विश्व बाँस दिवस: Difference between revisions

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Latest revision as of 09:53, 20 September 2021

विश्व बाँस दिवस
विवरण तिथि
18 सितम्बर शुरुआत
2009 से उद्देश्य
बाँस की क्षमता को और अधिक विस्तार देना। थीम, 2021
अन्य जानकारी पूर्वोत्तर भारत और अधिवासी क्षेत्रों में बाँस के माध्यम से स्वादिष्ट और लजीज भोजन भी तैयार किया जाता है।
अद्यतन‎

विश्व बाँस दिवस (अंग्रेज़ी: World Bamboo Day) प्रत्येक वर्ष 18 सितम्बर को मनाया जाता है। बाँस के लाभों के बारे में जागरुकता बढ़ाने और रोजमर्रा के उत्पादों में इसके उपयोग को बढ़ावा देने के लिए हर साल यह दिवस मनाया जाता है। मुख्य रूप से पूर्व और दक्षिण पूर्व एशिया में विभिन्न उद्देश्यों के लिए बाँस का उपयोग किया जाता है। बाँस पोएसी परिवार की एक लंबी, पेड़ जैसी घास है। इसमें 115 से अधिक जेनेरा और 1,400 प्रजातियां शामिल हैं। साल 2021 में विश्व बाँस दिवस के 12वें संस्करण की थीम थी- '#बैम्बू प्लांट' (बाँस के पौधे लगायें)। विश्व बाँस संगठन का मुख्यालय बेल्जियम में है, जिसकी स्थापना 2005 हुई थी।

इतिहास

विश्व बांस दिवस पहली बार औपचारिक रूप से 18 सितंबर, 2009 को बैंकॉक में आयोजित किया गया था। विश्व बांस संगठन ने 18 सितंबर को बैंकॉक में 2009 को पहली बार विश्व बांस दिवस मनाने की घोषणा की थी। विश्व बांस संगठन ने 8वीं विश्व बांस कांग्रेस में इस बात का ऐलान किया था। तब से हर वर्ष 18 सितम्बर को दुनियाभर में विश्व बांस दिवस के रूप में मनाया जाता है। जिसका उद्देश्य है इसकी जागरूकता को बढ़ाना और प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा करना है। वहीं इस दिन लोगो को इसकी खेती करने के लिए प्रेरित किया जाता है, जिससे इसका विस्तारपूर्वक उपयोग किया जा सके और प्राकृतिक संतुलन को स्थापित किया जा सके। हर वर्ष विश्व बांस दिवस को एक थीम के साथ मनाया जाता है।

उद्देश्य

इस दिन को मनाने के पीछे बाँस की क्षमता को और अधिक विस्तार देना है। इसके अलावा दुनिया भर के क्षेत्रों में नए उद्योगों के लिए बाँस की नई खेती को बढ़ावा देना और सामुदायिक आर्थिक विकास आदि के लिए स्थानीय स्तर पर पारंपरिक उपयोगों को बढ़ावा देना है। विश्व बाँस दिवस के दिन लोगों को बाँस की खेती को बढ़ावा देने के लिए कहा जाता है। बाँस के बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि उन्हें शायद ही कभी दोबारा लगाने की आवश्यकता होती है। यह सबसे तेजी से बढ़ने वाले घास के पौधों में से एक है। बाँस के कई उपयोग हैं, जिनमें फर्नीचर, भोजन, जैव ईंधन, कपड़े और बहुत कुछ शामिल हैं। इसलि, आवश्यकताओं को बनाए रखने के लिए बाँस की खेती बहुत महत्वपूर्ण है। बाँस का उपयोग सबसे ज्यादा मुख्य रूप से पूर्व और दक्षिण पूर्व एशिया किया जाता है।[1]

थीम, 2021

हर साल विश्व बाँस दिवस एक थीम के साथ मनाया जाता है। एक जिम्मेदार नागरिक के तौर पर प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करना हमारा कर्तव्य है। खासतौर पर जब इसका सबसे अधिक उपयोग मानव भलाई के लिए किया जाता है। विश्व बाँस संगठन (डब्ल्यूबीओ) बाँस के पौधे लगाने के महत्व पर हमेशा से जोर देता रहा है। विश्व बाँस दिवस, 2021 का थीम है- '#PlantBamboo' यानी 'बाँस के पौधे लगाएं'।

बाँस का महत्त्व

बांस प्रकृति के सबसे अनमोल खजाने में से एक है और इसका हमारे जीवन में कई तरह से उपयोग होता है, इसका प्रयोग गांव-देहात में पहले कच्चे घर बनाने में सबसे अधिक होता था, आज भी कहीं कहीं छप्पर डाले जाता है तो उसमे भी इसका प्रयोग होता है। शहरी जिंदगी भी इससे अछूती नहीं है, शहरी घरों में लकड़ी के फर्नीचर में इसका उपयोग होता है। इसके आलावा इसका उपयोग बच्चों के खिलौने, बांसुरी, हाथ गाड़ी, बुजुर्गों की लाठी, पुलिस वालों के डंडे, घरों में उपयोग होने वाली सीढ़ी, घर की चारपाई, शादी विवाह में मंडप और दुल्हन की डोली अन्य बहुत तरीकों से यह हमें जीवन में जुड़ा हुआ है।

ऊँची बांस की लग्गी से आम तोड़ना भी आम बात है। जीवन के साथ तो यह हमारे साथ किसी न किसी उपयोग में जुड़ा है, लेकिन जीवन के अंतिम समय में भी यह हमारे जीवन के साथ ही रहता है। कई जगह इसके कपड़े भी बनाये जाते हैं। सबसे आश्चर्य के बात है पूर्वोत्तर भारत और अधिवासी क्षेत्रों में इसके माध्यम से स्वादिष्ट और लजीज भोजन भी तैयार किया जाता है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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