ईसा ख़ाँ: Difference between revisions
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*मैमनसिंह ज़िले का अधिकांश भाग भी ईसा ख़ाँ के कब्ज़े में ही था। | *मैमनसिंह ज़िले का अधिकांश भाग भी ईसा ख़ाँ के कब्ज़े में ही था। | ||
*ईसा ख़ाँ ने अपने पड़ोसी [[हिन्दू]] भूमिपति, विक्रमपुर के केदार राय के सहयोग से कुछ समय तक बारशाह अकबर की फ़ौजों से मुकाबला किया था। | *ईसा ख़ाँ ने अपने पड़ोसी [[हिन्दू]] भूमिपति, [[विक्रमपुर]] के केदार राय के सहयोग से कुछ समय तक बारशाह अकबर की फ़ौजों से मुकाबला किया था। | ||
*अंतिम दिनों में केदार राय और ईसा ख़ाँ में मनमुटाव हो गया और ईसा ख़ाँ को [[मुग़ल]] बादशाह ने अपदस्थ कर दिया। | *अंतिम दिनों में केदार राय और ईसा ख़ाँ में मनमुटाव हो गया और ईसा ख़ाँ को [[मुग़ल]] बादशाह ने अपदस्थ कर दिया। | ||
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ईसा ख़ाँ उन बारह भूमिपतियों (ज़मींदारों) में से एक था, जो सोलहवीं शताब्दी के अन्तिम चौथाई भाग में पूर्वी बंगाल का नियंत्रण करते थे। बादशाह अकबर की फ़ौजों के आक्रमण के समय ईसा ख़ाँ ने मुग़ल फ़ौजों का डटकर सामना किया था।
- पूर्वी तथा मध्यवर्ती ढाका ज़िले की ज़मींदारी ईसा ख़ाँ के पास थी।
- मैमनसिंह ज़िले का अधिकांश भाग भी ईसा ख़ाँ के कब्ज़े में ही था।
- ईसा ख़ाँ ने अपने पड़ोसी हिन्दू भूमिपति, विक्रमपुर के केदार राय के सहयोग से कुछ समय तक बारशाह अकबर की फ़ौजों से मुकाबला किया था।
- अंतिम दिनों में केदार राय और ईसा ख़ाँ में मनमुटाव हो गया और ईसा ख़ाँ को मुग़ल बादशाह ने अपदस्थ कर दिया।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
भारतीय इतिहास कोश |लेखक: सच्चिदानन्द भट्टाचार्य |प्रकाशक: उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान |पृष्ठ संख्या: 58 |