सदानन्द योगीन्द्र

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 08:23, 21 August 2014 by रविन्द्र प्रसाद (talk | contribs) (''''सदानन्द योगीन्द्र''' मध्यकालीन एक विद्वा...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search

सदानन्द योगीन्द्र मध्यकालीन एक विद्वान, जिन्होंने 'वेदांतसार' नामक ग्रंथ की रचना की थी। इनका जीवन काल सोलहवीं शती का उत्तरार्द्ध माना जाता है।[1]

  • इनकी रचना 'वेदांतसार' के ऊपर नृसिंह सरस्वती की 'सुबोधिनी' नामक टीका भी है, जिसका रचना काल शक संवत 1518 है।
  • 'वेदांतसार' अद्वैतवेदांत का अत्यंत सरल प्रकरण ग्रंथ है। इस पर कई टीकाएँ लिखी जा चुकी हैं। इस ग्रंथ से मुमुक्षुओं का बहुत उपकार हुआ है।
  • सदानन्द योगीन्द्र का एक ग्रंथ 'शंकरदिग्विजय' भी है, जो अभी नागराक्षरों में प्रकाशित नहीं है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिन्दू धर्मकोश |लेखक: डॉ. राजबली पाण्डेय |प्रकाशक: उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान |पृष्ठ संख्या: 654 |

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः