भूमध्यसागरीय द्रविड़: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
No edit summary
 
Line 1: Line 1:
भूमध्यसागरीय द्रविड़ ( [[अंग्रेज़ी]]: ''Mediterranean'') प्रजाति की तीन शाखाएँ [[भारत]] में आईं और अब मिश्रित रूप से उसके वंशज भारत में बहुत बड़ी संख्या में हैं।  
भूमध्यसागरीय द्रविड़ ([[अंग्रेज़ी]]: ''Mediterranean'') प्रजाति की तीन शाखाएँ [[भारत]] में आईं और अब मिश्रित रूप से उसके वंशज भारत में बहुत बड़ी संख्या में हैं।  
*इनकी एक शाखा प्राचीन भूमध्यसागरीय है, जो [[कन्नड़ भाषा|कन्नड़]], [[तमिल भाषा|तमिल]], [[मलयालम भाषा]] - भाषी प्रदेशों में रहती है।  
*इनकी एक शाखा प्राचीन भूमध्यसागरीय है, जो [[कन्नड़ भाषा|कन्नड़]], [[तमिल भाषा|तमिल]], [[मलयालम भाषा]] - भाषी प्रदेशों में रहती है।  
*दूसरी शाखा भूमध्यसागरीय है, जो [[पंजाब]] और [[गंगा]] की ऊपरी घाटी में निवास करती हैं।  
*दूसरी शाखा भूमध्यसागरीय है, जो [[पंजाब]] और [[गंगा]] की ऊपरी घाटी में निवास करती हैं।  

Latest revision as of 11:35, 16 October 2011

भूमध्यसागरीय द्रविड़ (अंग्रेज़ी: Mediterranean) प्रजाति की तीन शाखाएँ भारत में आईं और अब मिश्रित रूप से उसके वंशज भारत में बहुत बड़ी संख्या में हैं।

  • इनकी एक शाखा प्राचीन भूमध्यसागरीय है, जो कन्नड़, तमिल, मलयालम भाषा - भाषी प्रदेशों में रहती है।
  • दूसरी शाखा भूमध्यसागरीय है, जो पंजाब और गंगा की ऊपरी घाटी में निवास करती हैं।
  • तीसरी शाखा पूर्वी प्रकार की है, जो पंजाब, सिन्ध, राजस्थान तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पाई जाती है। इनकी शारीरिक विशेषताएँ हैं - सिर लम्बे, क़द मध्यम, मुँह चौड़ा, होंठ पतले, बाल घुंघराले, त्वचा का रंग भूरा आदि। तीनों भूमध्यसागरीय शाखाएँ अन्तर्विवाह के कारण एक-दूसरे में घुलमिल गई हैं। इनमें सांस्कृतिक आदान-प्रदान भी बहुत हुआ है। इनसे सम्बन्धित लोग प्रमुखत: मैदानों में रहते हैं।
  • इस जाति की अनेक शाखाओं में भारत में द्रविड़ काफ़ी महत्त्वपूर्ण थी।
शारीरिक विशेषताएँ

इस जाति के लोगों का क़द छोटा, नाक छोटी, बड़े सिर एवं रंग काला होता था।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख