अली मोहम्मद रूहेला: Difference between revisions

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*[[ईस्ट इंडिया कंपनी]] ने 1774 ईस्वी में [[रूहेलखंड]] के नाम से लोकप्रिय इस क्षेत्र पर कब्जा कर लिया। इस प्रकार रूहेलों की सत्ता समाप्त हो गई। कंपनी ने अली मोहम्मद रूहेला के लड़के फै़जुला ख़ाँ को रामपुर सहित इस क्षेत्र का शासक बना दिया।
*[[ईस्ट इंडिया कंपनी]] ने 1774 ईस्वी में [[रूहेलखंड]] के नाम से लोकप्रिय इस क्षेत्र पर क़ब्ज़ा कर लिया। इस प्रकार रूहेलों की सत्ता समाप्त हो गई। कंपनी ने अली मोहम्मद रूहेला के लड़के फै़जुला ख़ाँ को रामपुर सहित इस क्षेत्र का शासक बना दिया।
*फै़जुला ख़ाँ से रामपुर के नवाबों की परंपरा आरंभ हुई, जो एक रियासत के रूप में स्वतंत्रता के समय तक चलती रही।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=भारतीय चरित कोश|लेखक=लीलाधर शर्मा 'पर्वतीय'|अनुवादक=|आलोचक=|प्रकाशक=शिक्षा भारती, मदरसा रोड, कश्मीरी गेट, दिल्ली|संकलन= |संपादन=|पृष्ठ संख्या=53|url=}}</ref>
*फै़जुला ख़ाँ से रामपुर के नवाबों की परंपरा आरंभ हुई, जो एक रियासत के रूप में स्वतंत्रता के समय तक चलती रही।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=भारतीय चरित कोश|लेखक=लीलाधर शर्मा 'पर्वतीय'|अनुवादक=|आलोचक=|प्रकाशक=शिक्षा भारती, मदरसा रोड, कश्मीरी गेट, दिल्ली|संकलन= |संपादन=|पृष्ठ संख्या=53|url=}}</ref>



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अली मोहम्मद रूहेला हिमालय के तराई क्षेत्र में रूहेलों का शासन स्थापित करने वाला व्यक्ति था।

  • ईस्ट इंडिया कंपनी ने 1774 ईस्वी में रूहेलखंड के नाम से लोकप्रिय इस क्षेत्र पर क़ब्ज़ा कर लिया। इस प्रकार रूहेलों की सत्ता समाप्त हो गई। कंपनी ने अली मोहम्मद रूहेला के लड़के फै़जुला ख़ाँ को रामपुर सहित इस क्षेत्र का शासक बना दिया।
  • फै़जुला ख़ाँ से रामपुर के नवाबों की परंपरा आरंभ हुई, जो एक रियासत के रूप में स्वतंत्रता के समय तक चलती रही।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. भारतीय चरित कोश |लेखक: लीलाधर शर्मा 'पर्वतीय' |प्रकाशक: शिक्षा भारती, मदरसा रोड, कश्मीरी गेट, दिल्ली |पृष्ठ संख्या: 53 |

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