विश्व नारियल दिवस: Difference between revisions

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'''विश्व नारियल दिवस''' (अंग्रेज़ी: ) हर वर्ष [[2 सितंबर]] को मनाया जाता है। नारियल दिवस के दिन [[नारियल]] से बनी विभिन्न वस्तुओं की प्रदर्शनियाँ लगाई जाती हैं। [[नारियल]] एक ऐसा [[फल]] है, जिसके प्रत्येक भाग का हम तरह-तरह से उपयोग करते हैं। नारियल दिवस नारियल की महत्ता को रेखांकित करता है। यह मिल-बैठकर यह पता लगाने का दिवस है कि किस प्रकार से हम इसे और उपयोग में ला सकते हैं। आजकल हमारा देश पॉलिथीन के कहर से गुजर रहा है, जो सड़ता नहीं है और नालों, रेल पटरियों तथा सड़क के किनारों को गंदा एवं प्रदूषित कर देता है। पॉलिथीन को हटाकर हम नारियल की जटा से बने थैलों का उपयोग कर सकते हैं। नारियल हर तरह से हमारे लिए उपयोगी हैं।  
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'''विश्व नारियल दिवस''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''World Coconut Day'' ) प्रत्येक वर्ष [[2 सितंबर]] को मनाया जाता है। नारियल दिवस के दिन [[नारियल]] से बनी विभिन्न वस्तुओं की प्रदर्शनियाँ लगाई जाती हैं। [[नारियल]] एक ऐसा [[फल]] है, जिसके प्रत्येक भाग का हम तरह-तरह से उपयोग करते हैं। नारियल दिवस नारियल की महत्ता को रेखांकित करता है। यह मिल-बैठकर यह पता लगाने का दिवस है कि किस प्रकार से हम इसे और उपयोग में ला सकते हैं। आजकल हमारा देश पॉलिथीन के कहर से गुजर रहा है, जो सड़ता नहीं है और नालों, रेल पटरियों तथा सड़क के किनारों को गंदा एवं प्रदूषित कर देता है। पॉलिथीन को हटाकर हम नारियल की जटा से बने थैलों का उपयोग कर सकते हैं। नारियल हर तरह से हमारे लिए उपयोगी हैं।  
==नारियल की उपयोगिता==
==नारियल की उपयोगिता==
नारियल की खेती हमारे देश में लगभग एक करोड़ लोगों को रोजगार प्रदान करती है। देश के चार दक्षिणी प्रदेश [[केरल]], [[कर्नाटक]] और आंध्र प्रदेश में नारियल की सघन खेती की जाती है। देश का 90 प्रतिशत तक नारियल यहीं से प्राप्त किया जाता है। यह नमकीन मिट्टी में समुद्र के किनारे उगाया जाता है। यह नारियल-पानी पौष्टिक एवं स्वास्थ्यवर्द्धक होता है। [[गर्मी]] के [[मौसम]] में नारियल-पानी पीकर हम अपनी प्यास बुझाते हैं। जब नारियल पकता है, तो इसमें अंदर से सफेद नारियल का फल प्राप्त होता है। यह पूजा में काम आता है। सफेद नारियल हम कच्चा भी खाते हैं, मिठाई और कई पकवान बनाने में भी इस्तेमाल करते हैं। नारियल के रेशों से गद्दे, थैले तथा और भी कई प्रकार की उपयोगी चीजें बनाई जाती हैं।  
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Revision as of 12:40, 31 August 2014

विश्व नारियल दिवस
विवरण नारियल दिवस के दिन नारियल से बनी विभिन्न वस्तुओं की प्रदर्शनियाँ लगाई जाती हैं।
तिथि 2 सितम्बर
स्थापना 2009
उद्देश्य नारियल दिवस का उद्देश्य नारियल की महत्ता को रेखांकित करना है। यह मिल-बैठकर यह पता लगाने का दिवस है कि किस प्रकार से हम इसे और उपयोग में ला सकते हैं।
बाहरी कड़ियाँ आधिकारिक वेबसाइट

विश्व नारियल दिवस (अंग्रेज़ी: World Coconut Day ) प्रत्येक वर्ष 2 सितंबर को मनाया जाता है। नारियल दिवस के दिन नारियल से बनी विभिन्न वस्तुओं की प्रदर्शनियाँ लगाई जाती हैं। नारियल एक ऐसा फल है, जिसके प्रत्येक भाग का हम तरह-तरह से उपयोग करते हैं। नारियल दिवस नारियल की महत्ता को रेखांकित करता है। यह मिल-बैठकर यह पता लगाने का दिवस है कि किस प्रकार से हम इसे और उपयोग में ला सकते हैं। आजकल हमारा देश पॉलिथीन के कहर से गुजर रहा है, जो सड़ता नहीं है और नालों, रेल पटरियों तथा सड़क के किनारों को गंदा एवं प्रदूषित कर देता है। पॉलिथीन को हटाकर हम नारियल की जटा से बने थैलों का उपयोग कर सकते हैं। नारियल हर तरह से हमारे लिए उपयोगी हैं।

नारियल की उपयोगिता

नारियल की खेती हमारे देश में लगभग एक करोड़ लोगों को रोजगार प्रदान करती है। देश के चार दक्षिणी प्रदेश केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में नारियल की सघन खेती की जाती है। देश का 90 प्रतिशत तक नारियल यहीं से प्राप्त किया जाता है। यह नमकीन मिट्टी में समुद्र के किनारे उगाया जाता है। [[चित्र:Coconut-1.jpg|thumb|left|नारियल से भरा ट्रक, केरल]] यह नारियल-पानी पौष्टिक एवं स्वास्थ्यवर्द्धक होता है। गर्मी के मौसम में नारियल-पानी पीकर हम अपनी प्यास बुझाते हैं। जब नारियल पकता है, तो इसमें अंदर से सफेद नारियल का फल प्राप्त होता है। यह पूजा में काम आता है। सफेद नारियल हम कच्चा भी खाते हैं, मिठाई और कई पकवान बनाने में भी इस्तेमाल करते हैं। नारियल के रेशों से गद्दे, थैले तथा और भी कई प्रकार की उपयोगी चीजें बनाई जाती हैं। नारियल को विभिन्न प्रकार से उपयोग कर हम भिन्न-भिन्न वस्तुएँ बनाते हैं और देश के साथ-साथ दुनिया के अन्य देशों में इनका व्यापार भी करते हैं। इससे बनी वस्तुओं के निर्यात से हमारे देश को लगभग 470 करोड़ रुपए की राष्ट्रीय आमदनी होती है। नारियल का उपयोग धार्मिक कर्मकांडों में भी किया जाता हैं। भारत में इस लिए यह पवित्र माना गया है।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. सिन्हा, पुष्पा। भारत एवं विश्व के महान दिवस (हिन्दी) गूगल बुक्स। अभिगमन तिथि: 31 अगस्त, 2014।

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख