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'''मर्व''' [[अफ़ग़ानिस्तान]] की उत्तरी-पश्चिमी सीमा से लगभग 150 मील उत्तर में स्थित एक नगर का नाम है। एक समय ऐसा भी था, जब [[इंग्लैण्ड]] और [[रूस]] के बीच मर्व को लेकर युद्ध छिड़ जाने आसार पैदा हो गये थे।
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'''मर्व''' [[तुर्कमेनिस्तान]] में स्थित एक ऐतिहासिक स्थान है। एक समय ऐसा भी था, जब [[इंग्लैण्ड]] और [[रूस]] के बीच मर्व को लेकर युद्ध छिड़ जाने के आसार पैदा हो गये थे।
*1884 ई. में रूस ने मर्व पर अधिकार कर लिया था।
*1884 ई. में रूस ने मर्व पर अधिकार कर लिया था।
*इंग्लैण्ड में कुछ लोग इसे झूठ-मूठ ही बड़े सामरिक महत्त्व का नगर बता रहे थे।
*इंग्लैण्ड में कुछ लोग इसे झूठ-मूठ ही बड़े सामरिक महत्त्व का नगर बता रहे थे।
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Latest revision as of 09:02, 24 July 2012

[[चित्र:Merv.jpg|thumb|250px|दीवार के अवशेष, मर्व]] मर्व तुर्कमेनिस्तान में स्थित एक ऐतिहासिक स्थान है। एक समय ऐसा भी था, जब इंग्लैण्ड और रूस के बीच मर्व को लेकर युद्ध छिड़ जाने के आसार पैदा हो गये थे।

  • 1884 ई. में रूस ने मर्व पर अधिकार कर लिया था।
  • इंग्लैण्ड में कुछ लोग इसे झूठ-मूठ ही बड़े सामरिक महत्त्व का नगर बता रहे थे।
  • मर्व के पतन से अंग्रेज़ों में अफ़ग़ानिस्तान पर परोक्ष और अपरोक्ष रीति से भारत पर रूसी हमले का भय छा गया।
  • इस पर इंग्लैण्ड और रूस में युद्ध छिड़ जाने का ख़तरा उत्पन्न हो गया था।
  • अमीर अब्दुर्रहमान के धैर्य और अंग्रेज़ तथा रूसी राजनेताओं के कूटनीतिक कौशल से यह युद्ध टाल दिया गया।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

भारतीय इतिहास कोश |लेखक: सच्चिदानन्द भट्टाचार्य |प्रकाशक: उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान |पृष्ठ संख्या: 350 |


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