सआदत ख़ाँ: Difference between revisions
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*सआदत ख़ाँ अवध के स्वतन्त्र राज्य का संस्थापक था। | *सआदत ख़ाँ अवध के स्वतन्त्र राज्य का संस्थापक था। | ||
*1720 से 1722 ई. तक उसने आगरा के सूबेदार के पद पर भी कार्य किया था। | *1720 से 1722 ई. तक उसने आगरा के सूबेदार के पद पर भी कार्य किया था। | ||
*वर्ष 1722 ई. में सम्राट [[मुहम्मदशाह]] ने उसे अवध का [[सूबेदार]] नियुक्त किया, जहाँ बाद में इसने [[मुग़ल साम्राज्य]] से अलग स्वतन्त्र अवध राज्य की स्थापना की। | *वर्ष 1722 ई. में सम्राट [[मुहम्मदशाह रौशन अख़्तर|मुहम्मदशाह]] ने उसे अवध का [[सूबेदार]] नियुक्त किया, जहाँ बाद में इसने [[मुग़ल साम्राज्य]] से अलग स्वतन्त्र अवध राज्य की स्थापना की। | ||
*सआदत ख़ाँ ने 1723 ई. में नयी राजस्व बन्दोबस्त व्यवस्था को लागू किया। | *सआदत ख़ाँ ने 1723 ई. में नयी राजस्व बन्दोबस्त व्यवस्था को लागू किया। | ||
*1739 ई. में सआदत ख़ाँ को [[नादिरशाह]] के ख़िलाफ़ लड़ने के लिए सम्राट मुहम्मदशाह ने [[दिल्ली]] बुलाया था। | *1739 ई. में सआदत ख़ाँ को [[नादिरशाह]] के ख़िलाफ़ लड़ने के लिए सम्राट मुहम्मदशाह ने [[दिल्ली]] बुलाया था। |
Revision as of 08:32, 25 April 2013
सआदत ख़ाँ प्रारम्भ में अवध में मुग़ल सम्राट का प्रांतीय शासक था, किंतु केन्द्र की दुर्बलता का लाभ उठाकर उसने वर्ष 1724 ई. में अपने को स्वतंत्र घोषित कर लिया था। वह आगरा का सूबेदार भी रह चुका था। सआदत ख़ाँ अपनी मृत्यु तक अवध पर शासन करता रहा था।
- सआदत ख़ाँ अवध के स्वतन्त्र राज्य का संस्थापक था।
- 1720 से 1722 ई. तक उसने आगरा के सूबेदार के पद पर भी कार्य किया था।
- वर्ष 1722 ई. में सम्राट मुहम्मदशाह ने उसे अवध का सूबेदार नियुक्त किया, जहाँ बाद में इसने मुग़ल साम्राज्य से अलग स्वतन्त्र अवध राज्य की स्थापना की।
- सआदत ख़ाँ ने 1723 ई. में नयी राजस्व बन्दोबस्त व्यवस्था को लागू किया।
- 1739 ई. में सआदत ख़ाँ को नादिरशाह के ख़िलाफ़ लड़ने के लिए सम्राट मुहम्मदशाह ने दिल्ली बुलाया था।
- कालान्तर में सआदत ख़ाँ ने ही नादिरशाह को दिल्ली पर आक्रमण करने के लिए प्रेरित किया था। किन्तु उसने आक्रमणकारी को 20 करोड़ की आशा दिलायी थी, परन्तु नादिरशाह से किये गये वादे को न पूरा कर पाने के कारण ही सआदत ख़ाँ ने 1739 में ज़हर खाकर आत्महत्या कर ली।
- सआदत ख़ाँ की मुत्यु के बाद सम्राट मुहम्मदशाह ने सआदत ख़ाँ के भांजे एवं दामाद सफ़दर जंग को अवध की नवाबी प्रदान की।
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