बहादुर शाह (ख़ानदेश का शासक)

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बहादुर शाह 16वीं शताब्दी के अन्त में ख़ानदेश का शासक था। मुग़ल बादशाह अकबर के आक्रमण के समय उसने असीरगढ़ के क़िले की काफ़ी बहादुरी के साथ रक्षा की। अकबर ने बहादुर शाह के साथ सुलह के नाम पर धोखा किया और उसे क़ैद कर लिया गया।

  • 1600 ई. में बादशाह अकबर ने असीरगढ़ के क़िले पर घेरा डाल दिया था।
  • संकट के इस समय में बहादुर शाह ने बड़ी योग्यता से 6 महीन तक क़िले की रक्षा की।
  • मुग़ल फ़ौज किसी भी प्रकार से क़िले पर क़ब्ज़ा नहीं कर पा रही थीं।
  • स्थिति को भाँपते हुए अकबर ने बहादुर शाह के सामने सुलह और बातचीत करने का प्रस्ताव रखा।
  • अकबर द्वारा व्यक्तिगत सुरक्षा का आश्वासन पाकर बहादुर शाह मुग़ल खेमे में जाकर सुलह की बातचीत करने के लिए राजी हो गया।
  • बादशाह अकबर ने वायदे को तोड़ते हुए बहादुर शाह को नज़रबन्द कर लिया।
  • अब उसे क़िले में अपने आदमियों को आत्म-समर्पण करने का लिखित आदेश भेजने के लिए बाध्य किया गया।
  • इस प्रकार मुग़ल बादशाह अकबर ने छल से क़िले पर क़ब्ज़ा कर लिया।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

भारतीय इतिहास कोश |लेखक: सच्चिदानन्द भट्टाचार्य |प्रकाशक: उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान |पृष्ठ संख्या: 279 |


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