विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
No edit summary
 
(One intermediate revision by one other user not shown)
Line 2: Line 2:
|चित्र=World-Mental-Health-Day.jpg   
|चित्र=World-Mental-Health-Day.jpg   
|चित्र का नाम=विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस
|चित्र का नाम=विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस
|विवरण=विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पूरे विश्व में मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों पर जागरूकता पैदा करने के लिए प्रतिवर्ष [[10 अक्टूबर]] को मनाया जाता है। इस वर्ष विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस का विषय "मनोवैज्ञानिक प्राथमिक चिकित्सा" है।
|विवरण='विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस' पूरे विश्व में मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों पर जागरूकता पैदा करने के लिए प्रतिवर्ष मनाया जाता है। इस वर्ष इस दिवस का विषय "कार्यस्थल में मानसिक स्वास्थ्य" रखा गया है।
|शीर्षक 1=उद्देश्य
|शीर्षक 1=उद्देश्य
|पाठ 1=दुनिया भर में लोगों को मानसिक बीमारी के प्रति जागरूक करना और जनहित को ध्यान में रखते हुए सरकार को स्वास्थ्य नीतियों के निर्माण के लिए प्रेरित करना।
|पाठ 1=दुनिया भर में लोगों को मानसिक बीमारी के प्रति जागरूक करना और जनहित को ध्यान में रखते हुए सरकार को स्वास्थ्य नीतियों के निर्माण के लिए प्रेरित करना।
Line 28: Line 28:
|अद्यतन={{अद्यतन|14:01, 14 अक्टूबर 2016 (IST)}}
|अद्यतन={{अद्यतन|14:01, 14 अक्टूबर 2016 (IST)}}
}}
}}
'''विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''World Mental Health Day'') पूरे विश्व में मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों पर जागरूकता पैदा करने के लिए प्रतिवर्ष [[10 अक्टूबर]] को मनाया जाता है। इस वर्ष विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस का विषय "मनोवैज्ञानिक प्राथमिक चिकित्सा" हैं। इसके अनुसार मनोवैज्ञानिक प्राथमिक चिकित्सा में सामाजिक एवं मनोवैज्ञानिक दोनों सहयोगों को शामिल किया गया है। जैसे कि सामान्य स्वास्थ्य देखभाल कभी भी अकेले शारीरिक प्राथमिक उपचार के नहीं होती है, वैसे ही मानसिक स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली अकेले मनोवैज्ञानिक प्राथमिक उपचार के नहीं होती है। निस्संदेह, मनोवैज्ञानिक प्राथमिक चिकित्सा के क्षेत्र में निवेश लंबी अवधि के प्रयास का हिस्सा है जो कि यह सुनिश्चित करता है कि संकट के कारण कोई भी गंभीर समस्या से पीड़ित व्यक्ति बुनियादी सहयोग प्राप्त करने में सक्षम होगा तथा जिन लोगों को मनोवैज्ञानिक प्राथमिक चिकित्सा से ज़्यादा सेवाओं की आवश्यकता होगी, उन्हें अतिरिक्त उन्नत सहयोग स्वास्थ्य, मानसिक स्वास्थ्य एवं सामाजिक सेवाओं से प्राप्त होगा।<ref name="मानसिक">{{cite web |url=http://hi.nhp.gov.in/%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%B6%E0%A5%8D%E0%A4%B5-%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%A8%E0%A4%B8%E0%A4%BF%E0%A4%95-%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%A5%E0%A5%8D%E0%A4%AF-%E0%A4%A6%E0%A4%BF%E0%A4%B5%E0%A4%B8_pg|title=विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस  |accessmonthday= 14 अक्टूबर|accessyear= 2016|last= |first= |authorlink= |format= |publisher=hi.nhp.gov.in|language=हिन्दी}}</ref>
'''विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''World Mental Health Day'') पूरे विश्व में मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों पर जागरूकता पैदा करने के लिए प्रतिवर्ष [[10 अक्टूबर]] को मनाया जाता है। इस वर्ष विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस का विषय "कार्यस्थल में मानसिक स्वास्थ्य" रखा गया है। इसके अनुसार मनोवैज्ञानिक प्राथमिक चिकित्सा में सामाजिक एवं मनोवैज्ञानिक दोनों सहयोगों को शामिल किया गया है। जैसे कि सामान्य स्वास्थ्य देखभाल कभी भी अकेले शारीरिक प्राथमिक उपचार के नहीं होती है, वैसे ही मानसिक स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली अकेले मनोवैज्ञानिक प्राथमिक उपचार के नहीं होती है। निस्संदेह, मनोवैज्ञानिक प्राथमिक चिकित्सा के क्षेत्र में निवेश लंबी अवधि के प्रयास का हिस्सा है जो कि यह सुनिश्चित करता है कि संकट के कारण कोई भी गंभीर समस्या से पीड़ित व्यक्ति बुनियादी सहयोग प्राप्त करने में सक्षम होगा तथा जिन लोगों को मनोवैज्ञानिक प्राथमिक चिकित्सा से ज़्यादा सेवाओं की आवश्यकता होगी, उन्हें अतिरिक्त उन्नत सहयोग स्वास्थ्य, मानसिक स्वास्थ्य एवं सामाजिक सेवाओं से प्राप्त होगा।<ref name="मानसिक">{{cite web |url=http://hi.nhp.gov.in/%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%B6%E0%A5%8D%E0%A4%B5-%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%A8%E0%A4%B8%E0%A4%BF%E0%A4%95-%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%A5%E0%A5%8D%E0%A4%AF-%E0%A4%A6%E0%A4%BF%E0%A4%B5%E0%A4%B8_pg|title=विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस  |accessmonthday= 14 अक्टूबर|accessyear= 2016|last= |first= |authorlink= |format= |publisher=hi.nhp.gov.in|language=हिन्दी}}</ref>
==क्या है मानसिक बीमारी==
==क्या है मानसिक बीमारी==
मानसिक स्वास्थ्य विकार विश्व भर में होने वाली सामान्य बीमारियों में से एक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार मानसिक विकारों से पीड़ित व्यक्तियों की अनुमानित संख्या 450 मिलियन है। भारत में लगभग 1.5 मिलियन व्यक्ति जिनमें बच्चे एवं किशोर भी शामिल है, गंभीर मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से प्रभावित हैं। मानसिक बीमारी व्यक्ति के महसूस, सोचने एवं काम करने के तरीके को प्रभावित करती है। यह रोग व्यक्ति के मनोयोग, स्वभाव, ध्यान और संयोजन एवं बातचीत करने की क्षमता में समस्या पैदा करता है। अंततः व्यक्ति असामान्य व्यवहार का शिकार हो जाता है। उसे दैनिक जीवन के कार्यकलापों के लिए भी संघर्ष करना पड़ता हैं, जिसके कारण यह गंभीर समस्या स्वास्थ्य चिंता का विषय बन गयी है। इसलिए [[भारत सरकार]] ने देश में मानसिक बीमारी के बढ़ते बोझ पर विचार करने के उद्देश्य से [[वर्ष]] 1982 में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम (एनएमएचपी) की शुरूआत की थी।<ref name="मानसिक"/>
मानसिक स्वास्थ्य विकार विश्व भर में होने वाली सामान्य बीमारियों में से एक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार मानसिक विकारों से पीड़ित व्यक्तियों की अनुमानित संख्या 450 मिलियन है। भारत में लगभग 1.5 मिलियन व्यक्ति जिनमें बच्चे एवं किशोर भी शामिल है, गंभीर मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से प्रभावित हैं। मानसिक बीमारी व्यक्ति के महसूस, सोचने एवं काम करने के तरीके को प्रभावित करती है। यह रोग व्यक्ति के मनोयोग, स्वभाव, ध्यान और संयोजन एवं बातचीत करने की क्षमता में समस्या पैदा करता है। अंततः व्यक्ति असामान्य व्यवहार का शिकार हो जाता है। उसे दैनिक जीवन के कार्यकलापों के लिए भी संघर्ष करना पड़ता हैं, जिसके कारण यह गंभीर समस्या स्वास्थ्य चिंता का विषय बन गयी है। इसलिए [[भारत सरकार]] ने देश में मानसिक बीमारी के बढ़ते बोझ पर विचार करने के उद्देश्य से [[वर्ष]] 1982 में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम (एनएमएचपी) की शुरूआत की थी।<ref name="मानसिक"/>
Line 37: Line 37:
#आनुवंशिक असामान्यताएं।  
#आनुवंशिक असामान्यताएं।  
#[[मस्तिष्क]] की चोट/दोष।  
#[[मस्तिष्क]] की चोट/दोष।  
#[[एल्कोहल]] एवं ड्रग्स जैसे मादक पदार्थों का सेवन।  
#[[अल्कोहल]] एवं ड्रग्स जैसे मादक पदार्थों का सेवन।  
#[[संक्रमण]] के कारण मस्तिष्क की क्षति।
#[[संक्रमण]] के कारण मस्तिष्क की क्षति।
==लोगों में व्याप्त भ्रांतियां==   
==लोगों में व्याप्त भ्रांतियां==   
यह सबसे बड़ी गलत धारणा है कि मानसिक विकारों से पीड़ित व्यक्ति जनता के लिए हिंसक एवं खतरनाक होते हैं। इस तरह का नकारात्मक रवैया एवं ग़लतफ़हमी के परिणामस्वरूप मानसिक विकारों से पीड़ित व्यक्ति समाज से अधिक दूर हो जाते हैं। इसका परिणाम सामाजिक भ्रांतियां ही हैं। मानसिक विकार से पीड़ित व्यक्तियों का प्रभावी ढंग से संवाद न करने की क्षमता के कारण, उनका संपूर्ण [[समाज]] के साथ-साथ सामान्य जनता पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है लेकिन मानसिक विकार से पीड़ित व्यक्ति जन-जागरूकता एवं सामाजिक सहयोग से इन भ्रांतियों को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह कर सकता है।<ref name="मानसिक"/>
यह सबसे बड़ी गलत धारणा है कि मानसिक विकारों से पीड़ित व्यक्ति जनता के लिए हिंसक एवं खतरनाक होते हैं। इस तरह का नकारात्मक रवैया एवं ग़लतफ़हमी के परिणामस्वरूप मानसिक विकारों से पीड़ित व्यक्ति समाज से अधिक दूर हो जाते हैं। इसका परिणाम सामाजिक भ्रांतियां ही हैं। मानसिक विकार से पीड़ित व्यक्तियों का प्रभावी ढंग से संवाद न करने की क्षमता के कारण, उनका संपूर्ण [[समाज]] के साथ-साथ सामान्य जनता पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है लेकिन मानसिक विकार से पीड़ित व्यक्ति जन-जागरूकता एवं सामाजिक सहयोग से इन भ्रांतियों को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह कर सकता है।<ref name="मानसिक"/>

Latest revision as of 06:13, 10 October 2017

विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस
विवरण 'विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस' पूरे विश्व में मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों पर जागरूकता पैदा करने के लिए प्रतिवर्ष मनाया जाता है। इस वर्ष इस दिवस का विषय "कार्यस्थल में मानसिक स्वास्थ्य" रखा गया है।
उद्देश्य दुनिया भर में लोगों को मानसिक बीमारी के प्रति जागरूक करना और जनहित को ध्यान में रखते हुए सरकार को स्वास्थ्य नीतियों के निर्माण के लिए प्रेरित करना।
शुरुआत 1982
तिथि 10 अक्टूबर
संबंधित लेख विश्व स्वास्थ्य दिवस
अन्य जानकारी विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार मानसिक विकारों से पीड़ित व्यक्तियों की अनुमानित संख्या 450 मिलियन है। भारत में लगभग 1.5 मिलियन व्यक्ति, जिनमें बच्चे एवं किशोर भी शामिल है, गंभीर मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से प्रभावित हैं।
अद्यतन‎

विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस (अंग्रेज़ी: World Mental Health Day) पूरे विश्व में मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों पर जागरूकता पैदा करने के लिए प्रतिवर्ष 10 अक्टूबर को मनाया जाता है। इस वर्ष विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस का विषय "कार्यस्थल में मानसिक स्वास्थ्य" रखा गया है। इसके अनुसार मनोवैज्ञानिक प्राथमिक चिकित्सा में सामाजिक एवं मनोवैज्ञानिक दोनों सहयोगों को शामिल किया गया है। जैसे कि सामान्य स्वास्थ्य देखभाल कभी भी अकेले शारीरिक प्राथमिक उपचार के नहीं होती है, वैसे ही मानसिक स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली अकेले मनोवैज्ञानिक प्राथमिक उपचार के नहीं होती है। निस्संदेह, मनोवैज्ञानिक प्राथमिक चिकित्सा के क्षेत्र में निवेश लंबी अवधि के प्रयास का हिस्सा है जो कि यह सुनिश्चित करता है कि संकट के कारण कोई भी गंभीर समस्या से पीड़ित व्यक्ति बुनियादी सहयोग प्राप्त करने में सक्षम होगा तथा जिन लोगों को मनोवैज्ञानिक प्राथमिक चिकित्सा से ज़्यादा सेवाओं की आवश्यकता होगी, उन्हें अतिरिक्त उन्नत सहयोग स्वास्थ्य, मानसिक स्वास्थ्य एवं सामाजिक सेवाओं से प्राप्त होगा।[1]

क्या है मानसिक बीमारी

मानसिक स्वास्थ्य विकार विश्व भर में होने वाली सामान्य बीमारियों में से एक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार मानसिक विकारों से पीड़ित व्यक्तियों की अनुमानित संख्या 450 मिलियन है। भारत में लगभग 1.5 मिलियन व्यक्ति जिनमें बच्चे एवं किशोर भी शामिल है, गंभीर मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से प्रभावित हैं। मानसिक बीमारी व्यक्ति के महसूस, सोचने एवं काम करने के तरीके को प्रभावित करती है। यह रोग व्यक्ति के मनोयोग, स्वभाव, ध्यान और संयोजन एवं बातचीत करने की क्षमता में समस्या पैदा करता है। अंततः व्यक्ति असामान्य व्यवहार का शिकार हो जाता है। उसे दैनिक जीवन के कार्यकलापों के लिए भी संघर्ष करना पड़ता हैं, जिसके कारण यह गंभीर समस्या स्वास्थ्य चिंता का विषय बन गयी है। इसलिए भारत सरकार ने देश में मानसिक बीमारी के बढ़ते बोझ पर विचार करने के उद्देश्य से वर्ष 1982 में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम (एनएमएचपी) की शुरूआत की थी।[1]

बीमारी के मूल कारण

मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के लिए निम्नलिखित कारक उत्तरदायी हैं, जैसे कि –

  1. परिवेश संबंधी तनाव जैसे कि चिंता, अकेलापन, साथियों का दबाव, आत्मसम्मान में कमी, परिवार में मृत्यु या तलाक।
  2. दुर्घटना, चोट, हिंसा एवं बलात्कार से मनोवैज्ञानिक आघात होना।
  3. आनुवंशिक असामान्यताएं।
  4. मस्तिष्क की चोट/दोष।
  5. अल्कोहल एवं ड्रग्स जैसे मादक पदार्थों का सेवन।
  6. संक्रमण के कारण मस्तिष्क की क्षति।

लोगों में व्याप्त भ्रांतियां

यह सबसे बड़ी गलत धारणा है कि मानसिक विकारों से पीड़ित व्यक्ति जनता के लिए हिंसक एवं खतरनाक होते हैं। इस तरह का नकारात्मक रवैया एवं ग़लतफ़हमी के परिणामस्वरूप मानसिक विकारों से पीड़ित व्यक्ति समाज से अधिक दूर हो जाते हैं। इसका परिणाम सामाजिक भ्रांतियां ही हैं। मानसिक विकार से पीड़ित व्यक्तियों का प्रभावी ढंग से संवाद न करने की क्षमता के कारण, उनका संपूर्ण समाज के साथ-साथ सामान्य जनता पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है लेकिन मानसिक विकार से पीड़ित व्यक्ति जन-जागरूकता एवं सामाजिक सहयोग से इन भ्रांतियों को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह कर सकता है।[1]

पीड़ित व्यक्ति से व्यवहार

  1. उनकी भावनाओं एवं स्वभाव को समझें तथा उनके साथ प्रभावी ढ़ंग से संवाद करने का प्रयास करें।
  2. उन्हें भावनात्मक एवं सामाजिक सहयोग दें।
  3. उनके साथ धैर्यपूर्वक व्यवहार करें तथा उनके आत्मविश्वास को बढ़ावा देने में सहयोग करें।
  4. उन्हें रचनात्मक एवं मनोरंजक गतिविधियों जैसे कि पढ़ने, खेलने, घूमने, योगध्यान एवं यात्रा में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करें।
  5. उन्हें नया सीखने एवं नयी रुचियाँ विकसित करने में प्रेरित करें।
  6. उनमें जीवन के प्रति सकारात्मक सोच एवं रवैया पैदा करें।
  7. अपने दैनिक कामकाजों से समय निकालकर उनकी सहायता करें।[1]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 1.2 1.3 विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस (हिन्दी) hi.nhp.gov.in। अभिगमन तिथि: 14 अक्टूबर, 2016।

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख