|हिरियुर बांध, कर्नाटक  
 
चित्र:Hiriyur-Dam-3.jpg|हिरियुर बांध, कर्नाटक  
चित्र:Hampi-Karnataka-2.jpg|[[हम्पी]], कर्नाटक
</gallery>
</gallery>



Revision as of 05:37, 22 January 2011

कर्नाटक
राजधानी बंगलोर
राजभाषा(एँ) कन्नड़ भाषा, तुळु भाषा, कोंकणी भाषा
स्थापना 1956/11/01
जनसंख्या 52850562
· घनत्व 714 /वर्ग किमी
क्षेत्रफल 191976
भौगोलिक निर्देशांक 12°58′13″N 77°33′37″E
जलवायु उष्णकटिबंधीय
· ग्रीष्म 40 °C
· शरद 6 °C
ज़िले 29
सबसे बड़ा नगर बंगलोर
मुख्य ऐतिहासिक स्थल मैसूर
मुख्य पर्यटन स्थल बैंगलोर, मैसूर
लिंग अनुपात 1000:965 ♂/♀
साक्षरता 66.60%
· स्त्री 56.9%
· पुरुष 76.1%
राज्यपाल हंसराज भारद्वाज
मुख्यमंत्री वी एस येदियुरप्पा
विधानसभा सदस्य 224
विधान परिषद सदस्य 75
राज्यसभा सदस्य 12
बाहरी कड़ियाँ अधिकारिक वेबसाइट
अद्यतन‎

दक्षिण भारत मे स्थित कर्नाटक भारत के बड़े राज्यों मे से एक है। इस राज्य में अनेक इन्जीनियरिंग (अभियांत्रिकी) और मेडिकल (आयुर्विज्ञान) कॉलेज हैं। कर्नाटक के उत्तर में महाराष्ट्र, दक्षिण में केरल, दक्षिण-पूर्व में तमिलनाडु तथा पूर्व में आंध्र प्रदेश राज्य हैं। इसके पश्चिम में अरब सागर है। कन्नड़ यहाँ की मुख्य भाषा है। तुळु और कोंकणी भाषा भी बोली जाती हैं।

इतिहास और भूगोल

कर्नाटक राज्य का लगभग 2,000 वर्ष का लिखित इतिहास उपलब्ध है। कर्नाटक पर नंद, मौर्य और सातवाहन नामक राजाओं का शासन रहा। चौथी शताब्दी के मध्य से इसी क्षेत्र के राजवंशों बनवासी के कदंब तथा गंगों का अधिकार रहा। श्रवणबेलगोला में गोमतेश्वर की विशाल प्रतिमा गंग वंश के मंत्री चामुंडराया ने बनवायी थी, जो विश्व प्रसिद्ध है। बादामी के चालुक्य वंश (500-735 ई. तक) ने नर्मदा से कावेरी तक के विशाल भूभाग पर राज किया और पुलिकेशी द्वितीय (609-642 ई.) ने कन्नौज के शाक्तिशाली राजा हर्षवर्धन को हराया था। इस राजवंश ने बादामी, ऐहोल और पट्टादकल में अनेक सुंदर कलात्मक तथा कालजयी स्मारकों का निर्माण कराया था। इसमें कुछ मंदिर चट्टानों को तराशकर बनाए गए है। एहोल के मंदिर में वास्तुकला का विकास हुआ। [[चित्र:Vidhan-Soudha-Bangalore.jpg|thumb|250px|left|विधान सौध, बेंगळूरू
Vidhan Soudha, Bangalore]] चालुक्यों के स्थान पर बाद में मलखेड़ के राष्ट्रकूटों ने (753-973 ई.) कन्नौज के वैभवशाली समय में भी वसूल किया। इसी समय कन्न्ड़ साहित्य का विकास प्रारम्भ हुआ। भारत के प्रमुख जैन विद्वान यहाँ के राजाओं के दरबार की शोभा थे। कल्याण के चालुक्य राजा (973-1189 ई.) और उनके बाद हलेबिड के होयसाल शासकों ने कलात्मक मंदिरों का निर्माण करवाया। ललित कलाओं और साहित्य को बढावा दिया। विजयनगर साम्राज्य (1336-1646 ई.) ने इन्हीं परपंराओं का पालन करते हुए कला, धर्म, संस्कृत, कन्न्ड़, तेलुगु और तमिल साहित्य को बढावा दिया। उनके समय में व्यापार का भी बहुत विस्तार हुआ।

बहमनी सुल्तानों और बीजापुर के आदिलशाहों ने सारासानी शैली में विशाल भवनों का निर्माण कराया। उर्दू, फ़ारसी के साहित्य की रचना इसी समय में हुई। इसके बाद पुर्तग़ाली अपने साथ नई फ़सलें जैसे- तंबाकू, मक्का, मिर्च, मूंगफली, आलू आदि लेकर आये और इनकी खेती प्रारम्भ हुई। पेशवा (1818) और टीपू सुल्तान (1799) की पराजय के बाद कर्नाटक ब्रिटिश शासन के अधीन हो गया। 19वीं शताब्दी में ईसाई मिशनरियों के कारण अंग्रेज़ी की शिक्षा, परिवहन, संचार और उद्योग में क्रान्तिकारी बदलाव आया और नगरों में मध्यम वर्ग का पनपना प्रारम्भ हुआ।

मैसूर राजवंश ने विकास की पहल की और औद्योगिकीकरण तथा सांस्कृतिक वृद्धि के लिए इन्हें अपनाया। आजादी की लड़ाई के समय कर्नाटक में एकता का अभियान चलाया गया। स्वतंत्रता मिलने पर 1953 में मैसूर राज्य का निर्माण हुआ, जिसमें कन्नड बहुल क्षेत्रों को साथ लेकर मैसूर राज्य का निर्माण 1956 में किया गया और इसे 1973 में कर्नाटक का नाम दिया गया। विजयनगर साम्राज्य के विघटन के दौरान अनेक हिन्दू जागीरदारों ने अपने स्वतन्त्र राज्य क़ायम कर लिये थे। इसी प्रकार का एक छोटा राज्य इक्केरी (बेदनूर) भी था। जो कि कर्नाटक के अंतर्गत आता है। रायचूर शहर, पूर्वी कर्नाटक (भूतपूर्व मैसूर) राज्य, दक्षिण-पश्चिमी भारत में स्थित है।

वन और वन्य जीवन

वन विभाग के पास राज्य के 20.15 प्रतिशत भौगोलिक क्षेत्र का प्रबंधन है। वनों का वर्गीकरण इस प्रकार किया गया है- [[चित्र:Mysore-Palace-1.jpg|thumb|250px|left|मैसूर का महाराजा पैलेस, मैसूर
Mysore's Maharaja Palace, Mysore]]

  1. सुरक्षित वन,
  2. संरक्षित वन,
  3. अवर्गीकृत वन,
  4. ग्रामीण वन और
  5. निजी वन।
  • यहाँ 5 राष्ट्रीय पार्क और 23 वन्य जीव अभयारण्य है।
  • ईंधन की लकड़ी, चारा और इमारती लकड़ी के लिए जंगलों को विकसित किया जा रहा है।
  • प्रोजेक्ट टाइगर और प्रोजेक्ट एलीफेंट जैसी अनेक योजनाएं केंद्रीय सहायता से लागू की जा रही हैं।
  • विदेशी सहायता से अनेक वन परियोजनाएं शुरू की गई हैं।
  • जापान बैंक फॉर इंटरनेशनल कोऑपरेशन से कर्नाटक के लिए फारेस्ट मैनेजमेंट और बायो-डार्यवर्सिटी परियोजना चल रही है और यह पूरे राज्य कर्नाटक में 2005 - 06 से 2012 - 13 तक लागू करने की योजना है।

कृषि

[[चित्र:Vidyashankara Temple shrangeri.jpg|thumb|250px|विद्याशंकर मंदिर, श्रृंगेरी पीठ, कर्नाटक
Vidyashankara Temple, Shrangeri Peeth, Karnataka]] कनार्टक राज्य में लगभग 66 प्रतिशत जनसंख्या ग्रामीण है और 55.60 प्रतिशत जनता कृषि और इससे जुडे रोज़गारों में लगी है। राज्य की 60 प्रतिशत, लगभग 114 लाख हेक्टेयर भूमि कृषि योग्य है। कुल कृषि योग्य भूमि के 72 प्रतिशत भाग में अच्छी वर्षा होती है, बाक़ी लगभग 28 प्रतिशत भूमि में सिंचाई की व्यवस्था है। राज्य में 10 प्रतिशत कृषि मौसमी क्षेत्र हैं। यहाँ की प्रमुख मिट्टी लाल मिट्टी है, फिर दूसरे स्थान पर काली मिट्टी है। आज्य की कुल भूमि का 51.7 प्रतिशत भाग राज्य का बुआई क्षेत्र है। वर्ष 2007-08 में लगभग 117.35 लाख टन खाद्यान्न का उत्पादन हुआ है।

दुग्ध उत्पादन

  • कर्नाटक देश के प्रमुख दुग्ध उत्पादक राज्यों में से एक है।
  • कर्नाटक मिल्क फेडरेशन के पास 21 प्रसंस्करण संयंत्र हैं जिनकी क्षमता लगभग 26.45 लाख लीटर प्रतिदिन है।
  • 42 प्रतिशत दुग्ध केंद्रों की क्षमता 14.60 लाख लीटर प्रतिदिन है।

[[चित्र:Statue-Shiva-Bangalore.jpg|thumb|left|भगवान शिव की मूर्ति, बेंगळूरू]]

बागवानी

  • राज्य के 16.30 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बागवानी होती है।
  • इसमें 101 लाख मी. टन उत्पादन होता है।
  • केंद्र सरकार ने ‘राष्ट्रीय बागवानी मिशन’ के अंतर्गत 171.29 करोड़ रुपए का निवेश किया है।

सिंचाई योजनाएँ

  • कर्नाटक राज्य में 28 प्रतिशत कृषि योग्य क्षेत्र में सिंचाई होती है।
  • 2006-07 के दौरान कुल 33.14 लाख हेक्टयेर भूमि की सिंचाई क्षमता थी जिसमें से 23.21 लाख हेक्टेयर बड़ी और 9.93 लाख हेक्टेयर लघु सिंचाई परियोजनाएं शामिल हैं।

बिजली उत्पादन

  • कर्नाटक देश का पहला ऐसा राज्य है जहां पनबिजली संयंत्र स्थापित किए गए थे।
  • आज कर्नाटक की सकल बिजली उत्पादन की क्षमता 7222.91 है।
  • 2007-08 में 31229 करोड़ यूनिट बिजली का उत्पादन हुआ।

सूचना प्रौद्योगिकी

कनार्टक सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अतुलनीय है।

  • 2006-07 में यहाँ से 48700 करोड़ रुपए के सॉफ्टवेयर का निर्यात हुआ था।
  • 2007-08 में नवंबर, 2007 तक 24,450 करोड़ रुपए का निर्यात हो चुका था।
  • नैसकॉम की ताजा रिपोर्ट के अनुसार मैंगलौर और मैसूर सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अधिक गति से उन्नति कर रहे है।

जैव प्रौद्योगिकी

  • कनार्टक राज्य और विशेषकर बैंगलोर शहर देश का सबसे बड़ा जैव भंडार है।
  • 2006-07 के दौरान एस एल एल डब्ल्यूए ने तीन परियोजनाएं स्वीकृत की हैं, जिन पर 535.50 करोड़ रुपए का निवेश होगा।
  • जैव प्रौद्योगिकी का निर्यात 21.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर रहा।

परिवहन

  • कर्नाटक मे रेलवे के नेटवर्क की कुल लंबाई लगभग 3089 किलोमीटर है।
  • कर्नाटक में हवाई अडडे बैंगलोर,मैंगलोर, हुबली, बेलगांव, हंपी एवं बेलारी में उपलब्ध हैं जिनमें, बैंगलोर हवाई पट्टी से दूसरे देशों के लिए भी विमान सेवा उपलब्ध है। मैसूर एवं गुलबर्गा, बीजापुर, हासन एवं शिमोगा में इस वर्ष के अंत तक हवाई सेवाएं उपलब्ध होने की उम्मीद है।

[[चित्र:Chitradurga-Fort-Karnataka-4.jpg|thumb|250px|left|चित्रदुर्ग क़िला, कर्नाटक
Chitradurga Fort, Karnataka]]

  • कर्नाटक मे 11 बंदरगाह हैं, जिसमे नवीन मैंगलोर बंदरगाह शामिल है जो एक मुख्य बंदरगाह है।
  • कर्नाटक मे राष्ट्रीय और राजकीय राजमार्गों की कुल दूरी क्रमश: 3973 किलोमीटर और 9829 किलोमीटर है।

सडकें

  • कनार्टक में 1971 में 83,749 कि.मी. लम्बी सड़कें थी जो 2007 में बढ़कर 2,15,849 कि.मी. हो गई।
  • 'कर्नाटक राजमार्ग सुधार परियोजना' में विश्व बैंक की मदद से 2,375 कि.मी. सड़क को उन्नत करने की योजना है जिसमें 900 कि.मी. का विकास तथा 1475 कि.मी. का पुन: र्निमाण योजित है। इसमें प्रांतीय राजमार्ग और ज़िला सड़कें शामिल हैं। इस पर लगभग 2,402.51 करोड़ रुपए खर्च होंगे। यह मदद सड़कों और पुलों के निर्माण और विकास के लिए ग्रामीण

विकास निधि के अंतर्गत की जा रही है।

बंदरगाह

thumb|250px|श्रृंगेरी पीठ, शारदा, कर्नाटक
Sringeri Peeth, Sharada, Karnataka
कनार्टक राज्य में 155 समुद्री मील लगभग 300 कि.मी लंबे समुद्र तट पर केवल एक ही बड़ा बंदरगाह है - मंगलौर या न्यू मंगलौर। इसके अतिरिक्त 10 छोटे बंदरगाह है-

  1. कारवाड,
  2. बेलेकेरी,
  3. ताद्री,
  4. भत्काल,
  5. कुंडापुर,
  6. हंगरकट्टा,
  7. मालपे,
  8. पदुबिद्री,
  9. होन्नावर और
  10. पुराना मंगलौर।

thumb|left|उच्च न्यायालय, कर्नाटक
High Court, Karnataka

  • इन 10 बंदरगाहों में से केवल कावाड़ हर मौसम के लिए उपयुक्त है जबकि शेष नौ बंदरगाहों ऐसे नहीं है। इन बंदरगाहों से 2006-07 में मालवाहक जहाजों के द्वारा 6573 हज़ार टन माल ढोया गया।

उडड्यन

  • नागरिक उड्डयन के क्षेत्र में बहुत विकास और वृध्दि हुई है।
  • 2006-07 में अंतरराष्ट्रीय यात्रियों में 50 प्रतिशत और अंतर्देशीय यात्रियों में 44 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
  • राज्य के हवाई अड्डों से 2006-07 में 1.66 लाख टन माल ढोया गया। यह गत वर्ष से 19 प्रतिशत अधिक था।
  • बैंगलोर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा देश का पहला हरे-भरे मैदान वाला अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है, यह बैंगलोर के पास देवनहल्ली में बनाया गया है। यात्री और मालवाहक हवाई जहाजों के लिए बनाये गये हवाई अड्डे की लागत लगभग 2000 करोड़ रुपए की है। यह हवाई अड्डा 28 मई 2008 से शुरू हो गया है। इस हवाई अड्डे के कारण से बैंगलोर शहर विश्व के लिए सरल गंतव्य बन गया है और यहाँ पर सुविधाएं सर्वोत्तम अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार हैं। सरकार ने शिमोगा और गुलबर्गा में हवाई अड्डे विकसित करने की योजना बनाई है।

पर्यटन स्थल

[[चित्र:Chamundeshwari Temple-Mysore.jpg|thumb|चामुंडेश्वरी मंदिर, चामुंडी पहाड़ी, मैसूर]]

  • ‘एक राज्य - कई दुनियां’ के रूप में जाना जाने वाला कर्नाटक राज्य दक्षिण भारत का प्रमुख पर्यटन केंद्र बनता जा रहा है।
  • सूचना प्रौद्योगिकी और जैव प्रौद्योगिकी के केंद्र कनार्टक में हाल ही में बहुत से पर्यटक आते हैं।
  • 2005-06 की तुलना में 2006-07 में पर्यटकों की संख्या में 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह राज्य अपने स्मारकों की विरासत और प्राकृतिक पर्यटन के रूप में प्रसिद्ध है।
  • 'स्वर्ण रथ', जिसका नाम दक्षिण भारत की विश्व धरोहर 'हंपी' के प्रस्तर रथ के नाम पर रखा गया है, प्राचीन धरोहरों, भव्य महलों, वन्यजीवन और सुनहरे समुद्र-तटों के बीच भ्रमण करेगा। मैसूर में श्रीरंगपटन, मैसूर के महल, नगरहोल राष्ट्रीय पार्क (कबीनी) की सैर कराते हुए 11वीं शताब्दी के 'होयसाला स्थापत्य' और विश्व धरोहर 'श्रवणबेल गोला, बेलूर, हलेबिड, हंपी' से होते हुए बदामी, पट्टाकल व ऐहोल की त्रिकोणीय धरोहर से होते हुए गोवा के सुनहरे समुद्र-तटों का अवलोकन कराते हुए अंत में यह बैंगलोर वापस आएगा।

कर्नाटक में धरोहर वाले महल, घने वन और पवित्र स्थलों की भरमार है। ‘होम स्टे’ नामक नई अवधारणा ने राज्य में पर्यटन के नए आयाम जोड़ दिए हैं। हंपी और पट्टकल को विश्व धरोहर स्थल घोषित कर दिया गया है।

संगनकल्लू

कर्नाटक के बेलारी ज़िले में स्थित संगनकल्लू से नव- पाषाणयुगीन तथा ताम्र- पाषाणयुगीन संस्कृतियों के प्रमाण मिले हैं। 1872 ई. में इस स्थल से घर्षित पाषाण कुल्हाड़ियाँ प्राप्त हुई हैं। 1884 ई. में इस स्थल के नजदीक एक पहाड़ी पर शैल चित्र तथा उकेरी गई मानव, हस्ति, वृषभ, पक्षी तथा तारों की आकृतियों की खोज की गई। इस क्षेत्र में दो राखी-ढेरियाँ पाई गई हैं। प्रथम राखी ढेरी के उत्खनन में तीन चरण अनावृत्त किए हैं। [[चित्र:Virupaksha-Temple-Hampi.jpg|thumb|250px|left|वीरूपाक्ष मंदिर, हम्पी
Virupaksha Temple, Hampi]]

नंजनगूड

नंजनगूड प्राचीन तीर्थनगर कर्नाटक में कावेरी की सहायक काबिनी नदी के तट पर मैसूर से 26 किमी. दक्षिण में स्थित है। यह नगर 10वीं और 11वीं शताब्दी में गंग चोल वंश के समय से ही विख्यात रहा है। इस नगर में श्रीकांतेश्वर नंजुनदेश्वर (शिव) को समर्पित एक प्रसिद्ध मन्दिर है। सम्भवतः यह कर्नाटक का सबसे बड़ा मन्दिर है।

हम्पी

यूनेस्को की विश्व विरासत की सूची में शामिल हम्‍पी भारत का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। 2002 में भारत सरकार ने इसे प्रमुख पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित करने की घोषणा की थी। हम्पी में स्थित दर्शनीय स्थलों में सम्मिलित हैं- विरूपाक्ष मन्दिर, रघुनाथ मन्दिर, नरसिंह मंन्दिर, सुग्रीव गुफा, विठाला मन्दिर, कृष्ण मन्दिर, प्रसन्ना विरूपक्ष, हजार राम मन्दिर, कमल महल तथा महानवमी डिब्बा आदि।

नई योजनाएं और उपलब्धियां

thumb|250px|पत्थर के रथ, कर्नाटक
Stone Chariot, Karnataka

ई-गवर्नेंस

भूमि के कागज़ात की ऑन लाइन डिलीवरी योजना 2000 में शुरू हुई और 200 लाख कागज़ात की डिजिटलीकरण कर दिया गया है तथा ऑनलाइन म्यूटेशन की प्रक्रिया से तालुक स्तर पर कियोस्क में आर. टी. सी. को आसानी से उपलब्ध कराया जा रहा है, जिनकी स्थापना इस प्रयोजन के लिए विशेष रूप से की गई है। अब यह निर्णय लिया गया है कि मौजूदा सॉफ्टवेयर का उन्नयन किया जाए ताकि नए विशेषताओं और तकनीकी आधार को सुदृढ़ बनाया जा सके। नए भूमि सॉफ्टवेयर में सभी मौजूदा विशेषताओं को शामिल किया जाएगा जैसे कि कावेरी कार्यक्रमों, बैंकों, कचहरियों को जोड़ा जाएगा और इसमें नई विशेषताएं होंगी जैसे कि भूमि अधिग्रहण के मामलों को जोड़ना, गैर कृषि भूमि का दाख़िला ख़ारिज़ करना।

इसके अलावा ई-गवर्नेंस ने ‘बैंगलोर एक कार्यक्रम’ शुरू किया है, जो बहुसेवा केंद्र है जहां लोग बिजली, टेलीफ़ोन आदि के बिल जमा कर सकते हैं और एक ही जगह 25 अन्य सेवाओं का उपयोग कर सकते है। इसने ‘नेम्मादी’ नामक कार्यक्रम शुरू किया है। इसके अंतर्गत 765 ऐसे टेलीसेंटर हैं जहां आय, जन्म और मृत्यु के प्रमाण पत्र प्राप्त किए जा सकते हैं। इसके अलावा मानव संसाधन प्रबंधन सेवा भी विकसित की गई है, जो सभी विभागों की केन्द्रीय पहलों और सर्वाधिक सामान्य कार्यों के रूप में कार्य करती है। [[चित्र:Bangalore-Palace.jpg|thumb|250px|left|बंगलोर पैलेस, बंगलोर
Bangalore Palace, Bangalore]]

भाग्यलक्ष्मी

स्त्री-पुरुष अनुपात को संतुलित करने और ग़रीब परिवारों को नैतिक संबल प्रदान करने के लिए कर्नाटक सरकार ने ‘भाग्यलक्ष्मी’ योजना शुरू की है। यह दो लड़कियों तक सीमित है और ग़रीबी रेखा से नीचे रह रहे सभी परिवारों के लिए है। लड़की के जन्म के समय उसके नाम से 10,000 रुपए जमा किए जाएंगे और ब्याज सहित 18 वर्ष पूरा हो जाने पर दिए जाएंगे।

  • 2007-08 के दौरान 1.31 लाख परिवारों के लिए 132.42 करोड़ रुपए जारी किए गए।
  • मुख्यमंत्री द्वारा प्रस्तुत 2008-09 के बजट में दी जाने वाली राशि को बढ़ाकर 1 लाख कर दिया गया है और इसके लिए 266.65 करोड़ रुपए निर्धारित किए गए हैं।
मदीलु

thumb|चेन्नाकेशव मन्दिर, कर्नाटक
Chennakeshava Temple, Karnataka
यह एक अन्य योजना है जो मां और शिशु के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए बनाई गई है। इसके तहत प्रसव के बाद मां और शिशु की ज़रूरत का सामान दिया जाता है। यह सुविधा ग़रीबी रेखा से नीचे रह रहे सभी परिवारों के लिए है।

  • 2007-08 के दौरान इससे लगभग 1.50 लाख परिवारों को लाभ पहुंचा है।
  • 2006-07 में 63.82 प्रतिशत लाभान्वित प्रसव थे और
  • 2007-08 में यह संख्या 67.97 प्रतिशत रही।
भाग्यरथ

शिक्षा के लिए बेहतर पहुंच और इसे जारी रखने के लिए राज्य सरकार ने यह योजना प्रारम्भ की है। इसके तहत सरकार और अनुदान प्राप्त स्कूलों में आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले लड़के और लड़कियों को साइकिलें दी जाएंगी।

  • 2007-08 में ग़रीबी रेखा से नीचे रह रहे परिवारों की 1.75 लाख लड़कियों और 2.33 लड़कों को साइकिलें बांटी गई।
  • वर्ष 2008-09 में यह योजना आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले सभी वर्ग के बच्चों के लिए कर दी गई है। आशा है कि इससे 7 लाख से अधिक बच्चों को लाभ मिलेगा।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

वीथिका

संबंधित लेख