मस्कट: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replacement - "रूचि" to "रुचि") |
आदित्य चौधरी (talk | contribs) m (Text replacement - "कब्जा" to "क़ब्ज़ा") |
||
(One intermediate revision by one other user not shown) | |||
Line 8: | Line 8: | ||
*यहाँ बिजली के खंभों के डिज़ाइन सुरुचिपूर्ण है। सुल्तान क़बूस के चित्र सार्वजनिक स्थलों पर देखे जा सकते हैं। | *यहाँ बिजली के खंभों के डिज़ाइन सुरुचिपूर्ण है। सुल्तान क़बूस के चित्र सार्वजनिक स्थलों पर देखे जा सकते हैं। | ||
*मस्कट में ‘सुल्तान क़बूस मस्जिद’ देखने लायक है। इसे [[2001]] में पूरा किया गया था। यह एक बहुत विशाल मस्जिद है। इसके सामने [[रंग]]-बिरंगे फूलों की छटा देखते ही बनती है। | *मस्कट में ‘सुल्तान क़बूस मस्जिद’ देखने लायक है। इसे [[2001]] में पूरा किया गया था। यह एक बहुत विशाल मस्जिद है। इसके सामने [[रंग]]-बिरंगे फूलों की छटा देखते ही बनती है। | ||
*‘मत्राह सूक’ यहां का परंपरागत बाज़ार है, जो अरब | *‘मत्राह सूक’ यहां का परंपरागत बाज़ार है, जो अरब जगत् के सबसे पुराने बाज़ारों में से एक है। इसमें भारतीय मूल के भी कई लोगों की दुकानें हैं। | ||
*मत्राह, दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा प्राकृतिक बंदरगाह है। यह अरब | *मत्राह, दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा प्राकृतिक बंदरगाह है। यह अरब जगत् के पूर्व के साथ होने वाले व्यापार का एक प्रमुख क्षेत्र रहा है। | ||
*पुर्तग़ालियों ने कुछ समय तक मस्कट पर | *पुर्तग़ालियों ने कुछ समय तक मस्कट पर क़ब्ज़ा बनाए रखा था। मत्राह सूक के बाहर एक [[पुर्तग़ाली]] चौकी है। | ||
Latest revision as of 14:11, 9 May 2021
मस्कट ओमान की राजधानी है। यह शहर समुद्र के किनारे कई पहाड़ियों के बीच बसा हुआ है। यहाँ गर्मियों के दिनों में तापमान काफ़ी उच्च रहता है। ये तापमान कभी-कभी 50 डिग्री तक भी चला जाता है। यहाँ प्रवासी भारतीय भी काफ़ी संख्या में रहते हैं।
- ओमान की राजधानी मस्कट की हवाई दूरी मुंबई से महज़ 2 घंटे है।
- इसकी क़रीब 32 लाख की जनसंख्या में लगभग 11 लाख विदेशी हैं, जिनमें से लगभग दो-तिहाई भारतीय हैं।
- मस्कट में 81% साक्षरता है व पुरुष-महिलाएं सामाजिक गतिविधियों में लगभग समान रूप से सम्मिलित हैं।
- यहाँ की क़ानून व्यवस्था बहुत अच्छी है।
- इस स्थान की अधिकांश इमारतों का रंग सफ़ेद है।
- यहाँ बिजली के खंभों के डिज़ाइन सुरुचिपूर्ण है। सुल्तान क़बूस के चित्र सार्वजनिक स्थलों पर देखे जा सकते हैं।
- मस्कट में ‘सुल्तान क़बूस मस्जिद’ देखने लायक है। इसे 2001 में पूरा किया गया था। यह एक बहुत विशाल मस्जिद है। इसके सामने रंग-बिरंगे फूलों की छटा देखते ही बनती है।
- ‘मत्राह सूक’ यहां का परंपरागत बाज़ार है, जो अरब जगत् के सबसे पुराने बाज़ारों में से एक है। इसमें भारतीय मूल के भी कई लोगों की दुकानें हैं।
- मत्राह, दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा प्राकृतिक बंदरगाह है। यह अरब जगत् के पूर्व के साथ होने वाले व्यापार का एक प्रमुख क्षेत्र रहा है।
- पुर्तग़ालियों ने कुछ समय तक मस्कट पर क़ब्ज़ा बनाए रखा था। मत्राह सूक के बाहर एक पुर्तग़ाली चौकी है।
|
|
|
|
|