फ़तेहउल्ला इमादशाह: Difference between revisions

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'''फ़तेहउल्ला इमादशाह''' चौदहवें [[बहमनी वंश|बहमनी]] सुल्तान [[महमूद शाह बहमनी|महमूदशाह]] (1482-1518 ई.) के शासनकाल में [[बरार]] का सूबेदार था। राज्य में जो अराजकता तथा विघटन की स्थिति व्याप्त थी, उसका लाभ उठाकर फ़तेहउल्ला स्वयं शासक बन बैठा और उसने बरार में [[इमादशाही वंश]] की स्थापना की।
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*फ़तेहउल्ला इमादशाह की सूबेदारी के समय सुल्तान महमूदशाह नाबालिग था।
*फ़तेहउल्ला इमादशाह की सूबेदारी के समय सुल्तान महमूदशाह नाबालिग था।
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Latest revision as of 06:42, 2 December 2012

फ़तेहउल्ला इमादशाह चौदहवें बहमनी सुल्तान महमूदशाह (1482-1518 ई.) के शासनकाल में बरार का सूबेदार था। राज्य में जो अराजकता तथा विघटन की स्थिति व्याप्त थी, उसका लाभ उठाकर फ़तेहउल्ला स्वयं शासक बन बैठा और उसने बरार में इमादशाही वंश की स्थापना की।

  • फ़तेहउल्ला इमादशाह की सूबेदारी के समय सुल्तान महमूदशाह नाबालिग था।
  • राज्य में महमूद ख़ाँ की हत्या से अराजकता की स्थिति उत्पन्न हो गई थी।
  • अराजकता और विघटन की स्थिति का लाभ उठाकर फ़तेहउल्ला 1484 ई. में बरार का शासक बन बैठा।
  • शासक बनने के बाद उसने 'इमादुल्मुल्क' की उपाधि धारण की।
  • इस प्रकार बरार में इमादशाही वंश का सूत्रपात हुआ।
  • इमादशाही वंश ने 1574 ई. तक बरार में शासन किया।
  • इसके बाद बरार को अहमदनगर में मिला लिया गया।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

भारतीय इतिहास कोश |लेखक: सच्चिदानन्द भट्टाचार्य |प्रकाशक: उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान |पृष्ठ संख्या: 252 |


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