ऐम्स्टरडैम: Difference between revisions

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ऐम्स्टरडैम का पूर्व नाम ऐम्सटेलरेडैम (ऐम्सटेल नदी का बाँध) था। यह हॉलैंड (नीदरलैंड्स) का प्रमुख नगर है तथा हॉलैंड के उत्तरी प्रदेश में ज़ुइडर ज़ी नामक समुद्री खाड़ी की एक बढ़ी हुई शाखा के दक्षिण भाग पर अ. 52° 22' उ. तथा दे. 4° 53´ पू. पर स्थित है। जनसंख्या सन्‌ 1970 ई. में 8,31,463 थी। नगर अर्धवृत्ताकार है। इस अर्धवृत्त के भीतर चार नहरें–प्रिंसेन, काइज़र, हेरेन तथा ज़िंगल हैं; ये आपस में समांतर तथा बहुकोणिक चंद्राकार रूप में फैली हुई हैं; छोटी-छोटी अन्य सीधी नहरें नगर को प्रत्येक दिशा में काटती हैं। इस प्रकार नगर 90 द्वीपों में विभाजित हो गया है, जिनपर 300 पुल बने हुए हैं। नगर का भाग पहले दलदली भूमि के रूप में था, इसलिए सभी भवन स्तंभों पर टिके हुए हैं जो 14 से 60 फुट तक दलदली भूमि के नीचे पृथ्वी की दृढ़ परत तक धँसाए गए हैं। 13वीं शताब्दी के प्रारंभ में यह नगर मछुओं की बस्ती था। इसमें एक छोटा सा दुर्ग था जिसमें ऐम्सटेल अधिपति निवास करते थे।

सन्‌ 1940 ई. में, द्वितीय महायुद्ध के समय, इस नगर को यथेष्ट क्षति उठानी पड़ी थी। नगर का केंद्रबिंदु सबसे भीतरी चंद्राकार नहर तथा विशाल वर्गाकार बाँध के बीच है। यहीं 14वीं शताब्दी में ऐम्सटरडैम नगर बसा था। नगर के जीवन का केंद्र बाँध ही है। यहाँ एक विशाल महल है जो 13,659 स्तंभों पर खड़ा किया गया है तथा उसपर 182 फुट ऊँचा बुर्ज है।

बदंरगाह तथा ऐम्सटेल के पुल पर से देखने पर नगर का दृश्य बड़ा ही रमणीय दिखाई पड़ता है। गिरजाघरों की मीनारें एवं छत्र तथा नावों के मस्तूलों का जमघट देखते ही बनता है। पुराने बाँध को ऊँचा तथा चौरस कर दिया गया है, जिसपर सुंदर बगीचों तथा वृक्षों की छटा देखने योग्य है। बहुत समय से नगर समुद्र से संबंधित रहने के कारण बहुत प्रसिद्ध हो गया है और साथ ही इसको बड़े-बड़े सामुद्रिकों, व्यापारियों तथा अन्वेषकों का जन्मस्थान होने का भी सौभाग्य प्राप्त है। यहाँ बड़े-बड़े जहाजों के

ठहरने, माल उतारने चढ़ाने तथा रखने की उत्तम व्यवस्था है। संसार की बड़ी-बड़ी जहाजी कंपनियों के मुख्य केंद्र यहीं स्थित हैं।[1]



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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिन्दी विश्वकोश, खण्ड 2 |प्रकाशक: नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 280 |

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