लाड मलिका

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लाड मलिका चुनार के हाक़िम ताज़ ख़ाँ की पत्नी थी।

  • 1528 ई. में उसके सौतेले पुत्र ने उसके पति की हत्या कर दी।
  • विधवा होने के बाद उसने शेर ख़ाँ (बाद में शेरशाह सूरी) से शादी कर ली और न केवल चुनार के क़िले पर, बल्कि उसके ख़ज़ाने पर भी उसका क़ब्ज़ा करवा दिया।
  • इस प्रकार उसने शेरशाह को उसके विजय रथ पर अग्रसर किया, जिसके फलस्वरूप 1540 ई. में वह दिल्ली का बादशाह बन गया।


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