ओ. एन. वी. कुरुप

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ओ. एन. वी. कुरुप
पूरा नाम ओट्टपलाक्कल नीलकंठन वेलु कुरुप
जन्म 27 मई, 1931
जन्म भूमि चावरा, कोल्लम जिला, केरल
मृत्यु 13 फ़रवरी, 2016
पति/पत्नी सरोजिनी
संतान पुत्र- राजीवन

पुत्री- मायादेवी

कर्म भूमि भारत
मुख्य रचनाएँ 'मरुभूमि' (1956), 'अक्षरम' (1974), 'मृगया' (1990), 'अपह्रानम' (1991), 'उज्जयिनी' (1994), 'स्वयंवरम' (1995) आदि।

20 से अधिक कविता-संग्रह।

शिक्षा कला स्नातकोत्तर
पुरस्कार-उपाधि पद्म विभूषण, 2011

ज्ञानपीठ पुरस्कार, 2007
पद्म श्री, 1998

प्रसिद्धि कवि, गीतकार एवं व्याख्याता
नागरिकता भारतीय
अन्य जानकारी गीतकार के रूप में ओ. एन. वी. कुरुप 13 बार 'केरल राज्य फिल्म पुरस्कार' से सम्मानित हुये थे।
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची

ओट्टपलाक्कल नीलकंठन वेलु कुरुप (अंग्रेज़ी: Ottaplakkal Neelakandan Velu Kurup, जन्म- 27 मई, 1931; मृत्यु- 13 फ़रवरी, 2016) प्रसिद्ध मलयाली कवि और गीतकार थे। साहित्य में बहुमूल्य योगदान के लिये वर्ष 2007 में उन्हें 'ज्ञानपीठ पुरस्कार' से सम्मानित किया गया था।

  • , ओ. एन. वी. कुरुप के नाम से अधिक जाने जाते थे।
  • उन्हें वर्ष 2007 के लिए 'ज्ञानपीठ पुरस्कार' प्रदान किया गया था, जो भारत का सर्वोच्च साहित्यिक पुरस्कार है।
  • वर्ष 1998 में उन्हें 'पद्म श्री' तथा 2011 में 'पद्म विभूषण' से सम्मानित किया गया।
  • ओ. एन. वी. कुरुप को वर्ष 1989 में फिल्म 'वैशाली' के लिए सर्वश्रेष्ठ गीतकार का 'राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार' भी मिला।
  • उनके परिवार में पत्नी सरोजिनी तथा बेटा राजीवन और बेटी मायादेवी हैं।
  • उनके 20 कविता संग्रह, आलोचना की एक किताब, बाल साहित्य पर एक किताब एवं कार्ल मार्क्स की कविताओं का अनुवाद प्रकाशित हो चुका है।
  • 'अग्निशलबंगल’ के लिए ओ. एन. वी. कुरुप को 'केरल साहित्य अकादमी पुरस्कार' , 'अक्षरम' के लिए 'केंद्रीय साहित्य अकादमी पुरस्कार', 'उप्पु' (नमक) के लिए 'वयलार पुरस्कार' और 'सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार' से सम्मानित किया गया।
  • गीतकार के रूप में ओ. एन. वी. कुरुप 13 बार 'केरल राज्य फिल्म पुरस्कार' से सम्मानित हुये।
  • इन्होंने [[रूस], सिंगापुर, अमरीका, इंगैंड, बर्लिन, युगोस्लाविया, मसिडोनिया आदि देशों का कवि के रूप में दौरा किया एवं वहाँ कविता पाठ किया।


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